Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

2016 में भारत में 5 साल से कम उम्र के एक लाख बच्चे जहरीली हवा से मारे गए: डब्ल्यूएचओ

0
371

नई दिल्ली. 2016 में भारत में 5 साल से कम उम्र के एक लाख से ज्यादा बच्चों की जहरीली हवा के चलते मौत हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनिया के निम्न और मध्यम आय वाले देशों के 5 साल से कम उम्र के 98% बच्चे वायु प्रदूषण से प्रभावित हुए।

  1. डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को एयर पॉल्यूशन एंड चाइल्ड हेल्थ: प्रिस्क्राइबिंग क्लीन एयर नाम से रिपोर्ट जारी। इसके मुताबिक 2016 में वायु प्रदूषण से दुनिया में 15 साल से कम उम्र के 6 लाख बच्चों की मौत हो गई।

  2. रिपोर्ट के मुताबिक- दुनिया के 18 साल से कम उम्र के 93% बच्चों पर पीएम2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से कम आकार के कण) का असर पड़ा। जबकि इससे 5 साल से कम उम्र के 63 करोड़ और 15 साल से कम उम्र के 1.8 अरब बच्चे प्रभावित हुए।

    pollution

  3. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया- घरों से हुए प्रदूषण से 5 साल से कम उम्र के 66 हजार 890 बच्चे मारे गए। घरों में खाना बनाने से होने वाले वायु प्रदूषण से कम आय वाले देशों के 5 साल से कम उम्र के 50% बच्चे सांस की बीमारी से पीड़ित पाए गए।

    pollution

  4. बीते दो हफ्तों से दिल्ली में पीएम2.5 खतरनाक स्तर पर चल रहा है। सोमवार को दिल्ली में धुंध की मोटी चादर छाई रही। एयर क्वालिटी इंडेक्स 348 रिकॉर्ड की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक इस एयर क्वालिटी इंडेक्स को बेहद खराब माना जाता है।

  5. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टॉ. टेडरोस अधनों घेब्रेयेसस के मुताबिक- प्रदूषित हवा लाखों बच्चों को नुकसान पहुंचा रही है। इसे माफ नहीं किया जा सकता। हर बच्चे को साफ हवा में सांस लेने चाहिए तभी उनका ठीक से विकास हो पाएगा।

  6. भारत में प्रदूषण पर ग्रीनपीस ने भी एक रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक- भारत में दुनिया का सबसे ज्यादा नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन होता है। यही नाइट्रोजन ऑक्साइड पीएम2.5 और दिल्ली-एनसीआर में ओजोन का स्तर बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। पीएम2.5 को महीन कण भी कहा जाता है।

  7. ग्रीनपीस की रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर, सोनभद्र (उत्तर प्रदेश), मध्यप्रदेश (सिंगरौली) और ओडिशा के तलचर-आंगुल को प्रदूषण के लिहाज से हॉटस्पॉट बताया गया है। प्रदूषण के लिए कारखानों, कार, घरों और ट्रकों से हुए उत्सर्जन को जिम्मेदार बताया गया।

  8. ग्रीनपीस के मुताबिक- 2016 में पीएम2.5 और इसके चलते हुई बीमारियों से 5 साल से कम उम्र के एक लाख एक हजार 788 बच्चों की मौत हुई। इसमें 54 हजार 893 लड़कियां और 46 हजार 895 लड़के थे। इसी साल भारत में वायु प्रदूषण के चलते 60 हजार 987 लोगों की जान गई।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

      दुनिया के 18 साल से कम उम्र के 93% बच्चों पर पीएम2.5 का असर पड़ा। (फाइल)