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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

भारत के साथ साझेदारी मजबूत, नहीं चाहते वह हमारे विमानों को नुकसान पहुंचाने वाली तकनीक खरीदे: पेंटागन

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  • ट्रम्प प्रशासन ने तुर्की के साथ एफ-35 फाइटर जेट समझौता रद्द करते हुए भारत को भी संदेश दिया
  • भारत ने भी पिछले साल अक्टूबर में रूस के साथ एस-400 डिफेंस सिस्टम का समझौता किया था
     

Dainik Bhaskar

Jul 18, 2019, 09:23 AM IST

वॉशिंगटन. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा है कि वह भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करना चाहता है। अमेरिकी उप रक्षामंत्री (नीति विभाग) डेविड ट्रैचटेनबर्ग ने गुरुवार को तुर्की के साथ एफ-35 फाइटर जेट का सौदा रद्द करने के दौरान यह बयान दिया। दरअसल, भारत की तरह ही तुर्की ने हाल ही में रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सौदा किया है। इसके चलते अमेरिका ने उसके साथ आगे भी रक्षा सौदों में एहतियात बरतने का फैसला किया है। 

नाटो अभ्यास में शामिल होते रहेंगे: पेंटागन

  1. डेविड से जब पूछा गया कि भारत और रूस के बीच एस-400 सौदे पर वे क्या कदम उठाएंगे, तो उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारा रिश्ता काफी अच्छा है, आने वाले समय में हम इसे और मजबूत करना चाहते हैं। लेकिन तुर्की के साथ रक्षा सौदा रद्द कर के ट्रम्प प्रशासन यही संदेश देना चाहता है कि भारत ऐसी कोई तकनीक न खरीदे जिससे हमारे पांचवें जेनरेशन के विमानों को खतरा पैदा हो। 

  2. डेविड ने कहा, “तुर्की के साथ एफ-35 समझौता रद्द होना लगभग तय था, क्योंकि उसे कई बार रूस के साथ समझौता न करने की सलाह दी जा चुकी थी। हालांकि, यह सौदा रद्द होने से दोनों देशों के सैन्य रिश्तों पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। अमेरिका पहले की तरह आगे भी नाटो के सैन्य अभ्यासों में शामिल रहेंगे।”

  3. काट्सा कानून के तहत प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका

    भारत ने पिछले साल अक्टूबर में ही रूस के साथ 40 हजार करोड़ का एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का सौदा किया था। इसके बाद से ही अमेरिका ने कई बार भारत को दुश्मन देश से समझौता करने के लिए प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। 

  4. दरअसल, अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है, लेकिन अमेरिका और भारत का रक्षा व्यापार बीते समय में काफी बढ़ा है। इसके चलते वह भारत पर प्रतिबंध लगाने से बचना चाहता था।  

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