Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

थायराइड जागरूकता माह

0
101

थायराइड जागरूकता माह

By-Sneha Verma

ठंड के प्रति संवेदनशीलता, वजन बढ़ना और खराब पाचन थायराइड विकार के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं: डॉ. केपी सिंह

मोहाली , 24 जनवरी, 2023: भले ही थायरॉयड ग्रंथि से संबंधित कई विकार आम हैं, लेकिन इस बीमारी के बारे में जागरूकता हमेशा कम होती है। थायराइड और इससे संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जनवरी को थायराइड जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। यह बात डॉ. केपी सिंह, डायरेक्टर, एंडोक्रिनोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल मोहाली, एक स्वास्थ्य परामर्श के माध्यम से थायराइड की समस्याओं के कारणों और लक्षणों के बारे में बात करते हुए कही।

डॉ. केपी सिंह ने थायराइड ग्रंथि क्या है, पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वॉयस बॉक्स के नीचे स्थित थायरॉयड ग्रंथि सबसे बड़ी एंडोक्राइन ग्रंथि है। टी4 और टी3 का सैक्रिशन थायराइड स्टीमुलेशन हार्मोन (टीएसएच) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो पिट्यूटरी द्वारा सैक्रिशन होता है। थायरॉइड ग्रंथि के रोगों में हाइपरथायरायडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म, गोइटर, क्रेटिनिज्म, मैक्सिडेमा, थायराइड कैंसर और शायद ही कभी थायराइड स्ट्रोम शामिल हैं।
डॉ सिंह ने बताया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड की स्थिति विकसित होने का अधिक जोखिम होता है और 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग इसके प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्होंने बताया कि थायराइड रोग के इतिहास वाले लोगों को रोग विकसित होने का अधिक खतरा होता है। किसी भी ऑटो-इम्यून बीमारी का व्यक्तिगत इतिहास हाशिमोटो रोग या ग्रेव्स रोग जैसे ऑटोइम्यून थायरॉयड रोग के विकास के जोखिम को थोड़ा बढ़ा देता है।

इसके प्रकारों पर बात करते हुए डॉ सिंह ने बताया कि हाइपरथायरायडिज्म वजन कम होना, अनिद्रा, दिल की धडक़न तेज होना, हाथ कांपना, गर्मी के प्रति असहिष्णुता और पाचन तंत्र में गड़बड़ी जैसे लक्षण हाइपरथायरायडिज्म से संबंधित हैं। हाइपोथायरायडिज्म से पीडि़त महिलाओं को सूजन और कब्ज के साथ भारी मासिक धर्म का अनुभव हो सकता है।
दूसरी ओर हाइपोथायरायडिज्म से कम सक्रिय थायरॉयड समस्याओं वाले लोगों को स्थिर वजन बनाए रखने में कठिनाई होती है और थकान, ठंड के प्रति संवेदनशीलता, वजन बढ़ना, कब्ज और मांसपेशियों में ऐंठन जैसे लक्षण होते हैं।

इससे निवारण के संबंध में डॉ सिंह ने कहा कि एक स्वस्थ आहार का सेवन करें, नियमित जांच से गुजरें, सभी प्रकार के रेडिएशन के अत्यधिक जोखिम से बचें, डिस्टिड पानी का सेवन न करें, थायराइड की समस्याओं को रोकने के लिए चेलेटेड सप्लीमेंट्स आदि का उपयोग करें।
उपचार के विकल्पों पर चर्चा करते हुए, डॉ. सिंह ने कहा, सुबह उठने पर 10 मिनट के लिए बगल में बेसल थर्मामीटर रखें। थर्मामीटर को एक डिग्री के दसवें हिस्से में कैलिब्रेट किया जाना चाहिए। शरीर का सामान्य तापमान 97.8 और 98.2 डिग्री फारेनहाइट के बीच होता है। सीमा के नीचे की रीडिंग कम थायराइड गतिविधि (हाइपोथायरायडिज्म) का संकेत दे सकती है, जबकि ऊपर की रीडिंग का मतलब अतिरिक्त गतिविधि (हाइपरथायरायडिज्म) हो सकता है। अन्य डायग्नोसिस टेस्ट भी दोनों विकारों के लिए उपलब्ध हैं।