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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) और स्थानीय निकायों में शक्तियों का विकेन्द्रीकरण करने सहित अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं

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चंडीगढ़, 30 अगस्त- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज प्रदेश में प्रजातांत्रिक प्रणाली को जमीनी स्तर पर और अधिक सुदृढ़ करने के लिए पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) और स्थानीय निकायों में शक्तियों का विकेन्द्रीकरण करने सहित अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की ताकि  प्रदेश की विकास प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जा सके। 
श्री मनोहर लाल आज पंचकूला में अंतर जिला परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में जिला परिषद के सभी अध्यक्ष, नगरनिगमों के सभी मेयर, नगर परिषदों और नगरपालिकाओं के सभी अध्यक्ष और प्रदेश के प्रत्येक जिले से एक सरपंच ने भाग लिया। 
इससे पूर्व भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और जींद से विधायक स्वर्गीय हरिचंद मिढा की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा गया। 
हरियाणा ने पढ़ी-लिखी पंचायतें देकर देश के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करने के बाद आज पंचायती राज संस्थानों को शक्तियों का विक्रेन्द्रियकरण करने की दिशा में पहल करते हुए अंतर्राजीय परिषद की तर्ज पर अंतर जिला परिषद का न केवल गठन किया बल्कि उसकी पहली बैठक आज पंचकूला में आयोजित कर जन प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री सहित हरियाणा सरकार के अन्य मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों ने सीधा संवाद कर प्रदेश के विकास के लिए सुझाव आमंत्रित किए। 
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अंतर जिला परिषद की बैठक की विधिवत रूप से शुरूआत करते हुए कहा कि लोकतंत्र शासन प्रणाली में आज का दिन ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा गठन को लगभग 52 वर्ष हो गए हैं परंतु जिस भावना से वर्ष 2014 में हरियाणा के लोगों ने हमें पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता सौंप कर राज पलटा था, हमने पिछले चार वर्षों में राजपाट करने की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन किया है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण आज की यह अंतर जिला परिषद की बैठक है। उन्होंने कहा कि देश वर्ष 1947 में आजाद हुआ परंतु 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र राज्य बना और हमें अपना संविधान मिला। उस समय संविधान निर्माताओं ने पंचायती राज संस्थानों के सुदृढ़ीकरण की बात कही थी परंतु उस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वर्ष 1993-94 में संविधान में संशोधन किया गया था परंतु उस पर भी हरियाणा आगे नहीं बढ़ा। आज हमने शक्तियों का विकेन्द्रीकरण करके शक्तियां शहरी व ग्रामीण स्तर की पंचायती राज संस्थानों को सौंप कर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार किया। उन्होंने कहा कि आज से पहले पंचायती राज की शक्तियां राज्य सरकार के पास रहती थी परंतु आज हमने कुछ विभागों के कार्य लोकतंत्र की छोटी सरकारों को सौंपे। उन्होंने कहा कि पढ़ी-लिखी पंचायत देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय तक सरकार ने लड़ाई लड़ी और 45 दिन तक सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद न्यायालय ने हरियाणा सरकार के फैसले को सही ठहराया और अन्य राज्यों को इसका अनुसरण करने को कहा।  
     मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आज से जिला परिषदों के लिए स्वतंत्र रूप से मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त होंगे। इससे पहले उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त और उपमण्डल अधिकारियों को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार दिया जाता था। उन्होंने यह घोषणा की कि अतिरिक्त उपायुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब केवल एकल अधिकारी नहीं होगा बल्कि अलग-अलग अधिकारी होंगे। अब उनको वेतन जिला परिषद के खाते से दिया जाएगा। जिला परिषद के अध्यक्षों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट लिखने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक जिला परिषद के अध्यक्ष ही जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष होते थे और अतिरिक्त उपायुक्त उसका  मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता था। परन्तु अब अतिरिक्त उपायुक्त उसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी नहीं होगा और जिला परिषद का अध्यक्ष ही उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्य करेगा। इसी तरह उपायुक्त भी डीआरडीए का सह-अध्यक्ष नहीं होगा। इस तरह से जिला परिषद के सदस्य अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी के परामर्श के साथ योजनाएं बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आज से ही जिला परिषद के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान कर दिया गया है और वे इस राशि को अपने जरूरत के हिसाब से खर्च कर सकेंगे। इसी प्रकार, प्रदेश सरकार एकल अधिकारी की नियुक्ति पर विचार कर रही है जोकि सभी शहरी स्थानीय इकाइयों के साथ तालमेल कर सके। 
