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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

30 नए वर्कस्टेशनों के साथ साइबर सुरक्षा हुई और अधिक प्रभावी, पुलिस महानिदेशक ने हरियाणा 112 की बिल्डिंग में किया विधिवत् शुभारंभ

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– 30 नए वर्कस्टेशनों के साथ साइबर सुरक्षा हुई और अधिक प्रभावी, पुलिस महानिदेशक ने हरियाणा 112 की बिल्डिंग में किया विधिवत् शुभारंभ

– साइबर अपराध से निपटने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण के साथ काम करने के लिए पुलिस महानिदेशक ने किया प्रेरित

चंडीगढ़,  30 अक्टूबर। साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और साइबर अपराध के बढ़ते खतरे से निपटने को लेकर आज पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने 30 नए वर्क स्टेशनों का हरियाणा 112 के कार्यालय में विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य न केवल साइबर अपराध के मामलों से निपटने की दक्षता बढ़ाना है बल्कि विभिन्न एजेंसियों और हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना भी है।

इस दौरान उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों के साथ साइबर अपराध संबंधी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और साइबर अपराध के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस दौरान बताया गया कि हाल ही में मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मेवात और उनके आसपास के क्षेत्रों से हरियाणा में होने वाले साइबर हमलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है जिसके संबंध में साइबर अपराध से निपटने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए एक समर्पित टीम अलग अलग राज्यो में भेजने के बारे में निर्णय लिया गया। यह टीम स्थानीय अधिकारियों और साइबर अपराध इकाइयों के साथ निकट समन्वय में काम करेगी।

बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री कपूर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि साइबर फ्रॉड से आमजन को होने वाले आर्थिक नुकसान को रोका जाए। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी से लोगों के पैसों को तुरंत ब्लॉक करने के लिए साइबर सुरक्षा की टीम के साथ बैंककर्मी भी यहां बैठेंगे ताकि लाइव साइबर अपराध के मामलों पर तत्परता से कार्यवाही करते हुए उन्हें बचाने के लिए एक जुटता से किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला अपने अधिकार क्षेत्र में साइबर अपराध की गंभीरता को समझें और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाते हुए काम करें।

उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग के संज्ञान में आया है कि साइबर अपराधियों द्वारा ग्राहकों की केवाईसी का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए फर्जी बैंक खाते खोले जाते हैं। ऐसे में उन सभी तथ्यों का गंभीरता से अध्ययन किया जाना जरूरी है जिनके चलते साइबर अपराधी फ्रॉड करते हैं। साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में इसकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए बैंको के साथ ओर बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा।

इसी कड़ी में बैंको को ग्राहक सत्यापन और पहचान सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है । बैठक में बताया गया कि टेलीकॉम कंपनियांे को संदिग्ध फोन नंबरों और फोन नंबरों के तेजी से बदलाव पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा गया है और टेलीकॉम कंपनियों द्वारा भी आष्वस्त किया गया है कि साइबर अपराधियों द्वारा मोबाइल नंबर के दुरुपयोग को रोकने के लिए हर संभव मदद की जाएगी।

श्री कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे सतर्क रहें और अपने मोबाइल फोन पर आने वाले किसी भी संदिग्ध लिंक को ओपन ना करें। इसके अलावा, लोग अपने बैंक खाता संबंधी निजी जानकारी भी किसी के साथ सांझा ना करें। व्यक्ति की जरा सी लापरवाही उन्हें साइबर फ्रॉड का शिकार बना  सकती है।

इस दौरान उनके साथ एडीजीपी साइबर ओ पी सिंह, एडीजीपी क्राइम अजय सिंघल, एडीजीपी आईटी अरशिन्दर चावला, पुलिस आयुक्त सिबास कविराज, एसपी ईआरएसएस-1 नुपूर , एसपी ईआरएसएस-2 राजेश कालिया, एसपी साइबर अमित दहिया सहित कई अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।