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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने किसानों द्वारा भाजपा सरकार के तीन कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद को सफल बनाने के लिए हरियाणा वासियों का धन्यवाद किया है।

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हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने किसानों द्वारा भाजपा सरकार के तीन कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद को सफल बनाने के लिए हरियाणा वासियों का धन्यवाद किया है। इसके साथ ही उन्होंने शांतिपूर्वक आंदोलन चलाने के लिए किसानों का भी धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिद छोड़े और इन काले कानूनों को तुरंत रद्द करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाए।

कुमारी सैलजा ने यहां जारी बयान में कहा कि आज किसानों के आह्वान पर भाजपा सरकार के तीन कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ भारत बंद रहा है। हरियाणा से प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक पूरे हरियाणा प्रदेश में यह बंद सफल रहा है। वह भारत बंद को सफल बनाने के लिए समस्त हरियाणा वासियों का धन्यवाद करती हैं, जिन्होंने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश में इस बंद को सफल बनाया है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान खुशहाल है तो देश खुशहाल है। लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा सरकार को किसानों की नहीं सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों की चिंता सताए हुए है। किसानों के अधिकारों की इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी है। पहले ही दिन से कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी और हमारे आदरणीय नेता श्री राहुल गांधी जी के दिशा निर्देशानुसार कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने किसानों और मजदूरों के मुद्दों को सर्वोपरि मानते हुए इस आंदोलन में अपना पूरा-पूरा सहयोग किया है। आज के बंद को सफल बनाने में भी कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा योगदान दिया है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि उनके द्वारा सबसे पहले पिछ्ले वर्ष जुलाई माह में इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई गई थी। कांग्रेस पार्टी द्वारा इन काले कानूनों का जमकर विरोध किया गया। भाजपा सरकार की नीयत में शुरुआत से ही खोट रहा है। सरकार द्वारा इन काले कानूनों को बनाने से पहले किसानों से कोई भी राय नहीं ली गई। विपक्ष की आवाज भी नहीं सुनी गई। इन काले कानूनों के खिलाफ किसान पिछले दस महीने से सड़कों पर बैठे हुए हैं। मगर सरकार को किसानों के कोई चिंता नहीं है। भाजपा सरकार अपनी जिद छोड़कर हमारे अन्नदाता व मजदूर की आवाज को सुने। इन तीनों काले कानूनों को तुरंत रद्द करे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाए।