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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

फ्रांस में अखबार की बिक्री बढ़ाने के लिए 1903 में पहली बार यह रेस हुई, अब इसका 106वां सीजन चल रहा है

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  • दुनिया की सबसे पुरानी मल्टीपल स्टेज साइकिल रेस है टूर डी फ्रांस
  • इसकी प्राइज मनी 18 करोड़ रुपए है, चैम्पियन को 3.8 करोड़ रु. मिलते हैं
  • रेस 28 जुलाई को पूरी होगी, 22 टीमों के 176 राइडर हिस्सा ले रहे है

Dainik Bhaskar

Jul 26, 2019, 08:31 AM IST

खेल डेस्क. टूर डी फ्रांस दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और पुरानी साइक्लिंग रेस है। फ्रांस में 1903 में पहली बार यह रेस हुई थी। उसके बाद हर साल होने लगी। इस बार रेस का 106वां सीजन है। यह मल्टीपल स्टेज साइकिल रेस है। 3480 किमी की रेस 21 स्टेज में खत्म होती है। इस साल अब तक इसकी 18 स्टेज हो चुकी हैं। रेस 6 जुलाई को ब्रसेल्स (बेल्जियम) से शुरू हुई थी। 28 जुलाई को शेंज-एलीजे (पेरिस) में खत्म होगी। 18 स्टेज के बाद डीसीयूनिक क्विक स्टेप टीम के फ्रेंच राइडर जूलियन एलाफिलिप पहले नंबर पर चल रहे हैं। रेस की प्राइज मनी 18 करोड़ रुपए है। चैम्पियन को 3.8 करोड़ रुपए मिलते हैं।

रेस का रूट हर साल बदलता है 
यह यूनियन साइक्लिस्ट इंटरनेशनल (यूसीआई) वर्ल्ड टूर इवेंट है। इसमें यूसीआई वर्ल्ड टीमें हिस्सा लेती हैं। यह रेस हर साल जुलाई में ही होती है। लेकिन हर साल रूट बदल दिया जाता है। यह इंटर-नेशन रेस है। यानी यूरोप के अलग-अलग देश में होती है। यह रेस शुरू किसी भी शहर से हो, लेकिन खत्म पेरिस में ही होती है।

फ्रांस में 42.6 डिग्री सेल्सियम तापमान, इसलिए राइडर आइस क्यूब से भरी जैकेट पहन रहे हैं
इन दिनों पूरे यूरोप में भीषण गर्मी पड़ रही है। वहां इस समय तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। गर्मी और हीट स्ट्रोक से बचने के लिए राइडर आइस क्यूब्स भरी प्लास्टिक की जैकेट पहनकर रेस में हिस्सा ले रहे हैं।

फ्रांस में रेस की लोकप्रियता देख इसके जरिए अखबार की बिक्री बढ़ाने का फैसला हुआ था
1900 के आस-पास फ्रांस में साइकिल रेस काफी लोकप्रिय थी। लॉ ऑटो अखबार की बिक्री बढ़ाने के लिए रेस कराने का फैसला हुआ। यहीं से टूर डी फ्रांस शुरू हुआ। रेस में हर स्टेज का अलग- अलग विजेता होता है। हर स्टेज के विजेता के टाइम को जोड़ा जाता है, जो रेस पूरी करने में सबसे कम समय लेता है, वह चैंपियन बनता है। उसे यलो जर्सी मिलती है। इस बार 13वीं स्टेज सबसे छोटी 27.2 किमी की थी। जबकि सबसे लंबी सातवीं स्टेज (230 किमी) थी।