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि जिलों में जिला परिषदों का अपना स्वतंत्र कार्यालय होगा। अब तक केवल सात जिलों में ही जिला परिषद के कार्यालय हैं। डीआरडीए का कार्यालय भी उसी परिसर में स्थापित किया जाएगा। 
इस दिन को एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर जिला परिषद का गठन इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राम पंचायत समिति और जिला परिषद एक शासक के रूप में कार्य कर सकें और उन्हें विकास कार्यों के लिए आवश्यक कोष और शक्तियां स्वत: प्रदान हों। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने  विभागों के कुछ चिन्हित कार्य जिला परिषद को हस्तांतरित करने का भी निर्णय लिया है ताकि वे अपने क्षमता के हिसाब उन्हें क्रियान्वित कर सकें। उन्होंने कहा इसके लिए फंड जिला परिषद को दे दिए जाएंगे लेकिन इन कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) राज्य सरकार द्वारा तैयार करवाई जाएगी। जो कार्य जिला परिषद द्वारा किये जाएंगे उनमें शमशान घाटों व कब्रिस्तानों में पक्का रास्ता, चार दीवारी, शेड तथा पानी की व्यवस्था करना, स्वच्छता का कार्य देखने, बस क्यू शैल्टर, मोबाईल टावर लगाना शामिल है। इसके अलावा, पंचायती राज संस्थाओं को सोशल ऑडिट सिस्टम में भी शामिल किया जाएगा ताकि सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर करवाए जा रहे कार्यों की प्रभावी निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्याप्त स्टाफ भी उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि पीआरआई स्वतंत्र और दक्ष रूप से कार्य कर सकें।  हर पंचायत समिति में स्वच्छता निरीक्षक नियुक्त किया जाएगा तथा जिला परिषद में इंजिनियरिंग विंग की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जिला की सभी नगर परिषदों व नगर पालिकाओ के लिए एक नोडल अधिकारी स्वतंत्र रूप से नियुक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकायों को जलापूर्ति, विज्ञापन के होर्डिंग, मोबाईल टावर से भी राजस्व जुटाने का अनुरोध किया। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदों का अब से शोषण नहीं दोहन होगा। सरकारी कामों में उनकी भागीदारिता बढ़ाई जाएगी और राजस्व जुटाने के उन्हें संसाधन जुटाने होंगे। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थानों को मैचिंग ग्रांट के आधार पर सरकार की ओर से सहायता दी जाएगी। 
 पंचायती राज संस्थानों को अच्छे मन से काम करने का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि भाव भावना को लेकर हम आगे बढेंगे तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पंचायती राज के जन प्रतिनिधियों का जनता से सीधा संबंध रहता है। सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रचर व क्षमता वृद्धि की सहायता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों के जन प्रतिनिधि को जनहित के कार्यों में स्वेच्छा से जुडऩे वाले लोगों को प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि छठी से 12वीं तक के स्कूली बच्चों को एक-एक पौधा लगाने के लिए हमने मानसून मौसम के दौरान पौधगिरी कार्यक्रम आरंभ किया और दो महीने में ही 16.50 लाख पौधे रोपित किए गए। गैर सरकारी संगठन भी मेरा शहर-ग्रीन शहर जैसे कार्यक्रमों से जुडक़र पौधगिरी अभियान को आगे बढा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों को खुले मन से समाज को परिवार मान कर कार्य करने का आहवान किया। 
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री श्री ओ.पी. धनखड़ ने कहा कि 30 अगस्त लोकतंत्र के इतिहास में हरियाणा ने सुनहरी अक्षरों में लिख दिया है। व्यवस्था परिवर्तन ही नहीं आज रूपांतरण करके हमने पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों को महसूस करवा दिया कि सरकार उन्हें सशक्त बनाने की ओर कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा कि हमने पंचायतों को शिक्षित से सक्षम, सक्षम से समर्थ और अब सामर्थ से सहभागी बनाने की ओर बढ कर उन्हें गौर्वान्वित किया है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में युवा पंचायतें हैं। औसतन आयु 32 से 35 वर्ष है। महिलाओं, अनुसूचित जातियों व पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व आरक्षित कोटे से भी अधिक बढ़ा है। आज हरियाणा की पंचायतें एजंडायुक्त पंचायतें हैं और अपने क्षेत्र का विकास कैसा हो। इसका सपना लेती हैं। पढ़ी-लिखी पंचायतों को विश्वविद्यालयों से तीन-तीन महीनों के ग्रामीण विकास के प्रमाण पत्र कोर्स करवाए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री सहित अन्य प्रतिनिधि सचिवालय में बैठते हैं उसी प्रकार सरपंचों के लिए ग्राम सचिवालय बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरपंचों को 20 लाख रुपये तक, पंचायत समितियों को दो से 2.50 करोड़ रुपये तक जिला परिषद को 10 करोड़ रुपये तक के विकास कार्य करवाने के लिए अधिकृत किया गया है। हम पंचायतों को सशक्त करने के लिए एक मिशन के रूप में लेकर चले हैं। 