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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

बजट सत्र के तीसरे दिन भी हंगामा: फूलका ने उठाया एसजीपीसी चुनाव का मसला, अकालियों ने भी लगाए नारे

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चंडीगढ़.पंजाब विधानसभा में वीरवार को शून्यकाल के दौरान आप विधायक एचएस फूलका ने एसजीपीसी चुनाव कराने और केंद्र को तुरंत गुरुद्वारा कमीशन गठित करने के लिए सदन में प्रस्ताव लाने की मांग उठाई। इस पर संसदीय कार्यमंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने मेज थपथपा कर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए अधिकृत किया। उधर, अकाली दल ने फूलका की सदन में मौजूदगी पर सवाल खड़े करते हुए इसे कांग्रेस और आप के बीच मैच फिक्सिंग करार देते हुए कहा कि प्रस्ताव को लेकर फूलका असली कांग्रेस के साथ निभाने वाला चेहरा सामने आ गया है।

फूलका ने कैप्टन से अपील की कि वह केंद्र पर दबाव बनाएं ताकि गुरुद्वारा कमीशन का गठन हो सके। हाईकोर्ट की ओर से 11 रिटायर्ड जजों का पैनल केंद्र को भेजा गया है। इस पर कैप्टन ने कहा कि वह फूलका की बात से सहमत हैं क्योंकि तीन सालों ने एसजीपीसी का चुनाव नहीं हुआ है। वह केंद्रीय गृहमंत्री से मिल कर बात करेंगे ताकि समय पर चुनाव हों और इसे रोका नहीं जाना चाहिए। वह खुद केंद्र से बात करेंगे। इस पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।

अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और परमिंदर सिंह ढींढसा ने संयुक्त रूप से कहा कि :
पंजाब विधानसभा में एसजीपीसी चुनाव कराने संबंधी प्रस्ताव लाने वाले फूलका की कांग्रेस से मिलीभगत है। उन्होंने विधानसभा से पहले कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से मीटिंग की। उसके बाद एक प्लानिंग के तहत रंधावा के इशारे पर फूलका ने विधानसभा में यह प्रस्ताव रखा और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी असल में कांग्रेस की बी टीम है।

एसजीपीसी चुनाव को लेकर फिर सामने आया बादल का दोगला चेहरा :

आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विधायक एचएस फूलका द्वारा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की विचाराधीन पड़ा आम चुनाव तुरंत करवाने संबंधित लाए प्रस्ताव पर अकाली दल बादल का दोगला चेहरा सामने आ गया। फूलका के लाए प्रस्ताव पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की मंजूरी दी तो बिक्रम सिंह मजीठिया समेत अकालियों के मुंह उतर गए। अकालियों की भयभीत स्थिति देख स्पीकर ने खड़े होकर अकाली विधायकों के नाम ले लेकर पूछा कि क्या वह प्रस्ताव का विरोध करते हैं या समर्थन करते हैं, स्थिति स्पष्ट करें। लेकिन अकाली विधायक स्थिति स्पष्ट करने की बजाए’आप’ और फूलका पर ही कांग्रेस के साथ मिले होने के बेबुनियाद आरोप लगाने शुरू कर दिए।

फूलका बताएं-इस्तीफा दिया भी है या नहीं :
फूलका बताएं कि विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद भी उनका विधानसभा की बैठक में हिस्सा लेना क्या नैतिक तौर पर ठीक लगता है। स्पष्ट करें कि इस्तीफा दिया भी है या नहीं। कैप्टन के निर्देश पर फूलका एसजीपीसी चुनाव कराने का प्रस्ताव विधानसभा में लेकर आए हैं।

अकाली दल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया :
मजीठिया ने कहा कि किसानों की आत्महत्याओं को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाना चाहते थे। लिखित रूप से मांग की थी। इसे त्रिलोक नाम के अफसर ने रिसीव किया था। लेकिन स्पीकर ने मांग रद्द कर दी। त्रिलोक नाथ को रिसीव करने का अधिकार नहीं तो त्रिलोक मांग रिसीव क्यों की।

22 महीने में 919 किसान ने की खुदकुशी : मजीठिया ने कहा कि जब से पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से 22 महीनों में 919 किसान खुदकुशियां कर चुके हैं। इन सभी के परिवारों को 10-10 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।

चुनाव बनेगा अकालियों के लिए चुनौती :विधानसभा में एसजीपीसी इलेक्शन को लेकर प्रस्ताव पास होने से अकाली दल के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो गई है। एसजीपीसी चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद ही होने की संभावना है, लेकिन माना जा रहा है कि अकाली दल को एसजीपीसी से दूर करने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता एक हो सकते हैं, चाहे उनके विचारों में राजनीतिक तौर पर मतभेद ही क्यों न हो, लेकिन इस गंभीर मुद्दे को लेकर ये दोनों दल एक मंच पर खड़े होते नजर आ रहे हैं। एसजीपीसी चुनाव संबंधी केंद्र से बात के लिए कैप्टन को अधिकृत करना बड़ी बात है।

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आप विधायक एचएस फूलका
बिक्रम सिंह मजीठिया
अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और परमिंदर सिंह ढींढसा