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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

जिले में कोरोना से दूसरी महिला की मौत

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2 अप्रैल की रात को नोवल कोरोना वायरस पॉजिटिव पाई गई शिमलापुरी की 69 वर्षीय सुरिंदर कौर की फोर्टिस हॉस्पिटल में मौत हो गई। रविवार दोपहर तकरीबन दो बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद ढाई बजे डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। गौर हो कि इससे पहले 30 मार्च को कोरोना पॉजिटिव अमरपुरा की पूजा(42) की पटियाला के राजिंदरा हॉस्पिटल में मौत हो चुकी है। इस तरह जिले में अब तक कोरोना पॉजिटिव दो महिलाओं की मौत हो चुकी है। काबिलेजिक्र है कि सुरिंदर कौर 17 मार्च को अपनी भतीजी के पास मोहाली वॉल्वो बस से गई थीं। 23 मार्च को उन्हें बुखार और खांसी की शिकायत हुई। 27 को उनकी भतीजी और पोते को भी फ्लू के लक्षण उभरे। तीन दिन बाद महिला को डायरिया की समस्या हुई। इसके बाद 31 मार्च को उन्हें मोहाली से एंबुलेंस के जरिए सीधे फोर्टिस हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया गया। उनके लक्षणों के देखने के बाद उनके सैंपल भेजे गए। जिसमें उन्हें पॉजीटिव पाया गया। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। रविवार सुबह उनकी तबीयत थोड़ी सुधरी थी और उन्होंने बैठना भी शुरू किया था। लेकिन दोपहर में ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। बताया जा रहा है कि महिला शुगर, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी से पीड़ित थी। महिला के बेटे और बहू को भी जांच के बाद शिमलापुरी में ही घर पर क्वारेंटाइन किया गया है।

मुस्लिम कॉलोनी शेरपुर में तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों के संपर्क में आए लोगों की चेकिंग करने गई सेहत विभाग की टीम के साथ वहां के लोगों ने धक्का-मुक्की की और जांच करने से इनकार कर दिया। सेहत विभाग की ओर से रैपिड रिस्पांस टीम के 5 सदस्य गए थे, लेकिन वहां के 15-20 लोगों ने धक्का-मुक्की की। पुलिस को जब शिकायत मिली तो मौके पर पहुंची। लेकिन दोनों टीमों में राजीनामा हो गया।

शर्मनाक : सेहत टीम पर हमला

उधर, गांव के सरपंच हरतेग सिंह ग्रेवाल ने बताया युवक गांव की मस्जिद में मौलवी के पास गया था, जहां बडी़ संख्या में गुज्जर बरादरी के लोग आते हैं। इसके पिता गांवों में दूध सप्लाई करते हैं। अब युवक के पाॅजिटिव की पुष्टि होने की बात से लोग सहमे हुए हैं। सरपंच के अनुसार गांवो में 13 परिवारों को क्वारेंटाइन किया गया है।

खन्ना| दोराहा के गांव राजगढ़ में 26 साल के युवक के कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद युवक के करीबी मौलवी सहित उसके संपर्क में आने वाले पांच परिवारों को क्वारेंटाइन किया गया है, जिसमें मौलवी को सिविल अस्पताल लुधियाना अौर पांच परिवारों को घरों में रहने को कहा गया है। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए गांव की सीमाअों को सील कर दिया है, वहीं गांव की मस्जिद को भी सील किया गया है। एसडीएम सागर सेतिया ने बताया कि प्रशासन ने युवक के संपर्क में आने वाले मौलवी और परिवार के 8 लोगों(माता-पिता, प|ी, दो बच्चे, दो बहनें और एक भाई) को सिविल अस्पताल लुधियाना अौर गांव के ही पांच परिवारों को घरों में क्वारेंटाइन किया गय है। गांव को सेनेटाइज करवाया जा रहा है।