23 सितंबर तक सभी पंचायतों में ग्राम गौरवपट लगाए जाएंगे जिन पर स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों, दानवीरों, खिलाडिय़ों व हर क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले उस गांव के व्यक्तियों के नाम अंकित किए जाएंगे। हर गांव में शहीदी स्मारक स्थापित किए जाएंगे, जिनमें प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध तथा कारगिल व उसके बाद के शहीदों के नाम अंकित किए जाएंगे। हम स्मार्ट सिटी की तहर स्मार्ट गंाव की ओर बढ रहे हैं। गर्वित नाम से युवाओं को जोड़ा है। 
         श्री धनखड़ ने जन प्रतिनिधियों से आहवान किया कि वे मेरी फसल-मेरा योजना से किसानो को जोड़े और उनकी फसलों का ब्यौरा अटल सेवा केन्द्रों के माध्यम से डालें। उन्होंने कहा कि सामाजिक दायित्व की ओर भी हम बढे हैं। सेवन-स्टार रेटिंग देने की योजना से हमने ग्राम पंचायतों को सुराज का प्रतीक बनाया है और 18 प्रतिशत प्रचायतों को स्टार प्राप्त हुए हैं और 20 करोड़ रूपए तक की राशि उन्हें दी गई है। 
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए अपने अभिभाषण मे कहा कि जन तंत्र को नीयती से कार्य किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जैसे विरले व्यक्ति हमें मिले हैं जिनकी हम कल्पना ही नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का विजन है कि पंचायती राज के जन प्रतिनिधियों को तीन एफ अर्थात फंक्शन, फंक्शनरी व फंड पर फोकस देकर सामर्थ होकर आगे बढऩा होगा। उन्होंने ग्राम पंचायतों को स्टार-रेटिंग देने की योजना आरंभ करने के लिए विकास एवं पंचायत मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि सहयोग व प्रतिस्पर्धा का एक वातावरण तैयार हुआ है। सहभागिता को हमें जन भागिता से जन सशक्तिकरण में बदल कर 21वीं सदी के भारत में विकास एक नई गाथा लेकर हरियाणा को आदर्श राज्य बनाना है। 
  इस अवसर पर हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा है कि आधुनिकरण के साथ शहरों में दिन-प्रतिदिन गांवों से लोगों का रूझान शहरों की ओर बढ रहा है तथा शहरीकरण निरंतर चल रहा है। लोगों तक सभी आधारभूत सुविधाएं देने के लिए सरकार कटिबद्ध है और इसके लिए कार्य योजना तैयार की गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 82 शहरी स्थानीय निकाय कार्य कर रहे हैं, जिनमें नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शहरी स्थानीय निकायों में 100 से अधिक नागरिक सुविधाएं ऑनलाईन उपलब्ध करवाई जा रही हैं। प्रदेश में  सिटीजन हैल्प सेंटर शुरू किए जाने की योजना है  ताकि आम जन को जरूरत की सभी सुविधाएं जैसे प्लंबर, इलेक्ट्रीशन आसानी से मिल सकें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एडवटाईजमेंट पॉलिसी बनाई गई है। इसके अलावा, सीएलयू दिये जाने की व्यवस्था को ऑनलाईन किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि लैंड पुलिंग को मजबूत करने के लिए प्रणाली तैयार की जा रही है। राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार सामाजिक सरोकार जैसे कार्य कर रही है जो लोगों के विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधियों को विशेष अधिकार दिये गए हैं वे अपने अधिकारों को जान कर प्रदेश के लोगों के विकास के लिए परियोजना तैयार करें। उन्होंने सभी जन प्रतिनिधियों से आहवान किया कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने देश व प्रदेश को 2019 तक स्वच्छ बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है उसे पूरा करने में सभी सक्रिय रूप से कार्य करें। 
    बैठक में विधायक श्री ज्ञानचंद गुप्ता, श्रीमती लतिका शर्मा, मुख्य सचिव श्री डी.एस. ढेसी, हरियाणा स्वर्ण जयंती वित्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक व अंतर जिला विकास परिषद के सदस्य सचिव विवेक जोशी, वित्त विभाग के प्रधान सचिव टी.वी.एस.एन प्रसाद, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, ग्राम व पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, पंचकूला के उपायुक्त मुकुल कुमार, डीसीपी अभिषेक जोरवाल, अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा के अलावा जिला परिषदों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं, नगर निगमों, पंचायत समितियों के अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।