संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को गर्मियों की छुट्टियों के उपलक्ष्य में विशेष बाल समागम का आयोजन किया गया। इसमें जिले भर से करीब 250 बच्चों ने भजन, गीत, कविता, नाटक व अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मिशन का संदेश दिया। समागम की अध्यक्षता ऋषिकेश से आए महात्मा महादेव थप्पीयाल ने की व मंच संचालन बाल संगत के सुशील गांधी ने किया। थप्पीयाल ने कहा कि आज के बच्चे हमारे समाज के कल का उज्जवल भविष्य है। मानव जीवन में तीन तरह की मां होती हैं, पहली मां जीवन दायनी मां जिससे स्थूल शरीर का निर्माण होता है। दूसरी मां, सत्संग मां जो वरदायनी मां है जिससे हमारे मन का एवं सूक्ष्म शरीर का निर्माण होता है।
तीसरी मां मोक्षदायनी मां सतगुरु जो कारण शरीर यानि हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ कर आत्मा को आवागमन से बचाती है। उन्होंने कहा कि बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते है उन्हें जिस माहौल में ढाला जाता है वैसे ही बन जाते है। बच्चों ने जो कुछ सत्संग में सीखा उसे आज अपने अंदाज में प्रस्तुत किया। समागम में यमुनानगर, साहा, अम्बाला, शहजादपुर, प्रीत नगर, छछरौली के बच्चों ने ग्रुप सॉग, लाडवा, पेहवा के बच्चें ने पावन हरदेव वाणी का शबद गायन व शाहबाद के बच्चों ने प्रदूषण अंदर हो या बाहर दोनों हानिकारक हैं विषय पर लघु नाटिका प्रस्तुत की। समागम में एक प्रश्नोतरी प्रतियोगिता भी कराई गई जिसमें बच्चों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया। बच्चों कविताएं व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी अपनेे अंदाज में प्रस्तुत किए।