शायदा/कसौली. पंजाबके कल्चरल एंड टूरिज्म मिनिस्टर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा,जिन्हें मेरे पाकिस्तान जाने और वहां जफ्फी डालने पर एतराज है, वे करते रहें। अगर मौका मिला तो वहां जाकर फिर जफ्फी-पप्पी करूंगा। वह शुक्रवार को कसौली में खुशवंत सिंह लिटरेरी फेस्ट में जलियांवाला बाग टू पंजाब एंड पंजाबियत सेशन में बोल रहे थे।
सिद्धूने कहा किजो उनके इस कदम के खिलाफ हैं, क्या उन्हें एहसास है कि सिखों के लिए वो जगह मक्के जैसी है। वहइस हक को हासिल करने में पूरी ताकत लगा देंगे।पाकिस्तान पंजाब व भारत के पंजाब में कोई फर्क नहीं है। खान पान, रहन-सहन एक है।
उन्होंने पाकिस्तान जाने पर कहा कि मेरी जफ्फी कोई राफेल डील नहीं। ये सबके सामने हुआ। करतारपुर साहिब का रास्ता खोलने के लिए अगर वो तैयार तो मैं जफ्फी नहीं पप्पी लेने को भी तैयार। मैं ये चाहता हूं कि कोई भी कराची जाकर बिरयानी खाकर वापस आए यही होना चाहिए। दोनों देशों में दोस्ती होनी चाहिए।
खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के पहले दिन के आखिरी सत्र में किश्वर देसाईकी पुस्तक जलियांवाला बाग टू पंजाब, पंजाबिस, पंजाबियत पर चर्चा हुई। किश्वर देसाई ने कहा कि पुस्तक में 100 साल बाद इस घटना की चर्चा हो रही है।इस पुस्तक पर चर्चा करने पहुंचे नवजोत सिद्धू ने बताया कि 10 साल से केंद्र सरकार ने जलियांवाला बाग पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया है।हमारे पास जलियांवाला बाग के 100 साल होने पर बहुत से प्लान हैं। लेकिन, केंद्र के कारण कुछ नही कर रहे हैं।
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