- 400 साल पुराना गुरु नानक पैलेस पाक के नरोवाल में स्थित है, पिछले दिनों बदमाशों ने इसे ध्वस्त कर दिया था
- मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसका कीमती सामान पंजाब प्रांत में बेचा गया
- कैप्टन अमरिंदर ने कहा- अगर पाकिस्तान सरकार अनुमति दे तो हम पैलेस का फिर से निर्माण करने को तैयार
चंडीगढ़/अमृतसर. पाकिस्तान में नरोवाल स्थित 400 साल पुराने ऐतिहासिक गुरु नानक पैलेस में तोड़फोड़ पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने मोदी से पाकिस्तान पर जांच के लिए दबाव बनाने की अपील की। पिछले दिनों गुरु नानक पैलेस को बदमाशों ने ध्वस्त कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसका कीमती सामान पंजाब प्रांत में बेचा गया।
कैप्टन ने पत्र लिखा कि वह (मोदी) तोड़-फोड़ संबंधी जांच करवाने का मामला पाक सरकार के समक्ष उठाएं और इस दुर्भाग्यपूर्ण कार्य के आरोपियों को कटघरे में लाएं। केंद्र सरकार पाक से अनुमति लेकर दे तो उनकी सरकार इस इमारत के पुन: निर्माण के लिए तैयार है।
घटना से सिख भावना को गहरी चोट पहुंची
कैप्टन ने कहा कि इस घटना से दुनिया भर के सिखों की भावनाओं को चोट पहुंची है। यह इमारत तकरीबन चार सदियों पुरानी है और बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु जाते रहे हैं। इमारत को अब लालची लोगों ने गिरा दिया है। घटना ने राज्य को बहुत ज्यादा पीड़ा पहुंचायी है और यह उस समय घटी है जब हम श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मना रहे हैं।
चार मंजिला था गुरु नानक पैलेस
पाक की मीडिया के मुताबिक- गुरु नानक पैलेस चार मंजिल का था। भवन की दीवारों पर गुरु नानक जी के साथ कई भारतीय शासकों की तस्वीरें लगी थीं। भवन में 16 कमरे थे। हर कमरे में तीन दरवाजों के साथ हवा के लिए चार वेंटीलेटर भी बनाए गए थे।
रेवेन्यू रिकार्ड में पैलेस का जिक्र नहींः डीसी
नरोवाल के डीसी (डिप्टी कमिश्नर) वाहिद असगर का कहना है कि रेवेन्यू रिकार्ड में पैलेस का जिक्र नहीं है। भवन ऐतिहासिक था, इस वजह से म्यूनिसिपल कमेटी का रिकॉर्ड देखा जा रहा है। उनका कहना है कि भवन के मालिक का पता भी नहीं लग पा रहा है।