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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

भारत 2024 में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा, क्योंकि पहले की सरकारों ने मजबूत नींव तैयार की: प्रणब

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  • प्रणब के मुताबिक- कई आर्थिक और सामाजिक सेक्टरों में बेहतर काम हुआ, क्योंकि आजादी के बाद से भारतीय लोग कोशिश कर रहे
  • ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि गैर-कांग्रेसी सरकारों ने भी देश के विकास में अहम भूमिका निभाई’
  • ‘मंगलयान इसलिए संभव हो सका क्योंकि जादू से नहीं बल्कि निरंतर प्रयासों से जमीनी स्तर पर काम किया जाता है’

Dainik Bhaskar

Jul 19, 2019, 09:14 AM IST

नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत 2024 में 5 ट्रिलियन डॉलर (करीब 343 लाख करोड़ रुपए) की अर्थव्यवस्था इसलिए बनेगा क्योंकि पहले की सरकारों ने इसके लिए मजबूत नींव तैयार की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ साल में भारत की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर करने की बात कह रहे हैं।

प्रणब ने गुरुवार को दिल्ली में ‘फरदरिंग इंडियाज प्रॉमिस’ विषय पर बोलते हुए कहा कि कई आर्थिक और सामाजिक सेक्टरों में बेहतर काम हो रहा है, क्योंकि आजादी के बाद से इसके लिए भारतीय लोग कोशिश कर रहे हैं। प्रणब ने मोदी की इस बात को लेकर भी आलोचना की कि उन्होंने न केवल पंचवर्षीय योजनाएं बल्कि योजना आयोग को भी खत्म कर दिया।

‘ब्रिटिशों ने नहीं भारतीयों ने काम किया’
प्रणब के मुताबिक- प्रणब के मुताबिक- वित्त मंत्री कह सकती हैं कि भारत अगले पांच साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। लेकिन इसके लिए मजबूत आधार ब्रिटिशों ने नहीं बल्कि भारतीयों ने तैयार किया। हम जीरो से भारत की अर्थव्यवस्था को 1.8 ट्रिलियन डॉलर तक लेकर आए। जो लोग कांग्रेस के 55 साल के शासन की आलोचना करते हैं, उन्हें देखना चाहिए कि देश आजादी के वक्त क्या था और इसके बाद हमने कितनी दूरी तय की।  

समृद्ध भारत फाउंडेशन के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘पंचवर्षीय योजनाओं ने अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए दृष्टिकोण का निर्माण किया। इन योजनाओं के आधार पर निवेश किया जाता था।’’

‘‘मैं इस बात से सहमत हूं कि गैर-कांग्रेसी सरकारों ने भी देश के विकास में अहम भूमिका निभाई। मंगलयान इसलिए संभव हो सका क्योंकि जादू से नहीं बल्कि निरंतर प्रयासों से जमीनी स्तर पर काम किया जाता है। भारत को भौतिक रूप से कई बार विजय मिली है लेकिन आध्यात्मिक रूप से नहीं। मुझे विश्वास है कि भारत हमेशा इससे बाहर रहा है।’’