दैनिक भास्कर
May 29, 2020, 05:00 AM IST
मोहाली. लॉकडाउन के चलते पहले ही लोगों के काम बंद हैं और पैसे न होने के चलते वे परेशान हैं। लेकिन इएसआईसी (इम्लॉय स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन) कर्मचारियों को अपनी सैलरी से हर महीने 4 फीसदी भुगतान करने के बावजूद जरूरत पड़ने पर इलाज के नाम पर सिर्फ परेशानी मिल रही है। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है जिसमें इंडस्ट्रियल एरिया फेज-7 की एक फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारी का हाथ मशीन में आ गया और उसके हाथ की 2 उंगलियां कट गई।
जिसके बाद उसे तुरंत इंडस्ट्रियल एरिया फेज-7 स्थित ईएसआईसी हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन वहां पर न तो उसे इलाज मिला और न ही कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए उसे किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर किया गया। जबकि ईएसआईसी हॉस्पिटल की ओर से उसे जीएमसीएच-32 भेज दिया गया, जहां पहले ही इस समय कोरोना संक्रमण का काफी खतरा है। वहां इलाज करवाने के लिए पीड़ित कर्मचारी शेलेंद्र कुमार के पास पैसे नहीं थे। लेकिन जिस फैक्टरी में वह काम करता था उसके मालिक ने रुपए देकर इलाज करवाया गया। तब जाकर शेलेंद्र का मंगलवार रात 12 बजे इमरजेंसी में ऑपरेशन हुआ।
न इलाज किया, न कैशलेस रेफर किया
शेलेंद्र कुमार ने बताया कि जब उसके साथ फैक्टरी में हादसा हुआ तो उसे तुरंत ईएसआईसी हॉस्पिटल लेकर जाया गया। लेकिन वहां पर उसे इलाज नहीं मिला और न ही फर्स्ट एड दी गई। उसे जीएमसीएच-32 रैफर कर दिया गया। शेेलेंद्र ने बताया कि उसने हॉस्पिटल वालों से कहा भी कि किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में कैशलेस रैफर कर दें। क्योंकि उसके पास अभी इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं हैं।
एमआईए ने ईएसआईसी डायरेक्टर से की शिकायत
मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन के लेबर लॉ कमेटी के चेयरमैन एडवोकेट जसबीर ने बताया एमआईए की ओर से ईएसआईसी डायरेक्टर को शिकायत की गई है। ईएसआईसी के सीनियर स्टेट मेडिकल कमिश्नर डॉ. अमन से बात की गई तो उन्होंने कहा हॉस्पिटल को निर्देश दिए थे कि इमरजेंसी और एक्सीडेंट केसों में मरीज को कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए रैफर किया जाए। लेकिन उसके बावजूद हॉस्पिटल की ओर से मरीज को जीएमसीएच 32 रेफर कर दिया गया।