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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

सुरेश ओबेरॉय बोले- मैंने एक करोड़ का नुकसान उठाया लेकिन कैश में लेन-देन नहीं किया

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  • Suresh Oberoi suffered loss of 1 crore but didn’t take cash in on the transaction

Dainik Bhaskar

Jun 26, 2019, 09:28 AM IST

बॉलीवुड डेस्क. काले धन के मामले पर फिल्‍म इंडस्‍ट्री जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपना रही है। चाहे इसके चलते छोटे बजट की फिल्‍में बननी बंद हो गई हों। वहीं एक्टर्स भी अब काले धन को प्रमोट ना करने की पॉलिसी अपना रहे हैं। हाल ही में अभिनेता सुरेश ओबेरॉय ने एक करोड़ का नुकसान उठाया लेकिन पैसे का लेन-देन कैश में नहीं किया। 

 

 

 

 

 

 

कैश में नहीं करता लेन देन: सुरेश ओबरॉय

    • अभिनेता बताते हैं कि मैंने कुछ दिन पहले ही अपना पुराना ऑफिस बेचा। वहां  रकम का लेन देन कैश में नहीं किया। उसके चलते भले एक करोड़ कम मिले, लेकिन मैंने ब्‍लैक मनी को प्रमोट नहीं किया। इसके अलावा मैं पहले अपने स्टाफ को सैलेरी चेक से देता था। लेकिन अब मैं सैलेरी पे-टीएम और क्रेडिट कार्ड के जरिए देता हूं। 
    • ओबेरॉय बताते हैं, पहले क्‍या हालात थे, वह तो सब जानते हैं। उसके क्‍या असर रहे, उससे भी सब वाकिफ हैं। लेकिन नोटबंदी के बाद चीजें बदली हैं। सब कुछ साफ हो गया है। इंडस्‍ट्री अब काले धन को सफेद में कन्‍वर्ट करने वाला टूल नहीं रहा। ओबेरॉय के फिल्मी करियर की बात करें तो उन्हें 20 साल बाद फिल्म मणिकर्णिका में देखा गया। इसके बाद कबीर सिंह और पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक में भी वो नजर आए।
  1. इंडस्ट्री में कालेधन पर लगी रोक: एक्सपर्ट

    ट्रेड पंडितों का कहना है कि काले धन के सफाए में नोटबंदी जैसे कदम से फायदे हुए हैं। लेकिन फिल्‍म मेकिंग महंगी हो गई है। मिसाल के तौर पर पहले एक्‍टर्स अपनी फीस अगर 8 करोड़ कोट करते थे तो अब 9 से 10 करोड़ कोट करने लगे हैं। ताकि जीएसटी और बाकी टैक्‍स उन्‍हें अपनी फीस से न देना पड़े। बाकी आर्ट और कॉस्‍ट्यूम डिजाइन से लेकर सभी डिपार्टमेंट के लोगों ने भी यही करना शुरू कर दिया है। इसकी मार छोटे बजट के मेकर्स पर पड़ी है। फिल्‍म मेकिंग अब धीरे धीरे कॉरपोरेट स्‍टूडियो और बड़े प्रोड्यूसर्स के बीच ही सिमटता जा रहा है। इसलिए छोटे मेकर्स किसी और बिजनेस में कदम रखने लगे हैं।

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