भोपाल.मध्यप्रदेश विधानसभाकी 230 सीटों पर बुधवार कोमतदान जारी है। राज्य में 100 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट मशीनोंमेंखराबी की शिकायतें मिली हैं। भोपाल में चार इमली औरशाहपुरा में ईवीएम खराब होने से वोटिंग 20 मिनट देरी से शुरू हुई। साथ ही, सतना, भिंड, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, खरगोन के कुछ मतदान केंद्रोंपर ईवीएम में खराबी की वजह सेमतदान अाधा घंटा देरी सेशुरू हो सका। राज्य निर्वाचन पदाधिकारी बीएल कांताराव ने कहा- कहीं पर भी मशीन खराब होती है तो हम 30 मिनट के अंदर उसे बदले देंगे।
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी में वोट डाला।वोट डालने से पहले उन्होंनेनर्मदा नदी और कुलदेवी के मंदिरमें पूजा की। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के हनुमान मंदिर पहुंचे और पूजा की। मिजोरम की 40 सीटों पर भी मतदान जारी है। सुबह 9 बजे तक 15%मतदान हुआ। परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे।
मतदान अपडेट्स :
- भोपाल में चार इमली पोलिंग बूथ पर ईवीएम में खराबी के चलते राज्य चुनाव आयुक्त बीएल कांताराव को करीब 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। ईवीएम बदलने के बाद उन्होंने वोट डाला।
- जैत गांव में वोट डालने के बाद शिवराज ने कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव पर कसा तंज, बोले- अरुण मेरे साथी हैं। कांग्रेस में उनके साथ बहुत नाइंसाफी हुई। पहले उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया, इसके बाद चुनाव लड़वाया। वह भी बुधनी से। मैं तो कहूंगा कि वह भी भाजपा को वोट दें, क्योंकि मध्य प्रदेश के विकास की बात है।
- कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के पोलिंग बूथ पर वोट डाला। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों पर उन्हें पूरा भरोसा है। यहां की जनता साधारण और मासूम हैं, जिन्हें लंबे समय से भाजपा सरकार लूट रही है।
मालवा-निमाड़ और मध्यभारत की 105 सीटें अहम :
मध्यप्रदेश में भाजपा पिछले 15 सालों से सत्ता में है। कांग्रेस उसे कड़ी टक्कर दे सकती है। वजहमालवा-निमाड़ और मध्य भारत की 105 सीटें हैं। अगर यहां वोट स्विंग होता है, तो फिर नतीजे किसी भी तरफ पलट सकते हैं। लगातार तीन चुनावों से यहां बढ़त बनाकर भाजपा सरकार बनातीआ रही है।2013 में मालवा-निमाड़ की 66 सीटों में से भाजपा को 56 और कांग्रेस को नौ सीटें मिली थीं और अन्य के खाते में एक सीट गई थी। वहीं, मध्य भारत की 39 में से भाजपा को 32, कांग्रेस को छह और अन्य को एक सीट मिली थी।
मालवा-निमाड़ मेंबढ़त बनाकर उमा-शिवराज ने बनाई सरकार :1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मालवा-निमाड़ से 47 सीट जीतकर सरकार बनाई थी। तब कांग्रेस को 50% वोट मिले थे। भाजपा 44% वोट शेयर पाने के बाद भी 16 सीटें ही जीत पाई थी। इसी तरह 2003 में भाजपा ने 51 सीटें जीती थीं। उमा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और वे सीएम बनीं। कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार को एंटीइंकम्बेंसी का सामना करना पड़ा था। पार्टी को सिर्फ 12 सीटें ही मिली थीं। 2008 में कांग्रेस को 24 सीटें जीतीं। वहीं, भाजपा के खाते में 41 सीटें गई थीं। भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब रही।
महिला मतदाता 2 करोड़ से ज्यादा
कुल प्रत्याशी: 2907
मतदाता: 5 करोड़, 4 लाख से ज्यादा
पुरुष मतदाता: 2 करोड़ 62 लाख
महिला मतदाता: 2 करोड़ 41लाख
थर्ड जेंडर मतदाता: 1389
आप और सपाक्स का पहला चुनाव
