Dainik Bhaskar
Aug 04, 2019, 08:54 AM IST
बॉलावुड डेस्क. दोस्ती को ब्लड रिलेशन के बराबर और कई मामलों में तो उससे बड़ा दर्जा भी हासिल है। डिजिटल दुनिया में भी इस रिश्ते की बुनियाद, मियाद और अहमियत तीनों वैसी ही कायम है। लोग उस रिश्ते को लेकर कड़े इम्तिहान देने को आज के सोशल मीडिया के दौर में भी तैयार रहते हैं, जिसने संबंधों को अलग तरह से प्रभावित किया है। इस डिजिटल दौर में कई सेलेब्स आज भी अपने दोस्तों से जुड़े हुए हैं। फ्रेंडशिप डे पर स्टार्स ने डिजिटल दोस्ती पर अपनी राय रखी…
सोशल मीडिया के जरिए दोस्तों से जुड़ी हुई हूं : अनन्या पांडे
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- सोशल मीडिया के दौर में टेक्नोलॉजी ने अलग तरह से रिश्ते पर असर डाला है। मेरे ज्यादातर दोस्त अमेरिका, लंदन में स्टडी कर रहे हैं। मैं सोशल मीडिया की वजह से ही उनके साथ संपर्क में हूं। हम उनसे दूरी महसूस नहीं करते। हमें पता चलता रहता है कि वे क्या कर रहे हैं, क्या अपडेट्स हैं उनके? मैं रोजाना उनसे स्नैपचैट्स के जरिए जुड़ी रहती हूं। मैं सोशल मीडिया दौर में पैदा हुई हूं। सुहाना और शनाया मेरी क्लोज फ्रेंड वाली टोली से हैं। शनाया पैदा भी नहीं हुई थी, जब मैं महीप आंटी की गोद में खेलती थी। सुहाना के साथ भी ऐसा ही रहा। इस तरह देखा जाए तो शनाया के साथ तो मेरा संबंध उसके पैदा होने से पहले का है।
- हम तीनों बड़ी मस्तीखोर हैं। हम तीनों बचपन से एक्टिंग गेम खेलते रहे हैं। कोई परफॉर्म करने को कहता तो हम सदा तैयार ही बैठे रहते थे। हम तीनों साथ में केकेआर के मैच देखने जाते थे। वहां होने वाले फोटोशूट्स को क्लोजली वॉच करते थे। सुहाना और शनाया के अलावा भी हमारा स्कूल टाइप का क्लोज ग्रुप है। वे सब मुझे जमीन से जुड़े रखने में मदद रखती हैं। ऑफकोर्स दिया, जाह्नवी, काशिफ, शर्मिन और आर्यन काफी स्पेशल फ्रेंड्स हैं मेरे। हम सब तकरीबन एक स्कूल से हैं। हम सबने लोअर केजी से लेकर 12 वीं तक की पढ़ाई की थी। पुनीत, तारा और टाइगर को मैं इंडस्ट्री वाले दोस्त करार दूंगी। वह इसलिए कि उनके साथ मैंने काम करना शुरू किया। उनके साथ सदा ईटरनल बॉन्ड रहेगा। भले हम लंबे टाइम के लिए भी साथ न मिले तो।
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मैं दोस्तों चैट करने से ज्यादा मिलना पसंद है : सान्या मल्होत्रा
- सोशल मीडिया के जमाने में दोस्ती के संबंध अपने तरीकों से शक्ल अख्तियार कर रहे हैं। ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम के जरिए हम वर्चुअली चौबीसों घंटे एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। हालांकि मैं डिजिटली संपर्क में रहने के बजाय घर पर सबसे फेस टू फेस मिलना पसंद और प्रेफर करती हूं।
- मैं भी सोशल मीडिया पर्सन हूं। लगातार वहीं रहती हूं, मगर फोन साथ न हो तो मैं वक्त निकाल कर यकीनन दोस्तों के साथ टाइम स्पेंड करती हूं। रहा सवाल इंडस्ट्री के दोस्तों का तो वे सभी मेरे दोस्त हैं, जिनके साथ मैं काम कर चुकी हूं। अपारशक्ति खुराना, फातिमा सना शेख, ऋत्विक, सुहानी सब मेरे काफी क्लोज हैं। हम सब व्हाट्सऐप वगैरह पर लगातार टच में रहते हैं। राधिका मदान मेरी बेस्ट बडी है। बचपन वाले दोस्तों की भी टोली टच में है। अंजली और शुभि मेरी सबसे गहरी दोस्त हैं। वे मेरी ट्रैवल और चडी बडी हैं। हमारी इतनी गहरी दोस्ती है कि उनसे झगड़ भी नहीं सकते। वह इसलिए कि वे मेरी राजदार हैं। उनसे झगड़ा कर लिया और पता चला कि उन्होंने जाकर मेरे सारे राज ही उगल दिए। बहरहाल, जोक्स अपार्ट वे मेरी बहुत क्लोज हैं। वे मेरे लिए फैमिली से बढ़कर हैं। मेरी फैमिली हैं वे।
