पानीपत.प्रदेश के 8 लाख 28 हजार बच्चे और 2 लाख 57 हजार गर्भवती महिलाओं को अब चार दिनों तक पौष्टिक आहार नहीं मिलेगा। क्योंकि बुधवार से आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन ने इन चार दिनों तक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की घोषणा की है। सरकार के आखिरी विधानसभा बजट सत्र के शुरू होने के साथ ही कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल पहले से चल रही है। अब आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन ने बुधवार से हड़ताल की घोषणा कर दी है। वर्कर एवं हेल्पर की ओर से बुधवार से 23 फरवरी तक हड़ताल की जाएगी। यदि सरकार ने मांगंे नहीं मानी तो 24 फरवरी के राज्य स्तरीय सम्मेलन में इस हड़ताल को और बढ़ाया जा सकता है।
प्रदेश में 25 हजार 962 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें करीब 51 हजार वर्कर और हेल्पर कार्य कर रही हैं। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्री शर्मा, महासचिव शकुंतला, सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान अध्यक्ष सतवीर सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले विधानसभा सत्र में जो घोषणाएं की थी, वह पूरी नहीं कर रही है।
एनएचएम कर्मचारियों का अनशन शुरू, नारनौल में अर्द्धनग्न प्रदर्शन :अपनी मांगों को लेकर 5 फरवरी से हड़ताल पर हैं। उनका मंगलवार से जिला मुख्यालयों पर 72 घंटे का अनशन शुरू हो चुका है। नारनौल में कर्मचारियों ने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। उनकी हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है।
एनएचएम कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रेहान राजा का कहना है कि 21 तक हड़ताल पहले से घोषित है। मांगे न माने जाने पर इसे और भी बढ़ाया जा सकता है। धरने भी दिन रात शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से उनकी मांग सेवा सुरक्षा की है।
नियमतिकरण नहीं हो सकता तो उन्हें रिटायरमेंट की उम्र तक स्थाई रूप से लगाए रखा जाए। जबकि इधर, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एक दिन पहले ही कह चुके हैं कि इनकी मांगें पूरी की जा चुकी हैं। इन्हें नियमित नहीं किया जा सकता। सरकार इनसे सख्ती से निपटेगी।
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