- ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट 1877 में खेला गया था, अब तक 330 मैच खेले जा चुके हैं
- 1882 में ऑस्ट्रेलियाई टीम इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट जीती थी
- इस हार के बाद ब्रिटिश पत्रकार ने लिखा था- इंग्लिश क्रिकेट मर गया, उसके अंतिम संस्कार के बाद राख (ऐश) ऑस्ट्रेलिया भेज दी जाएगी
- 1 अगस्त से 16 सितंबर तक इंग्लैंड में दोनों टीमों के बीच 71वीं एशेज सीरीज खेली जाएगी
Dainik Bhaskar
Jul 28, 2019, 07:59 AM IST
खेल डेस्क. आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के खत्म होने के 17 दिन बाद सबसे बड़ी टेस्ट सीरीज ‘एशेज’ 1 अगस्त से 16 सितंबर तक खेली जाएगी। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 137 साल से यह सीरीज खेली जा रही है। यह 71वीं एशेज होगी। दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट 1877 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया था। एजबेस्टन में खेला जाने वाला टेस्ट दोनों के बीच 347वां मैच होगा। इनमें ऑस्ट्रेलिया की टीम 144 मैच में जीती। इंग्लैंड को 108 मुकाबलों में ही सफलता मिली। 94 मैच ड्रॉ रहे।
एशेज नाम कैसे पड़ा?
1982 में ऑस्ट्रेलिया की टीम एक मैच खेलने के लिए इंग्लैंड गई थी। केनिंग्टन ओवल, लंदन में खेले गए इस मुकाबले को ऑस्ट्रेलिया 7 रन से जीत लिया। इंग्लैंड की धरती पर यह उसकी पहली जीत थी। इस हार के बाद ब्रिटिश मीडिया ने टीम की आलोचना की। स्पोर्टिंग टाइम्स के पत्रकार ने रेगिनाल्ड शिर्ले ब्रूक्स ने हेडिंग दी- शोक समाचार। उन्होंने लिखा, ‘‘इंग्लिश क्रिकेट को याद करते हुए इतना ही कहना चाहूंगा कि 29 अगस्त 1882 को ओवल ग्राउंड में उसकी मौत हो गई। इसे चाहने वाले दुख में हैं। ईश्वर उन्हें शांति दे। इंग्लिश क्रिकेट मर गया। उसके अंतिम संस्कार के बाद राख (ऐश) ऑस्ट्रेलिया भेज दी जाएगी।’’
उसी साल इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई। वहां उसने सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया। सीरीज में जीत को इंग्लैंड में ‘राख (ऐश) वापस लाने’ के रूप में बताया गया था। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच की टेस्ट सीरीज को एशेज कहा जाने लगा।
एशेज ‘अस्थि-कलश’ क्या है?
इवो ब्लीग ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1982 में जीती गई सीरीज में इंग्लैंड का नेतृत्व किया था। क्रिसमस की पूर्व संध्या मेलबर्न के बाहर रॉपरट्सवुड एस्टेट में उन्होंने एक प्रदर्शनी मैच खेला। वहां उन्हें ऑस्ट्रेलिया में एशेज जीतने के प्रतीक के रूप में छोटा टेराकोटा कलश दिया गया। ब्लीग को यह वहां की एक महिला ग्रुप ने दिया था। वे वहीं पर अपनी पत्नी फ्लोरेंस मर्फी से पहली बार मिले थे। दोनों ने 1984 में शादी कर दी। जल्द ही दोनों कलश के साथ इंग्लैंड लौट गए।
इसके 43 साल बाद ब्लीग की मृत्यु हो गई। उन्होंने मरने से पहले अनुरोध किया था कि कलश मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) को दे दिया जाए। फ्लोंरेस ने ऐसा ही किया। इसके बाद उस कलश को एशेज ट्रॉफी के तौर पर मान्यता दे दी गई। अस्थि कलश को एमसीसी के म्यूजियम में रख दिया गया। उसकी प्रतिकृति एशेज सीरीज में ट्रॉफी के रूप में इस्तेमाल की जाती है।
अब तक 5 बार ही एशेज सीरीज ड्रॉ हुई
दोनों टीमों के बीच खेले गए 70 एशेज में सिर्फ 5 बार ऐसा हुआ, जब सीरीज ड्रॉ रही। ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 33 सीरीज अपने नाम कीं। वहीं, इंग्लैंड की टीम 32 सीरीज जीतने में सफल रही। पिछली बार 2017-18 में ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज को जीता था। एशेज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के डोनाल्ड ब्रैडमैन हैं। उन्होंने 57 टेस्ट में 5028 रन बनाए। वहीं, सबसे ज्यादा विकेट भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के नाम ही दर्ज है। शेन वॉर्न ने 36 टेस्ट में 195 विकेट अपने नाम किए।
एशेज शेड्यूल
मैच | तारीख | मैदान | समय (भारतीय समयानुसार) |
पहला टेस्ट | 1 से 5 अगस्त | एजबेस्टन | दोपहर 3:30 बजे से |
दूसरा टेस्ट | 14 से 18 अगस्त | लॉर्ड्स | दोपहर 3:30 बजे से |
तीसरा टेस्ट | 22 से 26 अगस्त | लीड्स | दोपहर 3:30 बजे से |
चौथा टेस्ट | 4 से 8 सितंबर | मैनचेस्टर | दोपहर 3:30 बजे से |
पांचवां टेस्ट | 12 से 16 सितंबर | ओवल | दोपहर 3:30 बजे से |