भाजपा सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस ने एक सीट अपने साझेदार लोकतांत्रिक जनता दल को छोड़कर 229 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। आम आदमी पार्टी और सपाक्स ऐसी पार्टियां हैं, जो प्रदेश में पहली बार चुनावी मैदान में हैं। आप 207सीटों, सपाक्स 109, बसपा 227, गोंगपा 73 और सपा 52 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
6 सीटों पर रहेगी नजर
1. बुधनी : शिवराज सिंह (भाजपा) vs अरुण यादव (कांग्रेस): शिवराज यहां से पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। अरुण पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव के बड़े बेटे हैं। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव है।पहले सांसद रह चुके हैं।
2. होशंगाबाद: सीतासरणशर्मा (भाजपा) vs सरताज सिंह (कांग्रेस)। सरताज के कांग्रेस में शामिल होने पर यह सीट भाजपा के लिए काफी अहम हो गई है।
3. इंदौर 3: आकाश विजयवर्गीय (भाजपा) vs अश्विनजोशी(कांग्रेस)। आकाश, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं।
4. भोजपुर: सुरेंद्र पटवा (भाजपा) vs सुरेश पचौरी (कांग्रेस)। पिछले चुनाव में पचौरी को पटवा ने 20,149 वोट से हराया था।
5. चाचौड़ा : ममता मीणा (भाजपा) vs लक्ष्मण सिंह (कांग्रेस)। लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं।
6. विजयराघवगढ़: संजय पाठक (भाजपा) vs (पद्मा शुक्ला)। पाठक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए है। पाठक सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। वहीं, पद्मा ने पिछले दिनों भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ली है।
मोदी ने 10, राहुल ने 21 तो शिवराज ने 149 सभाएं कीं
प्रधानमंत्री मोदी ने 10, तो अमित शाह ने 23 सभाएं और 6 रोड शो किए। वहीं, राहुल गांधी ने 21 सभाएं और दो रोड शो किए। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 149 सभाएं और करीब एक दर्जन रोड शो किए। कमलनाथ ने 55, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 110 सभाएं और 12 रोड शो किए। शाह ने अपने दौरों में महाकाल, मैहर सहित कई मंदिरों में पूजा अर्चना की। वहीं राहुल ने महाकाल, दतिया के पीतांबरा पीठ के दर्शन किए। ग्वालियर प्रवास के दौरान उन्होंने मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा में भी मत्था टेका।
मिजोरम: 40 सीट के लिए 209 उम्मीदवार मैदान में
मिजोरम की 40 सीटों के लिए 8 राजनीतिक पार्टियों के 209 कैंडिडेट मैदान में हैं। इनमें सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के सबसे ज्यादा 40-40, भाजपा के 39, नेशनल पीपुल्स पार्टी के 9 और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के 5 प्रत्याशी हैं। जो 8 दल चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें से सिर्फ कांग्रेस (34 विधायक), एमएनएफ (5 विधायक) और मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (अब जोराम पीपुल्स मूवमेंट का हिस्सा) ही ऐसी हैं, जिनके पास मौजूदा विधानसभा में सीटें हैं।मिजोरम में सत्ताधारी कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। कांग्रेस मिजोरम के अलावा पंजाब, पुडुचेरी और कर्नाटक में सत्ता में है।
2013 में कांग्रेस कोमिले थे45% वोट
2013 के चुनाव में कांग्रेस को 45%, एमएनएफ को 28% वोट मिले थे। जोराम पीपुल्स मूवमेंट(जेडपीएम) 7 क्षेत्रीय दलों को मिलाकर बनी है। इनमें से 2 दल ही ऐसे हैं, जिन्होंने 2013 में चुनाव लड़ा था। तब एमपीसी को 6% और जोराम नेशनलिस्ट पार्टी को 17% वोट मिले थे। जेडएनपी अध्यक्ष लालदुहावमा ही पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। खास बात है कि 2013 में भाजपा को राज्य में महज 0.37% वोट मिले थे। ये भाजपा का राज्य में सबसे कम वोट शेयर है। भाजपा यहां 1993 से चुनाव लड़ रही है। हालांकि, भाजपा इस बार कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रही है।
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