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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

सांकेतिक भाषा केवल बधिरों की ही नहीं, सभी की भाषा बने-राज्यपाल

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सांकेतिक भाषा केवल बधिरों की ही नहीं, सभी की भाषा बने-राज्यपाल
– नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा के अलावा, सांकेतिक भाषा को सीखने और सिखाने पर बल दिया गया है।
– राज्यपाल ने गुरूग्राम के मूक-बधिर निशक्तजन कल्याण केन्द्र में दो परियोजनाओं का उद्घाटन तथा एक का किया शिलान्यास ।

चंडीगढ़, 3 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा के अलावा, सांकेतिक भाषा अर्थात् साइन लैंग्वेज सिखाने व सीखने पर बल दिया गया है। यह सांकेतिक भाषा केवल बधिरों की ही नही बल्कि सभी की भाषा बने।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मूक-बधिर निशक्तजनों को नई उम्मीद जगाई है। उन्होंने आईएसएल अर्थात् इंडियन साइन लैंग्वेज को भाषा के रूप में मान्यता देकर बधिर लोगों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के हितों का ध्यान रखते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं जिनके तहत उन्हें कौशल विकास में प्रशिक्षण देने के साथ साथ माइक्रो लोन स्कीम में लाभ दिलवाया जा रहा है। इसके अलावा, नौकरियों में दिव्यांगजनों को दिए जाने वाले आरक्षण को भी 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है। उन्हें पेंशन भी दी जा रही है।
वे आज गुरूग्राम के श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केन्द्र का अवलोकन करने आए थे। इस दौरान उन्होंने इस केन्द्र में दो परियोजनाओं नामतः बहुउद्देश्यीय हॉल तथा प्रथम तलीय स्कूल विंग का उद्घाटन तथा ‘नींव आधार भवन‘ का शिलान्यास किया। बहुउद्देश्यीय हॉल का नाम केन्द्र के संस्थापक डा. बी एन चक्रवर्ती के नाम पर रखा गया है। कल्याण केन्द्र का अवलोकन करने के दौरान उन्होंने डिजीटल साईन लैंग्वेज लैब तथा अर्ली इंटरवेंशन सैंटर का भी निरीक्षण किया और इनकी मदद से श्रवण एवं वाणी निशक्तजनों को दी जा रही शिक्षा के बारे में जानकारी हासिल की। राज्यपाल ने केन्द्र में शिक्षारत विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी को भी देखा।
राज्य सरकार व केन्द्र सरकार की निशक्तजनों के लिए बनाई गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए श्री दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा सरकार ने केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्रदेश में बेहतर तरीके से क्रियान्वित करते हुए लागू किया है। इतना ही नही, सरकार द्वारा 18 वर्ष तक स्कूल ना जाने वाले दिव्यांगजनों को 1900 रूप्ये की मासिक वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यह पूरा महीना मूक-बधिर समुदाय के कल्याण के लिए समर्पित है। एक अनुमान के अनुसार भारत मे 50 लाख मूक-बधिर हैं। हरियाणा प्रदेश में इनकी संख्या लगभग एक लाख 15 हजार है। उन्होंने कहा कि बधिरों को सुनने की समस्या का सामना करना पड़ता है और उनकी यह समस्या सरकार और हम सब के लिए चुनौती है। इस चुनौती का सामना करने के लिए हम सभी को सामुहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम में डिजीटल साईन लैंग्वेज लैब तथा अर्ली इंटरवेंशन लैब के माध्यम से लोगों को सांकेतिक भाषा से जोड़ने की सराहनीय शुरूआत की है।
मूक-बधिर निशक्तजनों को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री दत्तात्रेय भावुक हो गए और उन्होंने यहां तक कहा कि दिव्यांगजनों में भगवान ने कमी छोड़ी है परंतु आप में अद्भुत शक्ति है। उन्होंने अपना कर्नाटक में दिव्यांगजन संस्था का चेयरमैन रहते हुए सन् 1984 का  अनुभव सांझा किया और कार्यक्रम में उपस्थित निशक्तजनों से कहा कि आप अपनी काबिलियत में विश्वास रखें , हिम्मत रखें। आप समाज के अभिन्न अंग हैं और यदि आप को मौका मिलें तो आप अच्छे कलेक्टर, एक्टर , वैज्ञानिक आदि भी बन सकते हैं। उन्होंने निशक्तजन बच्चों को भगवान के तुल्य माना और कहा कि गुरूग्राम के इस कल्याण केन्द्र में निशक्तजनों द्वारा तैयार उत्पादों की मार्किटिंग करवाने का वे प्रयास करेंगे। साथ ही उन्होंने गुरूग्राम के इस सैंटर को सरकार से भी मदद दिलवाने का आश्वासन दिया और कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों व अन्य प्रबुद्ध लोगों से सहयोग करने की अपील भी की।
इससे पहले गुरूग्राम के मूक-बधिर निशक्तजन कल्याण केन्द्र के चेयरमैन एवं उपायुक्त डा. यश गर्ग ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि इस केन्द्र की नींव 1971 में तत्कालीन राज्यपाल डा बी एन चक्रवर्ती ने रखी थी। इन पिछले 50 वर्षों में इस केन्द्र में दिन-प्रतिदिन तरक्की व उन्नति के नए प्रयोग हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि देश की पहली डिजीटल साईन लैंग्वेज लैब गुरूग्राम में स्थापित की गई है। इस लैब की स्थापना में कोल्ट टैक्नोलॉजी नामक कंपनी द्वारा सीएसआर के तहत सहयोग दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस लैब के माध्यम से दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को साईन लैंग्वेज सिखाई जा रही है जिससे बच्चों व उनके अभिभावकों के बीच भावनात्मक जुड़ाव हो रहा है। इससे अब तक लगभग 8 लाख लोग लाभांवित हुए हैं।  उन्होंने कहा कि भविष्य में गुरूग्राम के इस केन्द्र में साईन लैंग्वेज में उच्चतर शिक्षा देने की भी योजना है।
इस अवसर पर हरियाणा वैलफेयर सोसायटी फॉर पर्सनस विद् स्पीच एंड हियरिंग एम्पेयरमेंट की वाइस प्रैजीडैंट एवं चेयरपर्सन डा. शरणजीत कौर ने कहा कि साईन लैग्वेंज का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण रोल है। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम के इस केन्द्र में पिछले 3 वर्षों से सांकेतिक भाषा को एक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अभी इसके बारे में सोचा जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में सीएसआर के तहत सहयोग देने वाली कंपनियों से आए प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम समाज में अंतिम दिव्यांग बच्चे तक पहुंचकर उसके उत्थान में अपना सहयोग दें। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम में यह केन्द्र इस वर्ष अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है।
कार्यक्रम में केन्द्र के विद्यार्थियों ने लघु नाटिका की प्रस्तुति भी दी जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा। इस मौके पर केन्द्र के बधिर प्रशिक्षक दीपक द्वारा बनाई गई श्री बंडारू दत्तात्रेय की पेंटिंग भी भेंट की गई।
इस अवसर पर गुरूग्राम की एसडीएम अंकिता चौधरी , संस्था के एग्जीक्यूटिव मैम्बर शरद गोयल , केन्द्र की असिस्टेंट डायरेक्टर डा. सीमा, डीसीपी दीपक सहारण, एसीपी प्रीतपाल सांगवान सहित