नई दिल्ली.रेलगाड़ी में सफर के दौरानऔर प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों कोचाय और खानाअब मिट्टी के बर्तनों में मिलेगा।रेल मंत्रालय के आदेश पर गोरखपुर, लखनऊ, आगरा और वाराणसी समेत पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशनों पर मार्च से मिट्टी के बर्तनों में खाने का सामान परोसने की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए कुम्हारों के समूहों से संपर्क किया जा रहा है।
रेलवे बोर्ड वाराणसी और रायबरेली से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत करने जा रहा है। अगर सब कुछ सही रहा, तो देशभर केए और बी श्रेणी के 400 रेलवे स्टेशनों पर यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय की व्यवस्था लागू की थी। कुल्हड़ का चलन शुरू हुआ, लेकिन प्लास्टिक के कप और प्लेट में गुम होकर रह गया।
प्लास्टिक के उपयोग पर होगी पाबंदी
यह सुझावखादी ग्रामोद्योग बोर्ड का है। इससे कुम्हारों को रोजगार मिलेगा। एडीजी स्मिता वत्स शर्मा ने बताया कि मिट्टी के बर्तनों का प्रोडक्शन बढ़ने के साथ ही वाराणसी और रायबरेली स्टेशन पर प्लास्टिक के उपयोग पर हम पाबंदी लगा देंगे। पूर्वोत्तर रेलवे ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
रोजाना20 लाख एल्युनिमिनियम कैसरोल लगती हैं
आईआरसीटीसी के सीएमडी एमपी मल्ल का कहना है कि इको फ्रेंडली प्लेटों मेें खाना परोसने का काम शुरू हो चुका है। रोजाना करीब 20 लाख एल्युमिनियम कैसरोल की जरूरत पड़ती है, इसलिए सभी ट्रेनो में इको फ्रेंडली प्लेटों में खाना परोसने में समय लगेगा। फिलहाल, राजधानी-शताब्दी समेत अन्य ट्रेनों में इको फ्रेंडली प्लेटों में खाना दिया जाएगा।
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