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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पंजाब का आर्थिक संकट और गहराएगा, जीएसटी शेयर 1200 करोड़ घटेगा, सेंट्रल स्कीम्स में भी 5000 करोड़ रुपए कम मिलेंगे

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  • पंजाब की जीएसटी कलेक्शन गिरी तो और कम मिलेगा शेयर : एक्सपर्ट
  •  केंद्र सरकार में तीन-तीन केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी के बावजूद निराशा

Dainik Bhaskar

Feb 02, 2020, 08:36 AM IST

चंडीगढ़/जालंधर. केंद्र सरकार में तीन-तीन केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी के बावजूद केंद्रीय बजट 2020 में पंजाब को निराशा हाथ लगी है। पंजाब को केंद्र से जीएसटी में 8 फीसदी शेयर कम मिलने तथा केंद्र प्रायोजित स्कीमों में केंद्रीय हिस्सेदारी 10 फीसदी तक घटने से पंजाब सरकार का आर्थिक संकट और गहराने के आसार बन गए हैं।

सरकार को पिछले साल कुल 13,431 करोड़ रुपए मिलने थे। रिफंड के मुकाबले इस बार करीब 1200 करोड़ रुपए का कम रिफंड मिलेंगे। हालांकि पंजाब का वित्तीय वर्ष 2019-20 में जीएसटी कलैक्शन निर्धारित लक्ष्य से 44 फीसदी कम रहा है। अभी सूबा सरकार ने जीएसटी रिकवरी में 5 फीसदी बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा हुआ है।

फाइनेंशियल एक्सपर्ट पीएल गर्ग ने बताया कि केंद्र प्रायोजित स्कीमों में मिलने वाली रकम में भी केंद्र ने 10 फीसदी कटौती का एलान किया है। यदि यह कटौती पंजाब को मिलने वाली स्कीमों पर भी लागू हुई तो सूबा सरकार को केंद्र से 5000 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। पिछले बजट में सूबे को जीएसटी से 4031 करोड़ रुपए कार्पोरेशन टैक्स से 4313 करोड़ इनकम टैक्स के रूप में 3624 करोड़, कस्टम टैक्स के रूप में 836 करोड़ व यूनियन एक्साइज टैक्स के रूप में 514 करोड़ रुपए हासिल हुए थे।

पंजाब सरकार के पूर्व वित्तीय सलाहकार और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर डाॅ. सरदारा सिंह जाैहल ने कहा, वित्त मंत्री ने बजट पेश करने की बजाय देश काे अकाउंटिंग डिटेल में उलझाया है। केंद्र पहले ही पंजाब काे जीएसटी का पूरा हिस्सा नहीं दे रही और आने वाले समय में दिक्कतें और बढ़ेंगी। पंजाब काे मिलने वाले जीएसटी के शेयर में आने वाले समय में और ज्यादा कटाैती संभावित है।

बजट में सिर्फ बयानबाजी
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि अर्थव्यवस्था केंद्र की प्राथमिकता नहीं है। एजेंडा नकारात्मकता और विभाजनकारी है। बजट में कुछ नहीं है। बजट में बयानबाजी ही है। चाहे वह किसान, नौजवान, व्यापारी या मध्यम वर्गीय और गरीब लोग हों।

कृषि को 15 लाख करोड़

शिअद के मुखिया सुखबीर बादल ने बताया कि इनकम टैक्स में दी छूट से लाभ होगा। डिजिटलीकरण, बुनियादी ढांचे तथा उद्योग को बढ़ावा देकर उंची जीडीपी की जमीन तैयार की गई है। कृषि क्षेत्र के लिए 15 लाख करोड़ का आवंटन स्वागत योग्य है।