गांव राजगढ़ को किया सील

दोराहा के कोरोना पाॅजिटिव युवक के करीबी मौलवी समेत 5 परिवार क्वारेंटाइन

हाई रिस्क में लुधियाना

प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने लौटाया, सिविल में टॉयलेट तक नहीं जाने दिया

लुधियाना। सिविल हॉस्पिटल में कोरोना सस्पेक्टेड मरीज की मौत हो गई। शिमलापुरी इलाके का रहने वाला 41 वर्षीय मनोज कुमार शनिवार को ही सिविल हॉस्पिटल में एडमिट हुआ था। लेकिन रविवार सुबह करीब 8 बजे उसकी मौत हो गई। मौत के कारणों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। यहां तक कि परिवार के सदस्यों को भी मौत के कारणों के बारे में बताया नहीं गया है। मृतक के परिवार में प|ी, सातवीं और नौवीं में पढ़ते दो बेटे हैं। उनका एक भाई शिमलापुरी में ही दो किलोमीटर दूर रहता है। वहीं, एक भाई अमृतसर रहता है। इसके अलावा उनके माता-पिता भी हैं। लेकिन सिस्टम की लापरवाही और हॉस्पिटल में दाखिल होने के बावजूद भी स्टाफ द्वारा किए जा रहे गलत व्यवहार के खामियाजा पूरे परिवार को भुगतने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

‘पिछले 20-22 दिनों से बुखार और कमजोरी हो रही थी। 3 अप्रैल को सांस लेने में ज्यादा परेशानी हुई तो वो सिविल हॉस्पिटल गए। लेकिन उन्हें दवाई देकर भेज दिया। 4 अप्रैल को सिविल से ओसवाल कैंसर हॉस्पिटल जाने को कहा गया। जहां पर हॉस्पिटल ने एडमिशन से मना कर दिया और सिविल हॉस्पिटल जाने के लिए कहा। सिविल हॉस्पिटल में एडमिट तो कर लिया लेकिन भाई से शनिवार को पूरा दिन बात होती रही। जिसमें कभी वो ऑक्सीजन न मिलने की बात कहते तो कभी टॉयलेट तक जाने के लिए भी स्टाफ न मिलने की बात कहते। आखिरकार सिस्टम की इस कमजोरी के कारण मेरे भाई की मौत हो गई। इसके बाद हॉस्पिटल में मैं अपने भाई की बॉडी लेने के लिए गया तो 4-5 घंटे कोई जानकारी नहीं दी गई। आखिरकार मैं हॉस्पिटल से खाली हाथ लौट आया। न ही कोई रिपोर्ट पता है न ही ये मालूम है कि मुझे मेरे भाई का पार्थिव शरीर मिलेगा भी या नहीं। सिविल जाने से हफ्ता पहले भी मेरा भाई प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाने के लिए गए थे। लेकिन उनका इलाज सिर्फ इसलिए करने से मना कर दिया गया कि हम शिमलापुरी के रहने वाले हैं। आस-पड़ोस के लोग ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे हम अपराधी हों। जबकि हमें अभी तक कोई रिपोर्ट भी नहीं मिली है। जबकि हमने खुद को क्वारेंटाइन किया हुआ है।’
– जैसा कि मृतक मनोज कुमार के भाई संतोष कुमार ने बताया।

इधर, सिविल में कोरोना सस्पेक्टेड मरीज की भी मौत, जांच रिपोर्ट पेंडिंग

17 मार्च को बस से भतीजी के पास गई महिला की तबियत खराब होने पर मोहाली से सीधे फोर्टिस में कराया था भर्ती

रविवार को रैपिड रिस्पॉन्स टीमों ने 334 मरीजों की स्क्रीनिंग की, जिसमें से 164 लोगों को क्वारेंटाइन किया**

329 लिए गए सैंपल, 272 निगेटिव, 6 मामले कोरोना पॉजिटिव के अब तक आ चुके, चार का इलाज जारी**