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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पूर्व फुटबॉल कप्तान और फर्स्ट क्लास क्रिकेटर चुन्नी गोस्वामी नहीं रहे; राष्ट्रपति, खेल मंत्री और लोकसभा स्पीकर ने दुख जताया

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  • पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित चुन्नी गोस्वामी का हार्ट अटैक से कोलकाता में निधन हुआ
  • चुन्नी गोस्वामी ने अपनी कप्तानी में भारतीय फुटबॉल टीम को 1962 के एशियाई खेलों में गोल्ड दिलाया

दैनिक भास्कर

May 01, 2020, 09:05 AM IST

खेल डेस्क. देश के पूर्व फुटबॉल कप्तान चुन्नी गोस्वामी का गुरुवार को कोलकाता में निधन हो गया। 82 साल के चुन्नी 1962 के एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान थे। बंगाल क्रिकेट टीम के तरफ से वो फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेले। चुन्नी के परिवार ने उनके निधन की जानकारी दी। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, खेल मंत्री किरण रिजिजू और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने गोस्वामी के निधन पर दुख जताया।

हार्ट अटैक से निधन
चुन्नी लंबे वक्त से शुगर और नर्व प्रॉब्लम्स से जूझ रहे थे। गुरुवार सुबह हालत ज्यादा खराब हुई तो परिवार ने उन्हें कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यह उन्हें इलाज के दौरान ही दिल का दौरा पड़ा। कुछ देर बाद उन्होंने अंतिम सांस ली।

राष्ट्रपति समेत अन्य लोगों ने दुख जताया
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “चुन्नी गोस्वामी के निधन की खबर से दुख हुआ। उनके निधन से भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों ने एक लेजेंड खो दिया। वह एक बहुमुखी खिलाड़ी थे। उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।” वहीं, ओम बिड़ला ने कहा, ‘‘पूर्व फुटबॉलर और प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर चुन्नी गोस्वामी के निधन की खबर से दुखी हूं। दोनों खेलों में उनकी उपलब्धियों को हमेशा देश याद रखेगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।’’

ऑलराउंड स्पोर्ट्समैन
1962 एशियाई खेलों में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता। चुन्नी इस टीम के कप्तान थे। 1964 में टीम एशियन रनर अप रही। इसकी कमान भी बंगाल के इस बेहतरीन फुटबॉलर के हाथ में थी। वो आजीवन कोलकाता के मोहन बागान क्लब से जुड़े रहे। खास बात ये है कि चुन्नी सिर्फ फुटबॉलर ही नहीं थे। वो बंगाल की टीम से प्रथण श्रेणी क्रिकेट भी खेले। इसके अलावा हॉकी के भी वो जबरदस्त फॉरवर्ड थे। लेकिन, पहला प्यार फुटबॉल ही रहा। 

27 साल की उम्र में इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास
चुन्नी ने 1957 में बतौर फुटबॉलर इंटरनेशनल डेब्यू किया। 27 साल के हुए तो इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास ले लिया। लेकिन, मोहन बागान के लिए खेलते रहे। 1966 में वेस्ट इंडीज टीम भारत दौरे पर थी। हनुमंत सिंह की कप्तानी में सेंट्रल और ईस्ट जोन की कम्बाइंड टीम बनी। इंदौर में मैच हुआ। सर गैरी सोबर्स की कप्तानी वाली टीम को आठ विकेट से हार मिली। चुन्नी ने इस मैच में आठ विकेट लिए। 1971-72 में वो बंगाल टीम के कप्तान बने। टीम को रणजी फाइनल तक पहुंचाया। यहां बॉम्बे (अब मुंबई) से हार मिली।