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- Donald Trump Chief Economic Advisor on Kashmir issue says President does not make things up
- डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ बनने की अपील की थी
- भारत की ओर से दावा खारिज किए जाने के बाद अमेरिकी सांसदों ने भी ट्रम्प की आलोचना की
Dainik Bhaskar
Jul 24, 2019, 09:18 AM IST
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे पर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए कहा था। हालांकि, भारत सरकार ने ट्रम्प के इस दावे को एक घंटे के अंदर ही नकार दिया था। लेकिन अब ट्रम्प के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने राष्ट्रपति का बचाव किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अपनी तरफ से कभी बातें नहीं गढ़ते हैं।
‘राष्ट्रपति और विदेश मंत्री ही जवाब दे सकते हैं’
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व्हाइट हाउस में पत्रकारों ने कुडलो से जब राष्ट्रपति के दावे पर पूछा तो उन्होंने इसे बेहद भद्दा सवाल बताया। कुडलो ने कहा, “राष्ट्रपति कभी खुद से बातें नहीं गढ़ते। मुझे लगता है कि यह गलत सवाल है। मैं इस मामले से बाहर ही रहूंगा। यह सवाल मेरे दायरे से बाहर है। इसका जवाब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन, विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और खुद राष्ट्रपति ही दे सकते हैं।”
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ट्रम्प ने सोमवार को ही इमरान खान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। इस पर इमरान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर आप ऐसा करा सके तो अरबों लोग आपको दुआ देंगे।
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भारत ने ट्रम्प का दावा खारिज किया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर ट्रम्प के दावे को गलत बताया था। सरकार की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प ऐसी कोई बात नहीं हुई। भारत अपने निर्णय पर कायम है। पाकिस्तान के साथ सारे मसले द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किए जाएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संसद में साफ किया था कि कश्मीर मसले पर किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं होने दिया जाएगा।
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ट्रम्प के बयान को शर्मनाक बता चुके हैं डेमोक्रेट सांसद
अमेरिका की विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी के सांसद ब्रैड शरमैन ने ट्रम्प के इस बयान को शर्मनाक बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मैंने अभी भारतीय राजदूत हर्ष श्रृंगला से ट्रम्प के अनुभवहीन बयान के लिए माफी मांगी। जो भी थोड़ा बहुत दक्षिण एशिया की विदेश नीति के बारे में जानता है उसे पता है कि भारत कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं चाहता।
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वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय की पूर्व राजनायिक एलिसा आयर्स ने कहा था कि इमरान के साथ मुलाकात के लिए ट्रम्प बिना तैयारी के गए। उनके बिना सोचे-समझे दिए बयान यही दिखाते हैं।
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