Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

लाहौर के महाराजा ने इंग्लैंड की महारानी को तोहफे में नहीं, दबाव में दिया था कोहिनूर

0
272

नई दिल्ली. दुनियाभर में मशहूरकोहिनूर हीरा नतो ईस्ट इंडिया कंपनी को तोहफे में दिया गया था और नही चोरी हुआ था। बल्कि लाहौर के महाराजा दलीप सिंह को हीरादबाव में इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया के सामने सरेंडर करना पड़ना था। यह खुलासा एक आरटीआई के जवाब में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने किया है।

  1. एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक,एएसआई ने जवाब के लिए लाहौर संधि का जिक्र किया। इसमें बताया गयाकि 1849 में ईस्ट इंडिया कंपनी के लॉर्ड डलहौजी और महाराजा दलीप सिंह के बीच संधि हुई थी। इसमें महाराजासे कोहिनूर सरेंडर करने के लिएकहा गया था।

  2. एएसआई ने साफ किया है कि संधि के दौरान दलीप सिंह (जो कि उस वक्त सिर्फ नौसाल के थे) ने अपनी मर्जी से महारानी को हीरा भेंट नहीं किया था, बल्कि उनसे कोहिनूर जबरन लिया गया था।

  3. 2016 में भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोहिनूर हीरा नतो अंग्रेजोंने जबरदस्ती लिया था और नही यह चोरी हुआ था। सरकार ने कहा था कि पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी ने एंग्लो-सिख युद्ध के खर्चके बदले ‘स्वैच्छिक मुआवजे’ के रूप में अंग्रेजों को कोहिनूर भेंट किया था।

  4. कोहिनूर पर जानकारी के लिए कार्यकर्ता रोहित सभरवाल ने आरटीआई डाली थी। उन्होंने इसका जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से मांगा था। आरटीआई में पूछा था कि आखिर किस आधार पर कोहिनूर ब्रिटेन को दिया गया।

  5. पीएमओ ने उनकी अपील भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेज दी। आरटीआई एक्ट के मुताबिक, एक लोक प्राधिकरण जानकारी के लिए आरटीआई को दूसरे प्राधिकरण के पास ट्रांसफर कर सकता है।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

      महारानी के ताज में लगा कोहिनूर इस समय करीब 106 कैरेट का है, जब इसकी खोज हुई थी तो इसका वजन करीब 700 कैरेट के आसपास था।
      कोहिनूर हीरा ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के ताज में लगा दिया गया था।
      भारत, ब्रिटिश सरकार से कई बार कोहिनूर लौटाने का अनुरोध कर चुका है। हालांकि, 2013 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने इस मांग को ख्रारिज कर दिया था।