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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

आम आदमी पार्टी: धक्केशाही से बनाये गए तीनों कृषि कानून किसानों की मौत का फरमान है

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धक्केशाही से बनाये गए तीनों कृषि कानून किसानों की मौत का फरमान है, आम आदमी पार्टी किसानों के साथ मिलकर सरकार का घिराब करेगी
किसानों के दम पर चुनाव जीतने वाले दुष्यंत चौटाला बीजेपी से समर्थन वापस लेकर उपमुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दें: डॉ सुशील गुप्ता
चडीगढ़,सुनीता शास्त्री।

धक्केशाही से बनाये गए तीनों कृषि कानून किसानों की मौत का फरमान है । आम आदमी पार्टी किसानों के साथ मिलकर सरकार का घिराब करेगी। किसानों के दम पर चुनाव जीतने वाले दुष्यंत चौटाला बीजेपी से समर्थन वापिस ले देवीलाल के तथा किसानों के हितैषी होने का दम भरने के नाम पर चुनाव जीत कर सत्ता में भागीदार बने बैठे हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को तुरंत ही उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिएा आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता ने यह बात आज चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कही।उन्होंने कहा की कृषि सबंधी धक्केशाही से बनाये ं कानून हमारे किसानों के लिए सीधे सीधे मौत का फरमान हैं। सभी कानून कायदों को ताक पर रख कर अध्यादेशों को कानून की सकल दी गई है इससे साफ हो गया कि देश में लोकतंत्र समाप्त हो गया है। उन्होंने इन तीनों कानूनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार ने इन कानूनों को पास कराने से पहले एक भी किसान संगठन से व सांसदों से राय मसवरा क्यों नहीं किया ?राज्य सभा में बिना बहस के सदन बिलों को ध्वनिमत से क्यों पास किया गया?देश के 17 विपक्षी राष्ट्रीय राजनैतिक दलों ने मिलकर महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर मांग की गई थी की तीनों बिल अवैध रूप से सदन की मर्यादायों को ताक पर रख कर धक्के से पास किये गए है, इसलिए इन पर हस्ताक्षर न करें। बाबजूद इसके राष्ट्रपति महोदय ने इतनी जल्द बाजी में हस्ताक्षर क्यों किये? तथा इन्हें कानून की शक्ल प्रदान की जिससे देश अचम्भित है, जबकि राष्ट्रपति महोदय इन्हें पुनर्विचार के लिए सदनों में भेज सकते थे।अगर सरकार की नीयत ठीक थी तो इन बिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य देने तथा उसकी उलंघना करने पर दण्ड का प्रावधान क्यों नहीं है ?हरियाणा एवं पंजाब दोनों ही राज्यों में पिछले सात दशक से मंडी बोर्ड सिस्टम के जरिये खरीद प्रणाली जारी है और यह सफलता से चल रही है।

हरियाणा में राज्य कृषि विपणन मंडल अनाज मंडियों में किसानों की फसल आढ़तियों के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की प्रक्रिया को हैंडल करता है। अकेले हरियाणा प्रदेश में करीब 113 अनाज मंडियां, 168 सब यार्ड एवं 196 खरीद केंद्र हैं। हरियाणा में लगभग 35 हज़ार आढ़ती हैं और 70 हजार मुनीम है जबकि करीब 20 लाख किसान परिवार हैं। मंडी सिस्टम से करीब 4 लाख मजदूर परिवार भी इससे जुड़े हैं तो हरियाणा सरकार काले बिलों को लाकर इन लाखों लोगों का मुहं का निवाला क्यों छीन रही है ?मंडी व्यवस्था को समाप्त करने का मतलब न्यूनतम समर्थन मूल्य का समाप्त होना है। राज्य सभा सांसद ने कहा है कि ये तीनों ही बिल किसान, आढ़ती एवं मजदूर विरोधी हैं तथा एक तरफ यह अन्नदाता पर कुठाराघात है तो दूसरी तरफ आढ़तियों एवं मजदूरों की रोजी रोटी छीनने वाला है। आम आदमी पार्टी इन काले कानूनों का तब तक विरोध करती रहेगी जब तक की सरकार इनको वापिस नहीं ले लेती। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार अडानी एवं अम्बानी को पूरे देश में इस तरह स्थापित करना चाहती है,

जिस तरह अंग्रेज ईस्ट इंडिया कम्पनी को देश में लाये थे तथा यह कम्पनी देश पर ही कब्जा जमा लिया था। बीजेपी सरकार भी इसी तरह ही देश को निजीकरण की तरफ ले जा कर देश को पूंजीपतियों के हाथ में सौंपना चाहती है, जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा तथा उसका डट कर मुकाबला किया जाएगा। उन्होंने कहा की आम आदमी पार्टी किसानों, आढ़तियों एवं मजदूरों के साथ खड़ी है, तथा इन्हें सहारा देने का काम करेंगें। इस अवसर आम आदमी पार्टी उत्तर हरियाणा के संयोजक डॉ बी के कौशिक, संगठनमंत्री सुखवीर सिंह , पंचकुला जिला संयोजक सुरेन्द्र राठी, ईश्वर सिंह, बलजीत बल्ली, अभिनव गर्ग, नसीब सिंह, धर्मवीर चौधरी, जसवीर जस्सी, शंकर, सागर मौजूद थे।