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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

121 साल में 8 बार स्थान बदला, 10 बार हुई नहीं; 2 भारतीय जीते, 3 बार हम रनरअप रहे

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  • इस बार ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप 11 से 15 मार्च के बीच खेली जाएगी
  • 1899 से शुरू हुई यह चैम्पियनशिप पहले और दूसरे विश्वयुद्ध की वजह से 10 साल नहीं हो सकी

Dainik Bhaskar

Mar 10, 2020, 08:35 AM IST

खेल डेस्क. ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप इस साल 11 से 15 मार्च के बीच खेली जाएगी। इसे बैडिमिंटन का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित टूर्नामेंट माना जाता है। शुरुआत ब्रिटिश आर्मी के कुछ अफसरों ने 1899 में की थी। भारत में बैडमिंटन की शुरुआत का श्रेय भी ब्रिटिश आर्मी को ही दिया जाता है। अब तक सिर्फ दो भारतीय प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीत सके हैं। 3 बार भारतीय शटलर रनरअप यानी उपविजेता रहे।
 

2 विश्व युद्ध: 10 साल नहीं हुआ टूर्नामेंट

पहले वर्ल्ड वॉर के दौरान 1915 से 1919 तक ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप नहीं खेली गई। यही स्थिति दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी रही। तब 1940 से 1946 के बीच यह टूर्नामेंट नहीं खेला जा सका था।

121 साल में 8 बार बदला आयोजन स्थल

साल कितनी बार आयोजन स्थल
1899 से  1901 3 लंदन स्कॉटिश रेजीमेंट ड्रिल हॉल, बकिंघम गेट
1902 1 क्रिस्टल गेट, सिडेनहम (केंट)
1903 से 1909 लंदन राइफल ब्रिगेड सिटी हेडक्वॉर्टर, बनहिल
1910 से 1939 25 हॉर्टिकल्चरल हॉल, विन्सेंट स्क्वायर, लंदन
1947 से 1949 3 हारिंगे एरिना, लंदन
1950 से 1956 7 एम्प्रेस हॉल, अर्ल्स कोर्ट, लंदन
1957 से 1993 37 वेम्बले एरिना, लंदन
1994 से अब तक  बर्कलेयार्ड एरिना, बर्मिंघम

2 भारतीयों ने जीता
प्रकाश पादुकोण (मेन्स सिंगल्स) : 1980
पुलेला गोपीचंद (मेन्स सिंगल्स) : 2001

3 बार रनरअप
प्रकाश नाथ (मेन्स सिंगल्स) : 1947
प्रकाश पादुकोण (मेन्स सिंगल्स) : 1981
साइना नेहवाल (वुमन सिंगल्स) : 2015