जालंधर (पंजाब)।थाना मकसूदां सीरियल बम कांड के मास्टरमाइंड अलकायदा के कश्मीरी आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीएच) के एरिया कमांडर आमिर नाजिर मीर से दिनभर दिल्ली मुख्यालय में एनआईए की टीम पूछताछ करती रही। आमिर की मदद से एनआईए जाकिर रशीद भट्ट उर्फ मूसा तक पहुंचना चाहती है। आमिर ने माना कि पंजाब में उनके कई साथी एक्टिव हैं। एनआईए से जुड़े सूत्र ने कहा, जम्मू बस अड्डे पर हैंड ग्रेनेड फेंकने की तरह जेल में बाद सुहैल को भी चंडीगढ़ बस अड्डा में ग्रेनेड फेंकने के लिए मूसा ने टारगेट दिया था।
सुहैल जम्मू से बैग में छिपा कर ग्रेनेड ले भी आया था, मगर चंडीगढ़ बस अड्डे पर वारदात को अंजाम देने की बजाय लौट आया था। इस पर मूसा को बहुत गुस्सा आया था। इसके बाद उनके ही नेटवर्क ने दशहरा पर धमाके की साजिश बनाई थी। इसके लिए आरडीएक्स पहले भेजा गया था और बाद में एके56 अमृतसर पुल के नीचे पेड़ नंबर-19 के नीचे छिपाई गई थी।
पूछताछ में आमिर ने कहा- मूसा जा चुका है पाकिस्तान, मूसा ने कहा था- जहां मौका मिले ग्रेनेड फेंककर रात में ही लौट आओ
आमिर ने माना कि उनका टारगेट मकसूदां पुलिस चौकी नहीं, सीआरपीएफ कैंपस था। तभी शाम को मैसेज आया कि वहां सिक्योरिटी काफी ज्यादा है इसलिए थाने में हैंड ग्रेनेड फेंक सकते हैं। आमिर ने कहा कि मूसा को टारगेट बदलने को लेकर मैसेज किया था तो उसने कहा था कि जहां मौका मिलता है, वहां हैंड ग्रेनेड फेंक कर रात में ही लौट आए। एनआईए यह भी पता लगा रही है कि एके 56 और आरडीएक्स की डिलीवरी देने वाले कौन लोग थे। राज्य की खुफिया एजेंसी दावा कर चुकी है कि कश्मीरी आतंकी खालिस्तानी संगठन से हाथ मिला चुका है। इसलिए एजेंसी पता करना चाहती है कि आरडीएक्स और असलहा की डिलीवरी देने वाले लोग कौन थे। बता दें कि थाने पर धमाके करने वाले दोनों आतंकी साउथ कश्मीर में 22 दिसंबर को एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
मूसा ने ही मीर और गाजी को भेजा था जालंधर
पूछताछ में आमिर ने कहा कि मूसा पाकिस्तान जा चुका है। एनआईए को इस बात पर यकीन नहीं है। एनआईए यह पता कर रही है कि विधिपुर फाटक के पास सितंबर के पहले हफ्ते में शाहिद क्यूम और फाजिल बशीर पिंचू को कौन-सा कश्मीरी युवक 4 हैंड ग्रेनेड देकर गया था। आमिर ने यह जरूर माना कि ग्रेनेड की डिलीवरी के बाद मूसा ने ही मीर रउफ अहमद उर्फ रउफ और मीर उमर रमजान उर्फ गाजी को जालंधर भेजा था। मकसूदां के सूरत नगर पीजी में 13 सितंबर को पहुंचे मीर और गाजी उससे इंटरनेट कॉलिंग के जरिये टच में थे। वे लोग ज्यादातर ब्लैकबैरी मैसेंजर का इस्तेमाल करके एक-दूसरे को मैसेज भेज रहे थे। 14 सितंबर की सुबह उनकी चैट हुई थी। तब गाजी ने कहा था कि वे लोग सीआरपीएफ कैंपस की रेकी करने जा रहे था। एक घंटे बाद मैसेज आया कि वहां पर हैंड ग्रेनेड फेंकना जान को खतरा हो सकता है। इसलिए गाजी और मीर लौट आए थे।
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