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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

नशा तस्करों का साथ देने वाले बिना एफआईआर के एक साल तक रखे जाएंगे हिरासत में, नहीं होगी जमानत

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सुखबीर सिंह बाजवा, चंडीगढ़.पंजाब की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए नया प्लान तैयार किया है। इसके तहत ऐसे 62 तस्करों को आइडेंटिफाई किया गया है, जो अप्रत्यक्ष रूप से नशीले पदार्थों की तस्करी नहीं करते, लेकिन वो इस धंधे से जुड़े हैं।

ऐसे तस्करों को एनडीपीएस एक्ट के तहत हिरासत में लेकर डिटेन किया जाएगा और एक साल तक बिना किसी एफआईआर के जेल में बंद रखा जाएगा। यह प्रावधान एनडीपीएस एक्ट के तहत है। इसके अलावा जेलों में बंद जो सजायाफ्ता तस्कर पैरोल आदि लेकर गए, लेकिन वापस नहीं आए, उनके खिलाफ जेल से भागने की कार्रवाई करते हुएउनकी प्राॅपर्टी जब्त करने का फैसला लिया गया है।

ऐसे मामलों में ढील बरतने वाले जांच अधिकारियों को भी सीधे डिसमिस किया जाएगा। एसटीएफ के चीफ डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा बताया कि अब एनडीपीएस एक्ट के तहत पुलिस थानों में जितने भी केस दर्ज होंगे, उनकी जांच की मॉनीटरिंग एसटीएफ ही करेगी।

नशे के केस में ढील बरतने वाले अधिकारी होंगे डिसमिस :

एनडीपीएस एक्ट के मामलों में जो जांच अधिकारी समय पर कोर्ट में चालान पेश नहीं करेगा, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। समय पर चालान पेश न करने पर कोर्ट से आरोपी को बेल मिल जाती है और मुजरिम बच जाता है। एनडीपीएस एक्ट के 682 मामलों में 725 आरोपी अब तक समय पर चालान पेश न करने के कारण बेल पा चुके हैं।

उनकी बेल रद्द कराने के लिए अब कोर्ट में दोबारा अर्जी दी जाएगी। मुजरिमों को बचने में मदद करने के पीछे जिन पुलिस मुलाजिमों की भूमिका सामने आएगी, उन पर भी सख्त कार्रवाई होगी। इसके अलावा अब एनडीपीएस एक्ट के तहत जो भी तस्कर पकड़ा जाएगा, पहले उसकी प्राॅपर्टी अटैच की जाएगी।

काउंटर इंटेलिजेंस के 90 निकम्मे मुलाजिम वापस भेजे :मुस्तफा ने बताया कि काउंटर इंटेलिजेंस को एसटीएफ के साथ इन्फाॅर्मेशन शेयर करने के लिए जोड़ा गया है। एसटीएफ को बने डेढ़ साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक काउंटर इंटेलिजेंस की परफाॅर्मेंस जीरो है। ऐसे में काउंटर इंटेलिजेंस से डेपूटेशन पर लिए गए 90 मुलाजिमों को वापस भेज दिया गया है। मुस्तफा के अनुसार वे सभी निकम्मे साबित हुए। इनमें इंस्पेक्टर, एसआई, थानेदार, हवलदार और सिपाही शामिल हैं।

137 भगौड़े तस्करों की प्राॅपर्टी होगी अटैच, 328 बड़े तस्कर होंगे भगौड़े डिक्लेयर :
नशे की कामर्शियल क्वांटिटी के साथ पकड़े गए ऐसे 137 तस्कर आइडेंटिफाई किए गए हैं, जो भगौड़े हो चुके हैं। इनकी प्राॅपर्टी अटैच करने का फैसला लिया गया है। सभी जिलों के आईजी, डीआईजी रेंज, एसएसपीज को कह दिया गया है कि एनडीपीएस एक्ट के जितने केस उनके पास हैं, उनकी रिपोर्टें तैयार करके दें। इससे पहले एसटीएफ पंजाब के 13 जिलों में ही एक्टिव थी, जो अब पूरे पंजाब में एक्टिव होगी।

एसटीएफ ने ऐसे 328 बड़े मगरमच्छ भी आइडेंटिफाई किए हैं, जिन पर नशे की तस्करी के चलते एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज हैं, लेकिन वो फरार हो चुके हैं और उसके बाद उन्हें पकड़ा ही नहीं गया। उनको पीओ डिक्लेयर कराने के लिए प्रोसीडिंग शुरू की जाएगी। इसके अलावा 97 प्रो जंपर हैं, जो सजा पाने के बाद जेल से पैरोल लेकर गए, लेकिन वापस नहीं आए। उन पर धारा 9 के तहत भागने का केस दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा जिला अधिकारियों से कह दिया गया है कि उनकी प्राॅपर्टी अटैच की जाए।

एडवाइजरी बोर्ड करेगा डिटेन करने का फैसला :
एनडीपीएस एक्ट के तहत पुलिस के पास पावर है कि वह एक साल के लिए तस्करों को डिटेन कर सकती है। यह कार्रवाई तस्करों को स्पॉट करने, नशा बेचने वालों पर की जा सकती है। यहां रहने वालों के अलावा विदेशों में रहने वालों पर भी यह कार्रवाई की जा सकती है। किसे डिटेन करना है इसके लिए एडवाइजरी बोर्ड बनाया जा रहा है। डिटेन करने के 90 दिन के भीतर एडवाइजरी बोर्ड इस पर अपनी अप्रूवल देगा।

कंट्रोल रूप में एसटीएफ स्टाफ भी होगा तैनात :
मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम पर अब एसटीएफ का स्टाफ भी बैठेगा। यहां पर नशे से संबंधित कोई भी जानकारी मिलने पर वह विभाग को अलर्ट करेगा। नशे के बारे में मिलने वाली हर जानकारी को गुप्त रखा जाएगा। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 181 पर एसटीफ के 6 मुलाजिम बैठेंगे। सूचना मिलते ही टीम तुरंत कार्रवाई करेगी।

}रेगुलर थानेदार ही करेगा एनडीपीएस एक्ट मामलों की जांच| एनडीपीएस एक्ट के मामलों की जांच रेगुलर थानेदार ही करेगा। लोकल रैंक के तहत प्रमोट हुए थानेदार इसकी जांच नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा एसटीएफ को पूछे बिना जेलों में बंद हवालाती को अस्पताल नहीं ले जाया जा सकेगा। अब अस्पताल ले जाने के लिए एसटीएफ से परमिशन लेनी जरूरी होगी। एसटीएफ अपनी फोर्स भी कैदी के साथ भेजेगी।

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