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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पंजाब में कर्फ्यू से रोजाना 112 करोड़ और शराब से हर दिन में 15 करोड़ रुपए का हुआ घाटा

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  • लॉकडाउन के दौरान मार्च-अप्रैल में 4256 करोड़ का रेवेन्यू लॉस
  • राज्य का केंद्र सरकार के पास जीएसटी का 4365.37 करोड़ रुपए बकाया

दैनिक भास्कर

May 21, 2020, 08:35 AM IST

चंडीगढ़. (रोहित रोहिला) कोरोना संक्रमण के चलते सूबे में कर्फ्यू और लॉकडाउन से मार्च-अप्रैल में 4,256 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान हुआ है। अर्थव्यवस्था का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सूबा सरकार को कर्फ्यू के दौरान हर रोज राजस्व के रूप में 112 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। अप्रैल में यह नुकसान 3,360 करोड़ रुपए रहा है। अधिकारियों के मुताबिक कर्फ्यू के दौरान अकेले शराब से ही हर रोज 15 करोड़ का नुकसान हुआ।

मार्च में केवल 8 दिनों में ही सरकार को 895.99 करोड़ रुपए का रेवेन्यु लॉस हुआ। इनमें शराब के रूप में मिलने वाले 138.93 करोड़, मोटर व्हीकल टैक्स के तौर पर 52.8 करोड़, स्टांप ड्यूटी से 58.4 करोड़ रुपए, पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट का 124 करोड़, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से 64.8 नाॅन टैक्स रेवन्यू 104.53 करोड़ एवं जीएसटी के रूप में मिलने वाले 352.53 करोड़ रुपए शामिल हैं। अप्रैल में आंकड़ा 3360 करोड़ रुपए का रहा। केंद्र से जीएसटी का 4365.37 करोड़ रुपए भुगतान बाकी है। सरकार शराब पर कोविड सेस लगा सकती है। 

पावर काॅरपोरेशन को भी रोज 30 करोड़ का लॉस

कर्फ्यू से पंजाब में उद्योग एवं दूसरे काम धंधे बंद होने से बिजली की खपत कम हुई। इससे पावर काॅरपोरेशन को 900 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। उद्योग चालू होने तक बोर्ड को हर रोज लगभग 30 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।

कोविड सेस लगाने  को कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार

सरकार ने भी कोविड सेस लगाए जाने को लेकर एक कमेटी का गठन कर रखा है। लेकिन अभी इस कमेटी की रिपोर्ट आनी बाकी है। जिसके बाद पंजाब सरकार को भी 30-40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित होने की उम्मीद है। 

एक्सपर्ट व्यू

सरकार को राजस्व गैप खत्म करने के लिए शराब, स्टांप एंड ड्यूटी, मोटर व्हीकल जैसी आइटम्स पर कोविड सेस लगा देना चाहिए। या फिर केंद्र से कोई विशेष पैकेज मिले। -रवि प्रकाश, फाइंनेस एडवाइजर, एक्सपर्ट

शराब फैक्ट्रियों में शराब के स्टॉक की महीने में दो बार हाेगी चेकिंग

पंजाब में शराब की तस्करी को लेकर अब एक्साइज विभाग सख्त हो गया है। विभाग के उच्च अधिकारियों ने मीटिंग कर फैसला किया है कि दूसरे राज्यों से आने वाली शराब के अलावा सूबे की शराब की फैक्ट्रियों पर भी नजर रखने को कहा गया है। अब जिला स्तर पर एक्साइज विभाग के अधिकारी अपने इलाके की शराब की फैक्टरी और गोदामों की चेकिंग करेंगे। ताकि यह पता लगाया जा सकें कि किस गोदाम या शराब की फैक्टरी से कितनी शराब निकली है और कौन कौन सी जगह पर गई है। इसके अलावा इंटर स्टेट बार्डर पर भी नजर रहेगी।

सीसीटीवी व बार कोड लगाने की करेंगे चेकिंग

विभाग ने शराब फैक्टरियों  को आदेश दिए हैं कि सीसीटीवी लगवाएं। शराब की हर बोतल पर बारकोड जरूरी है। शराब एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले वाहन पर फास्ट टैग लगाना भी अनिवार्य है।
शराब तस्करी रोकने को हर महीने अधिकारियों के काम का होगा रिव्यू 
शराब तस्करी रोकने को जिले से भेजी रिपोर्ट पर मंथली रिव्यू होगा। साथ में देखा जाएगा कि किस इलाके  के अफसर ने कितनी अवैध शराब पकड़ी और कितनी बार मौके पर जाकर चेकिंग की।