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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

महिला काव्य मंच पंचकूला इकाई की सबरंग गोष्ठी

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महिला काव्य मंच पंचकूला इकाई की सबरंग गोष्ठी

श्री नरेश नाथ द्वारा स्थापित महिला काव्य मंच (रजि. ) की पंचकूला इकाई सबरंग गोष्ठी का आयोजन 22/02/2023वार बुधवार को किया। श्रीमती गरिमा गर्ग जी की अध्यक्षता में एवं सुनीता गर्ग ( अध्यक्ष ट्राइसिटी) के सानिध्य में यह मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन वह मां शारदे को पुष्प अर्पण कर श्रीमती सुनीता गर्ग जी द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुआ। पंचकूला की उपाध्यक्ष श्रीमती रेणुअब्बी ” रेणू ” ने काव्य गोष्ठी का संचालन कुशलतापूर्वक किया। सभी कलाकारों ने शब्द रूप पुष्प मां शारदे के चरणों में अर्पित किए।
इस मौके पर विशिष्ट साहित्यकार सुदेश नूर जी टोक्यो जापान से सम्मिलित हुई.. शानदार प्रस्तुति होली मनाओ कान्हा के संग.. जसविंदर जी थाईलैंड से… आया राखी का त्यौहार लाया खुशियों का भंडार। प्रसिद्ध कवि सत्यवती आचार्या वीरों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते कहा ए वीर मेरे राष्ट्र के है नमन मेरा तुम्हें। हमारे पंचकूला इकाई के महासचिव मोनिका (मीनू) ने बसंत बहार पर कहा- धरा ने पितांबर औढ़ा रश्मि संग सूरज का डेरा।ट्राइसिटी अध्यक्ष सुनीता गर्ग जी ने सुबह की लालिमा छाई नभ में, भोर ने फिर दस्तक दी जग में तब की बूंद बूंद ओस की। आभा मुकेश साहनी जी ने अपनी भावनात्मक रचना ‘मेरे पापा’सीने से मुझे लगा जब तुम आह भरते थे,नम आंखों से मेरे सिर पर हाथ रखते थे। गरिमा जी ने कहा नदी निर्मल सी दिल में प्यार की बहती है मुद्दत से,मगर सागर की बाहों में कभी हम जा ना पाए। मंजू विसला जी ने इश्क मुश्क है क्या नहीं जानते हम,बस तुम्हारे संग बीते लम्हों में खो जाना। उषा गर्ग जी ने अपनी कविता में “रिक्शा वाली”की कहानी ही कह डाली ।सरोज चोपड़ा जी ने प्रकृति के होते कई रूप निराले,आओ देखें ये मौसम मतवाले। नीरू मित्तल जी ने कुछ यूं कहा सुबह की लालिमा छाई नभ में, भोर ने फिर दस्तक दी जग में। कृष्णा गोयल जी ने कहा आज होली है तुम भी रंग ले आओ ना, खेलेंगे होली आज तुम जरा मुस्कुराओ ना। रेखा मित्तल जी बसंती सा इश्क मेरा खिल गए कुसुम,अचला डिंगले जी ने आओ सब नाचे गाए ढोल नगाड़े खूब बजाएं। सोनिमा सत्या जी ने अभी रास्ते में है यह कश्ती, बहुत दूर इसे जाना है। मोहनी सचदेवा जी ने ‘सुनहरे पल’रचना द्वारा कॉलेज के दिनों को याद दिला दिया बेफिक्री का आलम था वह मौज मस्तियां चारों ओर। अंजू ग्रोवर जी ने हर एक बेटी की यही पुकार पुत्र जैसा मिले सत्कार। अपनी पंजाबी भाषा रचना में बेटी की अहमियत बताई। चंडीगढ़ अध्यक्ष संगीता शर्मा कुंद्रा जी ने तुम्हें मुस्कुराता देखना चाहता हूं, सदा खिलखिलाते देखना चाहता हूं। उपाध्यक्ष पंचकूला रेणु अब्बी’रेणू’ने हल्के से स्पर्श से कुसुम की महक से आओ हम प्यार करें। महिला काव्य मंच पर सभी सखियों ने कार्यक्रम को रंगों से सरोवार किया अपनी शानदार रचना प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया। रेणु अब्बी “रेणू”आने वाले उत्सव होली के लिए शुभकामनाएं दी। ट्राइसिटी अध्यक्ष सुनीता गर्ग जी ने सभी की रचनाओं की बहुत सराहना की ।महिला काव्य मंच पंचकूला की अध्यक्षा गरिमा गर्ग जी ने सब का धन्यवाद किया।