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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

छुटि्टयां रद‌्द कर तीन दिन पहले ही श्रीनगर गए थे सिद्धार्थ, पिता बोले- बेटे की शहादत पर गर्व

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चंडीगढ़.पाकिस्तान के साथ बॉर्डर पर बढ़े तनाव के चलते तीन दिन पहले ही छुट्टी रद‌्द कर श्रीनगर गए स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ बड़गांव में एमआई-17 हेलीकाॅप्टर क्रैश होने से शहीद हो गए। चंडीगढ़ सेक्टर-44 के आर्मी फ्लैट्स में रहने वाले सिद्धार्थ वशिष्ठ और उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर आरती जुलाई महीने से श्रीनगर में पोस्टेड थे। वे कुछ दिन पहले ही छुट्टी पर घर आए थे। जब बाॅर्डर पर तनाव बढ़ा तो सिद्धार्थ दिल्ली में थे और उनकी पत्नी गुड़गांव में।

शनिवार शाम को ही सिद्धार्थ दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंचे। करीब दो घंटे घर पर गुजारे। सामान लिया और श्रीनगर में जॉइनिंग देने चले गए। मंगलवार शाम को ही पिता जगदीश वशिष्ठ से फोन पर उनकी बात हुई। कहा कि ‘सब ठीक है’। लेकिन बुधवार दोपहर उनके शहीद हाेने की खबर एयरफोर्स अधिकारियों ने पिता जगदीश को दी। उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर आरती को भी वीरवार को श्रीनगर में जॉइन करना था, लेकिन अब वे पति के अंतिम संस्कार के बाद एयरफोर्स के अधिकारियों से बात कर ड्यूटी जॉइन करेंगी।

शहीद के शव को वीरवार दोपहर एयरफोर्स के विमान के जरिए चंडीगढ़ लाया जाएगा। सिद्धार्थ के मामा वनीत भारद्वाज की 25 फरवरी 2002 को मिग क्रैश होने से मौत हो गई थी। तब से वे भी एयरफोर्स जॉइन करना चाह रहे थे। पिता जगदीश के मुताबिक अभी तक उन्हें एयरफोर्स की तरफ से क्लीयर नहीं किया गया है कि हेलीकाॅप्टर क्रैश तकनीकी कारणों से हुआ या वजह कुछ और थी।

शहीद के पिता ने बताया कि वे मूल रूप से नारायणगढ़ के गांव हमीदपुर के रहने वाले हैं। उनकी 4 पीढ़ियां फौज में रही हैं, लेकिन देश के लिए शहीद होने का गर्व सिर्फ उनके बेटे को ही मिला। जगदीश खुद फौज में थे। उन्होंने बताया कि 21 साल की उम्र में 1971 में पाकिस्तान से हुई लड़ाई में हिस्सा लिया। 2 इंच की दूरी से कई बार गोलियां निकलीं, लेकिन नुकसान नहीं हुआ। बाद में चोट लगने की वजह से फौज छोड़कर बैंक की नौकरी की। जगदीश के पिता और दादा भी फौज में रहे।

26 जनवरी को हुए थे सम्मानित : सिद्धार्थ के पिता जगदीश ने बताया कि बेटे को हाल ही में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर केरल में बाढ़ के दौरान बेहतरीन कार्य करने के लिए एयर चीफ कमेंडेशन अवाॅर्ड से सम्मानित किया गया था। श्रीनगर से पहले उनकी पोस्टिंग ओडिसा में थी और केरल में आई बाढ़ में राहत कार्य के लिए भेजे गए थे।

बेटे का 20 फरवरी को मनाया था जन्मदिन :सिद्धार्थ तीन बड़ी बहनों के इकलौते भाई थे। उनका 2 साल का बेटा अंगद है, जिसका 20 फरवरी को सिद्धार्थ और उनकी पत्नी आरती ने धूमधाम से जन्मदिन मनाया था। दोनों जन्मदिन मनाने के लिए छुट्टी लेकर चंडीगढ़ आए थे। सिद्धार्थ की बहनों ने कहा कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है।

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पत्नी स्क्वाड्रन लीडर आरती के साथ शहीद सिद्धार्थ