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ताउम्र रहती है बचपन के दिनों वाली दोस्ती : दिशा पटानी
मैंने इस पर गौर तो नहीं किया है कि सोशल मीडिया के दौर में दोस्ती कैसे बदली है। ग्लैमर इंडस्ट्री में भी आए मुझे बहुत अरसा तो नहीं हुआ है। इंडस्ट्री में मुझे आए बहुत साल नहीं हुए हैं। दोस्ती ऐसी चीज है, जिसे परखने और समझने में वक्त लगता है। एकाध दिन या साल के आधार पर नहीं मैं नहीं बता सकती कि इंडस्ट्री में दिखावे वाली ही दोस्ती होती है। यह गलत होगा। रहा सवाल चाइल्डहुड फ्रेंडशिप का तो स्कूल के दिनों से मेरे चार दोस्त हैं। वे मेरे अब भी दोस्त ही हैं। ताउम्र रहेंगे ही। मेरा भी मानना है कि डिजिटल दुनिया के दोस्तों से कीमती रियल लाइफ दुनिया के दोस्त होते हैं।
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दोस्त आजादी का भाव होते हैं : ऋतिक रोशन
दोस्ती सबसे अहम जज्बात है। हर संबंध का आगाज दोस्ती से होता है। ऐसे रिश्ते में बिना किसी निजी हित, एजेंडे के एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं। इसमें एक दूसरे के प्रति आदर भाव, समझदारी, आजादी और सेंस ऑफ सेक्योरिटी के भाव होते हैं। अपने दोस्तों के साथ सेफ महसूस करते हैं। उनके साथ आप कुछ भी बात कर सकते हैं। वे आपको जज नहीं करते। यह चीज दोस्ती की सबसे खूबसूरत है। इससे ज्यादा मैं नहीं बोलना चाहता। दोस्ती के मसले को मैं पर्सनल और प्राइवेट अपने तक रखना चाहता हूं।
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सोशल माीडिया पर नहीं हूं इसलिए दोस्त भी नहीं हैं: कंगना रनोट
मैं ट्विटर, फेसबुक आदि पर हूं तो नहीं, पर देखती हूं कि उसकी मदद से लोग एक दूसरे से कनेक्ट कर पाते हैं। हमारे स्कूल के दिनों में तो सोशल मीडिया था नहीं। मेरी इनिशियल स्टडीज तो हिमाचल और चंडीगढ़ में हुई थी। मैं एक जगह टिक कर नहीं रही तो दोस्त बदलते गए। उनका साथ छूटता गया। सोशल मीडिया रहता तो शायद उनसे कनेक्शन रख पाती। मैं कोशिश करती हूं कि काम और दोस्ती को अलग रख सकूं। दोस्ती में काम के आने या काम में दोस्ती का आ जाने से पूरा माहौल इमोशन से भर जाता है। कजन भाईयों और बहनों का व्हाट्सऐप ग्रुप तो है। उस पर हम सब एक दूसरे का हाल-चाल लेते रहते हैं। इंडस्ट्री में भी दोस्ती होती है। हालांकि आर्टिस्ट बड़े हाईपर सेंसिटिव होते हैं तो दोस्ती में उतार चढ़ाव आता रहता है। मेरे भी कई दोस्त हैं। जैसे अश्विनी अय्यर, अनुराग बासु हैं। मेरे हेयरस्टायलिस्ट हैं। प्रसून जोशी सर मेरे बहुत अच्छे इंडस्ट्री वाले दोस्त हैं। हालांकि इंडस्ट्री वाली दोस्ती वैसी नहीं होती, जैसी कजिन भाइयों, बहनों के साथ या फिर चाइल्डहुड वाली होती है। यहां आदर भाव वाला मामला ज्यादा आ जाता है।
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