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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

फार्मा कंपनियों को लाभ पहुंचा किसी ने स्विट्जरलैंड तो किसी डॉक्टर ने परिवार संग की सिंगापुर की सैर

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शनि शर्मा,रोहतक.फार्मा कंपनी के खर्चे पर विदेशी सैर करने के मामले में पीजीआई के पूर्व निदेशक डॉ नित्यानंद का निलंबन होने के बाद संस्थान के अन्य सीनियर डॉक्टरों व विभागाध्यक्षों की भी पोल खुलनी शुरू हो गई है। अब खुलासा हुआ है कि पीजीआई के ऑर्थोपेडिक्स के सीनियर प्रोफेसर सहित विभाग के छह डॉक्टर फार्मा कंपनी के खर्चे पर स्वीट्जरलैंड की सैर पर गए थे।

इसके अलावा डेंटल कॉलेज का एक डॉक्टर वर्ष 2010 में परिवार के साथ सिंगापुर की यात्रा पर गए थे। डॉ. नित्यानंद के बाद अब इन डॉक्टरों पर गाज गिरना तय हो गया है। इन यात्राओं से संबंधित सारा डाटा मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंच गया है। इसी के तहत स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पिछले चार वर्षों में विदेशी दौरे करने वाले पीजीआई के डॉक्टरों की जांच के आदेश दिए है।

पीजीआई के पूर्व निदेशक व मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नित्यानंद पर कार्रवाई होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को 20 बिंदुओं की एक शिकायत कॉपी सौंपी थी। इसमें डॉ. नित्यानंद ने खुलासा किया है कि वर्ष 2010 में डेंटल कॉलेज के एक डॉक्टर के खिलाफशिकायत आई थी। शिकायत में लिखा था कि वर्ष 2010 में डॉक्टर ने फार्मा कंपनी के खर्चे पर अपने परिवार के साथ विदेश की सैर की थी।

जांच में हुआ आर्थो विभाग के डॉक्टरों की सैर का खुलासा :चीफ विजिलेंस ऑफिसर की जांच में सामने आया था कि यात्रा पर करीब 2 लाख 63 हजार 95 रुपये का खर्चा आया था। इसी जांच के दौरान कुछ फार्मा कंपनी ने विदेश यात्रा और भुगतान के सबूत पेश किए। इसमें सामने आया कि डेंटल कॉलेज के डॉक्टर के अलावा आर्थोपेडिक्स के सीनियर प्रोफेसर सहित छह डॉक्टर फर्म के खर्चे पर स्वीट्जरलैंड गए थे। एक यात्रा पर 2 लाख 93 हजार 635 रुपये का खर्च आया था। सीएम ऑफिस से शिकायत को स्वास्थ्य मंत्री के पास मार्क किया गया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पिछले चार साल में विदेश यात्रा करने वाले पीजीआई के डॉक्टरों की जांच के आदेश दिए।

बैठक में दिए थे रिकवरी के आदेश, फिर ठंडे बस्ते में गई जांच :पूरा मामला सामने आने के बाद हेल्थ विवि की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने फार्मा कंपनी के खर्चे पर विदेश सैर करने वाले डॉक्टरों से रिकवरी करने के आदेश जारी किए थे। यह डॉक्टर एक कोर्स को करने के लिए कंपनी के खर्चे पर स्वीट्जरलैंड गए थे। लेकिन कुछ दिन बाद ही जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। एक एक डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई हुई। बाकी अन्य के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

स्वास्थ्य मंत्री को नहीं है क्लास वन कर्मचारी को सस्पेंड करने की पावर : निलंबन होने के बाद डॉ. नित्यानंद ने स्वास्थ्य मंत्री की कार्रवाई पर भी सवाल उठा दिए है। सीएम को दी शिकायत में डॉ. नित्यानंद ने दावा किया है कि यूनिवर्सिटी एक्ट 2008 के 3 (2) के तहत स्वास्थ्य मंत्री को यूनिवर्सिटी के क्लास वन के कर्मचारी को सस्पेंड करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। हेल्थ यूनिवर्सिटी एक ऑटोनोमस बॉडी है। डॉक्टर ने कहा कि उनका पक्ष सुने बिना ही सस्पेंड कर दिया गया।

सर्जरी विभाग के डॉक्टर के खिलाफ भी होगी पैसे लेने के मामले की जांच :शिकायत में डॉ नित्यानंद ने सर्जरी विभाग के सीनियर डॉक्टर का भी जिक्र किया है। सर्जरी विभाग के सीनियर डॉक्टर पर महाबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने उसकी पत्नी की सर्जरी करने के एवज में 2 लाख तीस हजार रुपये लिए। इस संबंध में व्यक्ति ने एक शपथ पत्र भी सौंपकर सीएम फ्लाइंग से जांच कराने की मांग की है।

डॉ नित्यानंद ने 6 को गर्वनर को भेजा था इस्तीफा, 9 अक्टूबर को वीसी ने किया सस्पेंड :डॉ नित्यानंद ने 6 अक्टूबर को ईमेल के माध्यम से राज्यपाल के पास इस्तीफा भेज दिया था। उन्होंने निदेशक के पर काम करने में असमर्थता जताई थी। इसके बाद 9 अक्टूबर को वीसी ऑफिस से उनका सस्पेंड ऑर्डर जारी कर दिया गया था।

पीजीआई छोड़कर विदेश जाने वाले डॉक्टर :फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों का गठजोड़ सामने आने के बाद विदेश की सैर करने वाले डॉक्टरों ने पीजीआई को छोड़ना शुरू कर दिया है। हाल ही में एक डॉक्टर ने पीजीआई छोड़कर शहर के निजी अस्पताल में ज्वाइन किया है। इस डॉक्टर का नाम भी विदेश यात्रा करने वालों की लिस्ट शामिल था।

जीएसटी कमिश्नर व पुलिस के पास पहुंचा इंप्लांट का मामला :पीजीआई के ऑर्थो विभाग और निजी केमिस्ट के गठजोड़ से चल रहा इंप्लांट सप्लाई का मामला जीएसटी कमिश्नर और पुलिस के पास पहुंच चुका है। पीजीआई से जब्त करीब आठ करोड़ रुपये के इंप्लांट के मामले में संबंधित फर्म जीएसटी भुगतान का सबूत भी पेश नहीं कर सकी है। पीजीआई में निजी केमिस्ट द्वारा इंप्लांट सप्लाई के मामले में तत्कालीन निदेशक डॉ नित्यानंद ने कार्रवाई की थी। सीएम को सौंपी शिकायत में भी उन्होंने इसका जिक्र किया है। उनका कहना है कि कार्रवाई होने के बाद ही उनके खिलाफ साजिश रची गई।

फार्मा कंपनी के पैसे पर विदेश जाने के मामले में पीजीआई के पूर्व निदेशक डॉ. नित्यानंद को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है। अब पिछले 4 वर्षों के दौरान विदेशी दौरे करने वाले चिकित्सकों की जांच करवाई जाएगी। ऐसे मामलों में संलिप्त पाई जाने वाली कंपनियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी।– अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा सरकार

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पीजीआई के पूर्व निदेशक डॉ नित्यानंद।