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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

नाभा के बाद लुधियाना जेल कांड, कैप्टन ने जेल मंत्री से मांगी रिपोर्ट

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  • कहा-आपराधिक मामलों में संलिप्त कर्मचारियों काे सस्पेंड नहीं सीधे बर्खास्त किया जाए
  • जेल मंत्री, जेल वार्डन और जेल सुपरिंटेंडेंट के दाैरे में सब ठीक
  • हकीकत : जेलाें में हर दिन मिल रहे माेबाइल और नशा, घटना हाेने के बाद ही क्याें जागती है सरकार
  • जेलोें में पकड़े गए अब तक 380 मोबाइलों की जांच के आदेश भी दिए
  • कई जेल से अब भी फेसबुक पर लाइव हो रहे गैंगस्टर, लुधियाना जेल में भी घटना की वीडियो बनाते दिखे कैदी

Dainik Bhaskar

Jun 28, 2019, 09:25 AM IST

चंडीगढ़. नाभा जेल में बरगाड़ी बेअदबी कांड के आराेपी महिंदर पाल बिट्टू की हत्या और लुधियाना सेंट्रल जेल में पुलिस फायरिंग में कैदी की माैत के बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सख्ती दिखाई है। जेल में हत्याओं अाैर अापराधिक गतिविधियों को गंभीरता से लेते हुए जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से सूबे की जेलाें की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सीएम ने आदेश दिए हैं जेल में कैदियों के साथ मिलीभगत करने वाले व अापराधिक गतिविधियों में शामिल रहने वालों को अब सस्पेंड नहीं बल्कि सीधा डिसमिस किया जाए ताकि ऐसे मामलों पर जल्द रोक लग सके। इनमें चाहे सिपाही हो, जेल वार्डन हो या फिर जेल सुपरिंटेंडेंट उसे दोषी पाए जाने पर सीधे डिसमिस किया जाएगा। 

इसके साथ ही अब तक करीब डेढ़ साल में राज्य की विभिन्न जेलों से पकड़े गए 380 मोबाइलों की जांच करने के अादेश दे दिए हैं। इन संबंधित मोबाइलोें की जांच के लिए राज्य व जेल पुलिस की संयुक्त गठित कमेटी होगी। इस कमेटी में आईजी व डीआईजी स्तर के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। इस संबंध में भास्कर से विशेष बातचीत के दौरान जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बताया कि उन्होेंने जेल अधिकारियों सेे गत डेढ़ साल के दौरान जेलोें में पकड़े गए मोबाइलों की जांच रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। जो एेसे में मामलोंे की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। 

रंधावा ने खुद माना-पुलिस की नाकामी से जेलों तक पहुंच रहे मोबाइल फोन

शुक्रवार को पैरामिलिट्री फोर्स की तीन कंपनियों काे जेलों की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सौंप दिया जाएगा। ये कंपनियां हाई सिरक्योरिटी जेल नाभा और प्रदेश की सेंट्रल जेलों पर तैनात की जाएगी। पंजाब की विभिन्न जेलों में पिछले डेढ़ साल के दौरान 380 मोबाइल पकड़े जाने के केस दर्ज किए जा चुके हैं। जेल विभाग इन मामलों को पुलिस को जांच के लिए तो सौंपता है लेकिन इन मामलों में जांच गति नहीं पकड़ती। जांच मे कभी यह बात सामने नहीं आती कि आखिर जेल में मोबाइल पहंुचे कैसे। इसको लेकर भी जेल विभाग और पुलिस विभाग आमने सामने हैं। जेल मंत्री रंधावा का कहना है कि पिछले कुछ समय दर्ज किए मामलोें में पुलिस की जांच सही न होने के कारण मोबाइलोंे की जेल तक पहुंच का खुलासा नहीं हो पाया। इसका मुख्य कारण पुलिस प्रशसन द्वारा गंभीरता न दिखाना है।

लाइव होने का हल नहीं निकाल पा रही पुलिस
सूबे में कुल 27 जेलें हैं, जिनमें विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल अापराधी अपने जुर्म की सजा काट रहे हैं। इनमें एक हाई सिक्याेरिटी जेल है, जिसमें पंजाब के खंूखार कैदियों काे रखा गया है। वहीं, 17 सेंट्रल जेलें हैं,। इन में सभी में अब सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के साथ आपराधिक गतिविधियों मंे शामिल लोगों पर कड़ी नजर रखने के आदेश दिए हैं। अाश्चार्य की बात यह है कि अभी भी जेलोें में बंद गैंगस्टर सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें फेसबुक का भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। जो जेल विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
 

डीजीपी जेल रोज 1 जेल की मॉनिटरिंग करेंेेगे
पंजाब की विभिन्न जेलों में हालांकि सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं लेकिन इसके बावजूद जेलों के मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित सामग्री पहंुच रही है। इसका कारण है कि समय अनुसार कैमरों से मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। अब फैसला लिया गया है कि सभी जेल सुपरिंटेंडेंट्स हर हफ्ते एक रिपोर्ट तैयार डीजीपी जेल में को भेजेेंगे। डीजीपी जेल हर रोज सूबे की एक जेल की मॉनिटरिंग करेंगे। उसके बाद उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। कहीं पर भी कुछ भी गलत मिलने पर मुलाजिमों पर भी कार्रवाई होगी।

जले अधिकारियाें पर भी हाेगी कार्रवाई

जेलों में मोबाइल मिल रहे हैं। अपराधी जेल के अंदर बैठे-बैठे ही बाहर अपने साथियों से मिलकर विभिन्न वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने फैसला लिया है कि इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। जेल अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत पाए जाने पर उनके खिलाफ बनती विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 

– सुखजिंदर सिंह रंधावा, जेल मंत्री

सियासत : हिंसा, कैदी भागने की जांच हो

जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा जेलों में फैली अराजकता और हिंसक झड़पों के लिए जिम्मेदार हैं। उसे तुरंत बर्खास्त किया जाए। केंद्रीय जेल में ऐसी घटना होना हैरानी और चिंता की बात है। जेल में हुई हिंसा और कैदियों के भागने की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

सुखबीर सिंह बादल, शिअद के अध्यक्ष।

कैप्टन गृह मंत्रालय छोड़ें

पंजाब के जंगल राज है। यहां सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। लुधियाना जेल में हिंसक झड़पों के दौरान मौतें और कैदियों के फरार होने की घटना पर जेल मंत्री रंधावा के साथ-साथ गृह मंत्री कैप्टन अमरिंदर से भी इस्तीफा देना चाहिए।

हरपाल सिंह चीमा, आप नेता।