- डब्ल्यूएएफ के अध्यक्ष सबेस्टियन को ने कहा- एथलीट्स की सुरक्षा की कीमत पर टोक्यो ओलिंपिक नहीं होंगे
- रॉयल स्पेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन, ब्राजील ओलिंपिक संघ और यूएस ट्रैक एंड फील्ड फेडरेशन गेम्स टालने के पक्ष में
- अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष बोले- फिलहाल खेलों को टालने का फैसला जल्दबाजी, अभी भी 4 महीने बचे
दैनिक भास्कर
Mar 22, 2020, 03:40 PM IST
खेल डेस्क. कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे के बीच अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ यानी आईओसी पर टोक्यो गेम्स टालने का दबाव बढ़ गया है। वर्ल्ड एथलेटिक्स फेडरेशन के अध्यक्ष सबेस्टियन को ने शनिवार को साफ कर दिया कि बहुत जल्द ओलिंपिक पर फैसला होगा। को ने कहा कि मैं पिछले हफ्ते ही यह कह चुका हूं एथलीट्स की सुरक्षा की कीमत पर गेम्स नहीं होंगे। इस बीच, रॉयल स्पेनिश एथलेटिक्स फेडरेशन, ब्राजिलियन ओलिंपिक कमेटी (सीओबी) और यूएस ट्रैक एंड फील्ड फेडरेशन (यूएसएटीएफ) ने गेम्स टालने की मांग की है। उधर, जापान में शनिवार को ओलिंपिक फ्लेम देखने के लिए 50 हजार से ज्यादा मियागी के सेंडई स्टेशन पर जुटे।
Like you, we’re missing track and field right now. While the 2020 Hershey #USATF National Youth Indoor Championships aren’t happening this weekend, here is a #USATFRewind of some of last year’s great performances. #USATFutureStars pic.twitter.com/KRHJB7yXMA
— USATF (@usatf) March 21, 2020
भीड़ का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि लोग आधा किलोमीटर लंबी लाइन में कई घंटों तक खड़े रहे। हालांकि, भारी भीड़ से जापान की ओलिंपिक कमेटी चिंतित है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो समारोह को रद्द किया जा सकता है। देश में ओलिंपिक टॉर्च रिले 26 मार्च को उसी फुकुशिमा शहर से शुरू होगी, जहां के परमाणु संयंत्र को 2011 में आई सुनामी में नुकसान पहुंचा था।
स्पेनिश एथलेटिक्स फेडरेशन आयोजन के पक्ष में नहीं
इधर, स्पेनिश एथलेटिक्स फेडरेशन ने कहा- हम ओलिंपिक खेलों के आयोजन के पक्ष में हैं। लेकिन हम यह समझते हैं कि फिलहाल ऐसी परिस्थिति नहीं है, जो इन हालातों में एथलीट्स को सुरक्षा के साथ खेलों की तैयारी की गारंटी दे सके। ऐसे में हमने एथलीट्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गेम्स को टालने की वकालत की है। वहीं, पिछले ओलिंपिक के मेजबान ब्राजील की ओलिंपिक कमेटी (सीओबी) ने भी शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि इस हालात में ओलिंपिक को फौरन रद्द कर देना चाहिए। सीओबी ने इन खेलों को 2021 में कराने का प्रस्ताव रखा है। सीबीओ के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ यानी आईओसी पहले भी इस तरह के हालात का सामना कर चुका है। 1916 और 1940 में विश्व युद्ध के कारण ओलिंपिक रद्द करना पड़ा था, जबकि 1984 में लॉस एंजिल्स गेम्स में सोवियस संघ और ईस्ट जर्मनी समेत 14 देशों ने इन खेलों का बहिष्कार किया था। ऐसे में इस बार भी वह इससे निपट लेगा।
यूएस एथलेटिक्स फेडरेशन ओलिंपिक टालने के पक्ष में
यूएस ट्रैक एंड फील्ड फेडरेशन (यूएसएटीएफ) भी ब्राजील ओलिंपिक फेडरेशन के रुख से सहमत है। यूएसएटीएफ ने भी टोक्यो ओलिंपिक को टालने की मांग उठाई है। अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर की गई चिठ्ठी में सीईओ मैक्स सीगल ने यूएस ओलिंपिक और पैरालिंपिक कमेटी से यह गुजारिश कि है वह खेलों को आगे बढ़ाने पर आईओसी से बात करे। सीगल ने कहा- हमारा उद्देश्य एथलेटिक्स ट्रैक पर अपनी काबिलियत दिखाने का है। लेकिन एथलीट्स की सुरक्षा की कीमत पर नहीं। मौजूदा हालात में इन खेलों को तय शेड्यूल पर कराना एथलीट्स को जोखिम में डालने जैसा होगा। ब्रिटिश ओलिंपिक एसोसिएशन के चीफ ने यह कहा कि वे किसी भी सूरत में खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डालेंगे।
कई ओलिंपियन खेलों को टालने की मांग कर चुके
इससे पहले, कई खिलाड़ियों ने खेलों को टालने की बात कही थी। इसमें ग्रीस की एथलीट और ओलिंपिक पोल वॉल्ट चैम्पियन कैटरीना स्टेफानिडी और ब्रिटेन की हैप्टाएथलीट कैटरीना जॉनसन शामिल हैं। दोनों ने 3 दिन पहले ही कहा था कि आईओसी 4 महीने बाद नहीं, बल्कि अभी से ही खिलाड़ियों को खतरे में डाल रही है। हालांकि, विरोध के बावजूद आईओसी तय शेड्यूल के मुताबिक 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच गेम्स कराने पर अड़ा है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी कई बार इसे दोहरा चुके हैं।