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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

5 साल से वनडे-टी20 खेल रहे राहुल ने 13 महीने में करियर के 54% रन बनाए; चैट शो विवाद के बाद प्रदर्शन में सुधार

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  • राहुल न्यूजीलैंड के खिलाफ जारी टी-20 सीरीज में टॉप स्कोरर, 56 और नाबाद 57 रन की पारी खेली
  • पिछले साल हुए वनडे वर्ल्ड कप के बाद से 6 वनडे में 55.16 की औसत से 331 रन बनाए
  • राहुल ने अपने करियर में अब तक 39 टी-20 में 1350 और 29 वनडे मुकाबलों में 1035 रन बनाए

Dainik Bhaskar

Jan 28, 2020, 08:44 AM IST

खेल डेस्क. लोकेश राहुल इन दिनों भारतीय क्रिकेट में ‘मिस्टर रिस्पॉन्सिबल’ के तौर पर सामने आए हैं। ओपनिंग, वन डाउन और मिडिल ऑर्डर में बैटिंग से लेकर विकेटकीपिंग भी कर रहे हैं। राहुल न्यूजीलैंड में जारी पांच टी-20 की सीरीज में टॉप स्कोरर हैं। अब तक हुए दो मुकाबलों में उन्होंने 56 और नाबाद 57 रन की पारी खेली। दोनों मैच में टीम इंडिया को बढ़त मिली। राहुल ने अब तक 39 टी-20 और 29 वनडे मुकाबले खेले हैं। इसमें दो शतकों की मदद से 1350 रन बनाए। उनका औसत 46.55 है। वहीं, वनडे में 43.12 की औसत से 1035 रन बनाए। इनमें तीन शतक शामिल हैं।

राहुल ने करियर के 54 फीसदी रन तो पिछले 13 महीने में बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 16 वनडे में 718 रन निकले। वहीं, 14 टी-20 में 568 रन बनाए। राहुल ने लगातार बेहतर खेलकर टीम में अपनी जगह भी पक्की कर ली। पिछले साल की शुरुआत उनके लिए बेहतर नहीं थी। करण जौहर के चैट शो विवाद के बाद माना जा रहा था कि उनका करियर समाप्त हो जाएगा, लेकिन राहुल और ज्यादा मानसिक रूप से मजबूत होकर सामने आए। वे किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार दिखे। उन्हें टीम में ‘मिस्टर रिस्पॉन्सिबल’ कहा जाने लगा।

राहुल करियर की शुरुआत में टेस्ट और आईपीएल में फ्लॉप साबित हुए थे
राहुल के अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 2014 में हुई थी। उस साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हें टेस्ट खेलने का मौका मिला। उन्हें टेस्ट का स्पेशलिस्ट माना जा रहा था। आईपीएल 2013 से 2015 तक वे ज्यादा कामयाब नहीं हुए थे। 2013 में 5 मैच में 10, 2014 में 20.75 और 2015 में 28.40 की औसत से रन बनाए। 2015 तक उन्होंने सिर्फ पांच टेस्ट खेले थे। इस दौरान 256 रन बनाए।

आईपीएल 2016 में राहुल के करियर का टर्निंग पॉइंट कैसे हुआ?
राहुल 2016 में विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से खेल रहे थे। इस सीजन में उन्हें क्रिस गेल के साथ ऊपर बल्लेबाजी का मौका मिला। उन्होंने कप्तान कोहली के भरोसे को सही साबित किया। राहुल ने इस सीजन में 14 मैच में 44.11 की औसत 397 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 44.11 और स्ट्राइक रेट 146.49 रहा। राहुल के खेल में बदलाव के बारे में उनके कोच सैमुएल जयराज ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा था, ‘‘आईपीएल की शुरुआत में वह आसानी से विकेट दे देता था। फिर उसने विकेट को संभालना सीखा। उसने पिच पर ज्यादा समय देना शुरू किया।’’ राहुल के बदलाव के पीछे कोहली, क्रिस गेल, एबी डीविलियर्स का भी हाथ है। तीनों ने उन्हें बेहतर तरीके से स्ट्रोक खेलने के बारे में जानकारी दी।

धवन के चोटिल होने का फायदा राहुल को मिला
आईपीएल खत्म होने के बाद राहुल को वनडे और टी-20 टीम में भी जगह मिल गई। हालांकि, वे लगातार बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। तीसरे ओपनर के तौर पर उन्हें कई मैचों में बेंच पर ही बैठना पड़ा। उस समय रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी सीमित ओवरों में बेस्ट मानी जाती थी। पिछले साल 2019 में धवन लगातार चोटिल हुए। इसका फायदा राहुल को मिला। उन्होंने मौकों को भुनाना शुरू किया। राहुल ने पिछले 13 महीनों में वनडे में दो शतक लगा चुके हैं। इस दौरान 4 बार अर्धशतकीय पारी खेली। वहीं, टी-20 में 7 अर्धशतक लगा दिए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पंत के चोटिल होने के कारण उन्हें विकेटकीपिंग करनी पड़ी और वे इस रूप में भी कप्तान की पसंद बन गए हैं।