Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

दो बार दुष्कर्म हुआ, घर जलाया गया; फिर भी बच्चों को इंसाफ दिलाने के लिए संगठन बनाया

0
458

लापाज. बोलीविया की 32 साल की एक्टिविस्ट यौन शोषण के शिकार बच्चों को इंसाफ दिलाने के लिए एक संगठन ‘अ ब्रीज ऑफ होप’ चलाती हैं। यह संगठन अब तक 96% मामलों में इंसाफ दिला चुका है, जबकि बोलीविया में बाल उत्पीड़न के मामलों में न्याय मिलने की दर महज 2% है। एक्टिविस्ट जब नाबालिग थीं, तब उनसे दो बार दुष्कर्म हुआ था। उन्होंने खुदकुशी की कोशिश भी की। लेकिन बाद में विचार बदला। इंसाफ के लिए उनकी लड़ाई भी आसान नहीं रही। उनका दो बार घर जलाया गया। कई बार कार से कुचलने की भी कोशिश हुई। लेकिन उन्होंने संघर्ष जारी रखा।

  1. ब्रीसा डे एंगुलो 15 साल की उम्र में खुद दुष्कर्म का शिकार हुई थीं। उनके मुताबिक- मैंने दो बार खुदकुशी की कोशिश की। मेरे माता-पिता यह तो जानते थे कि कहीं कुछ गलत हो रहा है। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि मेरा दुष्कर्म परिवार के ही एक व्यक्ति ने किया था।

  2. 16 साल की उम्र में ब्रीसा ने दुष्कर्म की शिकायत की लेकिन मुश्किल कानूनी प्रक्रिया ने उन्हें झकझोरकर रख दिया। उन्होंने फैसला किया कि ताउम्र ऐसा कुछ करेंगी जिससे अन्य लड़कियों को दुष्कर्म का शिकार न होना पड़े।

  3. 2004 में 17 साल की उम्र में ब्रीसा ने यौन शोषण का शिकार बच्चों के लिए देश का पहला चैरिटी संगठन ‘अ ब्रीज ऑफ होप’ बनाया। बच्चों को इंसाफ दिलाने वाला यह बोलीविया का इकलौता संगठन है।

  4. ब्रीसा के मुताबिक- जब मैंने अपने लिए लड़ाई की शुरुआत की तो परिवार से लेकर सरकार तक लोगों ने मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की। मेरे घर को दो बार जलाया गया। कई बार कार से कुचलने की कोशिश की गई। जान से मारने की धमकियां मिलीं और घर पर पथराव तक किया गया।

  5. उन्होंने बताया- एफआईआर दर्ज होने के एक साल के बाद मैं कोर्ट पहुंच पाई। लेकिन सुनवाई मवेशियों-कृषि मामलों के कोर्ट में हुई। तीन अपीलों के बाद मामले को संवैधानिक कोर्ट में भेजा गया। सुनवाई की नई तारीख आई लेकिन तब तक आरोपी जमानत लेकर देश छोड़कर भाग गया।

  6. ब्रीसा ने अपने मामले को इंटर-अमेरिकन कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स में भी उठाया। ब्रीजा ने कानून में एक प्रावधान एस्ट्रुप्रो को निरस्त करने की अपील की है, जो छोटे बच्चों पर हमलों के मुकाबले 14 से 18 साल के बच्चों से दुष्कर्म के लिए कम सजा की अनुमति देता है।

  7. बीते 14 साल में ब्रीसा के ‘अ ब्रीज ऑफ होप’ की लीगल टीम ने शोषण के 500 से ज्यादा मामलों में पैरवी की, जिनमें 96% मामलों को सजा तक पहुंचाया। बोलीविया में चाइल्ड हैरेसमेंट सजा होने की दर महज 2% है। होप की लीगल टीम में काम करने वाले 65% कर्मचारी यौन शोषण का शिकार हो चुके हैं।

  8. महिलाओं पर हिंसा के मामले में बोलीविया लैटिन अमेरिका में उच्च दर वाले देशों में से एक है। अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, यहां 10 में से 6 महिलाएं शारीरिक या यौन शोषण की शिकार हैं।

  9. ब्रीसा ने न्यूरोसाइकोलॉजी में पीएचडी की है। वे जानती हैं कि किसी बच्चे का यौन शोषण होने पर उसके मन-मस्तिष्क पर क्या प्रभाव पड़ता है। उनके मुताबिक- पीड़ित को सबसे पहले हम शांत होना सिखाते हैं। विक्टिम को ब्रीथिंग एक्सरसाइज और योग सिखाया जाता है ताकि वह शारीरिक और मानसिक तकलीफ से बाहर आ सके।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

      एक्टिविस्ट का 15 साल की उम्र में परिवार के ही व्यक्ति ने यौन शोषण किया था।
      ब्रीजा एक संगठन अ ब्रीज ऑफ होप चलाती हैं।