Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पंजाब रोडवेज में हर किलोमीटर पर देने होंगे 7 पैसे ज्यादा, 8 महीने में तीसरी बार बढ़ा किराया

0
273

चंडीगढ़। दीपावली पर पंजाब सरकार ने बस यात्रियों को झटका दिया है। पंजाब में बस किराये में तीसरी बार सात पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। पहले प्रति किलोमीटर किराया 1 रुपये 10 पैसे था, जिसे बढ़ाकर 1 रुपये 17 पैसे कर दिया गया है। खसस बात यह भी है कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कमी की आस को तोड़ते हुए बीते 8 महीने में तीसरी बार किराये में बढ़ोतरी की है।

कब-कब कितना बढ़ा किराया: इसी साल ट्रांसपोर्ट विभाग ने पहले फरवरी में 2 पैसे और फिर जून में 6 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की। काबिलेगौर है कि पूर्व अकाली भाजपा सरकार के समय बसों के किराये को डीजल व बसों के अन्य सामन के रेटों के साथ जोड़ दिया गया था, जिसके चलते हर तीन महीने बाद इनकी समीक्षा करके रेट को बढ़ाया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा बस किरायों में की गई वृद्धि का आम आदमी पार्टी ने कड़ा नोटिस लिया है। पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने मांग की कि सरकार डीजल पर वैट कम करके लोगों को राहत दे सकती थी, लेकिन ऐसा न करके सरकार ने बस किराये में एक ही साल में तीसरी बार वृद्धि कर दी है।

हरियाणा से 32 पैसे ज्यादा है पंजाब रोडवेज का किराया:पंजाब रोडवेज का मौजूदा किराया हरियाणा रोडवेज की बसों से 32 पैसे ज्यादा है। हरियाणा बस किराया प्रति किलोमीटर 85 पैसा है। बस यात्रियों को उम्मीद थी कि राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इन पर वैट कम करेगी तो यहां भी कुछ राहतभरी खबर आएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उल्टासरकार ने पेट्रो-डीजल पर वैट कम करने के बजाय बस किराये में वृद्धि कर दी।

कभी भी बंद हो सकते हैं 900 पेट्रोल पंप: उधर वैट की कीमतों में कमी लाने के लिए पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने अलग से दबाव बनाया हुआ है। उनका कहना है कि पड़ोसी राज्यों हिमाचल, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में पेट्रोलियम पदार्थों के रेट कम होने इन राज्यों की सीमाओं के साथ लगते पंजाब के 900 पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान ने आंकड़े सामने रखते हुए कहा कि इस साल की पहली छिमाही में, चंडीगढ़ में हाई स्पीड डीजल की बिक्री पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 78.10 फीसदी बढ़ी हैं।

हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में क्रमश: 2.3 प्रतिशत और 2.7 प्रतिशत दर्ज की गई है, जबकि इसी अवधि में पंजाब में यह 2.5 फीसदी कम हुई है। साफ है कि पंजाब के लोग अपनी गाड़ियों में डीजल पड़ोसी राज्यों से डलवा रहे हैं। अगर (मोटर स्पिरिट) की बिक्री में चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में क्रमश: 19 प्रतिशत, 11.6 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं पंजाब में सिर्फ 4 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई है। 2014-15 से 2017-18 तक पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर-वैट की वसूली को लेकर पंजाब में नकारात्मक तौर पर 3 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई है।

लगभग 200 करोड़ घटी कमाई: एसोसिएशन के महासचिव डॉ. मंजीत सिंह ने कहा कि 2016-17 में जहां पंजाब में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री से राजस्व वसूली 5,833 करोड़ रुपए होती थी, 2017-18 में घटकर 5658 करोड़ रुपए रह गई। यानी 175 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह कमी ऐसे समय में दर्ज की गई है जब पेट्रोल और डीजल की रिटेल कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि बिक्री ना के बराबर रहने के कारण पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर, रोपड़, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला और संगरूर में करीब 900 पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर हैं। इनकी पेट्रोल की बिक्री न के बराबर ही रह गई है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

roadways Department of Punjab increased fare