- गन्नौर इंटरनेशनल मंडी की जमीन पर अवैध रूप से रहने वालों का सरकार पुनर्वास करेगी
- समय पर बिल्डिंग न बनाई तो लाइसेंस नवीनीकरण के लिए देनी होगी मोटी फीस
Dainik Bhaskar
Feb 01, 2020, 08:44 AM IST
चंडीगढ़. मनोहर कैबिनेट की शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में कई फैसले हुए। विश्व की दस सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों को 5 लाख रुपए कैश व खेल कोटे के लिए ग्रेड-सी का सर्टिफिकेट मिलेगा। इसी प्रकार गन्नौर इंटरनेशनल मंडी की जमीन पर अवैध रूप से रहने वालों का सरकार पुनर्वास करेगी। इसके लिए नीति बनेगी।
पुनर्वास के लिए खरीदी गई भूमि पर आईआईएमएच, गन्नौर की जमीन पर अवैध रूप से रहने वालों को दो-दो मरला के प्लाॅट दिए जाएंगे। इसके लिए 1 लाख 66 हजार 77 रुपए 100 किश्तों में वसूले जाएंगे। साथ ही समय पर बिल्डिंग का काम पूरा न करने वाले डेवलपर्स पर भी लाइसेंस नवीनीकरण के लिए फीस तय की जाएगी।
समय पर बिल्डिंग का निर्माण न करने वाले रियल एस्टेट डेवलपर्स कंपनियों पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। अब जिस डेवलपर्स ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट नहीं होगा, उन्हें अब पांच साल बाद लाइसेंस नवीनीकरण के लिए अतिरिक्त राशि देनी होगी।
एक साल के नवीनीकरण कराने वाले को लाइसेंस फीस का चार प्रतिशत, दो साल के लिए सात से नौ और पांच साल के लिए नवीनीकरण कराने वाले से 12 प्रतिशत फीस ली जाएगी। जबकि आंशिक प्रमाण पत्र ले चुके डेवलपर्स से नवीनीकरण फीस की दर एक साल के लिए एक प्रतिशत, दो साल के लिए दो प्रतिशत, तीन साल के लिए 2.5 प्रतिशत और पांच साल के लिए 3.5 प्रतिशत तय की गई है।
स्नातक और स्नातकोत्तर में एससी की 20% सीटों में 50% वंचित एसी के लिए आरक्षित: प्रदेश में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के दाखिले में अब एससी के लिए निर्धारित 20 प्रतिशत सीटों में 50 फीसदी सीटें वंचित एससी कैटेगरी के लिए आरक्षित कर दी गई है। यह आरक्षण सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त तकनीकी एवं प्रोफेशनल संस्थानों में भी लागू होगा।
कैबिनेट ने हरियाणा अनुसूचित जाति (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण) विधेयक, 2020 नामक ड्राफ्ट बिल को स्वीकृति दी गई। वंचित एससी में वे सभी 36 जातियां शामिल हैं जो ब्लॉक-ए, एससी का हिस्सा थीं। इनमें अध धर्मी, वाल्मीकि, बाजीगर, धानक, खटीक, मज़हबी, मज़हबी सिख, ओड, सपेला, सपेरा, सिकरीबंद, भांजरा, बावरिया आदि शामिल हैं।
कर्मचारियों के एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अनुसूचित जाति कर्मचारियों की कुल संख्या कुल कर्मचारियों का लगभग 22 प्रतिशत है। बैठक में बताया गया कि ब्लॉक-ए अनुसूचित जाति या वंचित अनुसूचित जाति शैक्षणिक रूप से योग्य नहीं है क्योंकि एसईसीसी 2011 के आंकड़े बताते हैं कि वंचित अनुसूचित जातियों की केवल 2.13 प्रतिशत आबादी स्नातक, 13.78 प्रतिशत वरिष्ठ माध्यमिक और 6.74 प्रतिशत मैट्रिक पास है। इसके अलावा, 33.63 प्रतिशत लोग निरक्षर हैं।
स्वेच्छा से तबादला चाहने वालों को नहीं मिलेगा भत्ता
विभिन्न विभागों में तैनात कर्मचारियों के ऑनलाइन स्थानांतरण को मंजूरी दे दी है। 500 से ज्यादा कर्मचारी वाले सभी विभाग ऑनलाइन स्थानांतरण नीति तैयार करेंगे। इसके अनुसार सामान्य स्थानांतरण वर्ष में केवल एक बार किया जाएगा, लेकिन कर्मचारियों को एक क्षेत्र में 5 साल की अवधि के बाद जनहित में, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित किया जा सकेगा। जनहित में भरे जाने वाले पदों, पदोन्नति और सीधी भर्ती के कारण आवश्यकता होने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा कभी भी स्थानांतरण या पोस्टिंग की जा सकती है।
ऑनलाइन प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी की जाएगी और इसे 31 मार्च के बाद या विभाग की सुविधा के अनुसार लागू किया जाएगा। स्थानांतरण ड्राइव में भाग लेने वाले कर्मचारियों को जाॅइनिंग समय और कंपोजिट ट्रांसफर ग्रांट नहीं दी जाएगी। जिन कर्मचारियों ने एक ही स्थान पर पांच साल पूरे कर लिए हैं और जो पॉलिसी के तहत स्थानांतरित किए जाते हैं, उसे जनहित में स्थानांतरण के रूप में माना जाएगा। कंपोजिट ट्रांसफर ग्रांट दी जाएगी।
जमीन स्थानांतरित करने को बनाई कमेटी
सार्वजनिक कार्यों के लिए सरकारी भूमि के अंतर विभागीय हस्तांतरण को लेकर अब तीन सदस्यीय कमेटी फैसला लेगी। कमेटी में कमेटी में बिजली मंत्री रणजीत सिंह, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और पुरातत्व एवं संग्रहालय राज्य मंत्री अनूप धानक शामिल होंगे। राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह इस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे।
डाक्टरों की भर्ती नहीं करेगा एचपीएससी
प्रदेश में अब ग्रुप-बी में आने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी, यूनानी चिकित्सा अधिकारी, होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी और आयुर्वेद या यूनानी रेजिडेंट फिजीशियन के पदों की भर्ती एचपीएससी से नहीं कराई जाएगी। कैबिनेट के निर्णयानुसार इनकी भर्ती विभाग के जरिए ही की जाएगी।
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