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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा 12.00 बजे नई शिक्षानीति के विशेष सन्दर्भ में भारतीय भाषाओं में उच्चशिक्षा विषय पर एक वेबिनार आयोजित किया गया।

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Chandigarh October 19, 2020
Webinar on New Education Policy

आज दिनांक 19.10.2020 को संस्कृत विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा 12.00 बजे नई शिक्षानीति के विशेष सन्दर्भ में भारतीय भाषाओं में उच्चशिक्षा विषय पर एक वेबिनार आयोजित किया गया। इस वेबिनार में लगभग 100 प्रतिभागी उपस्थित थे। संयोजक प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार, विभागाध्यक्ष नें जानकारी दी कि इस वेबिनार में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-काश्मीर, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश आदि अनेक प्रान्तों के शिक्षाविदों, शोधच्छात्रों व अन्य प्रतिभागियों ने न केवल भाग ही लिया, बल्कि अपनी जिज्ञासाएँ भी साँझी की। सत्र के अध्यक्ष प्रो. राज कुमार, कुलपति, पी.यू. ने भारतीय भाषाओं के लिए एकजुट होकर कार्य करने पर बल देते हुए कहा कि विविध भाषाएँ हमारा गौरव हैं। भारत को इस पर संकोच नहीं, अभिमान करना चाहिए। मुख्य संवादकर्ता के रूप में प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, कुलपति, महात्मा गान्धी अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय,वर्धा, महाराष्ट्र रहे। अपने मुख्य वक्तव्य में प्रो. शुक्ल ने कहा कि चीन, जापान, कोरिया आदि कितने ही ऐसे देश हैं , जिन्होंने अपनी भाषा के दम पर ही विज्ञान और दूसरे क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है।

भारत के पास तो भाषाओं व साहित्य का अपार भण्डार है। अपनी भाषा में मूल्य, संस्कार व संस्कृति होती है। वेबिनार के समन्वयक प्रो. अलंकार नें विषय की स्थापना में स्वतन्त्र शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि स्वतन्त्र में तन्त्र शब्द तनु विस्तारे धातु से बना है। इसका अर्थ है विस्तार। अतः अपनी भाषा, अपनी संस्कृति, अपनी परम्परा, अपना शासन, अपनी शिक्षाव्यवस्था का विस्तार ही स्वतन्त्रता होती है।