Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

खिलौने-मिठाइयां दिलवाने का कहकर लाए थे बच्चों को, ज्यादातर की मौत भगदड़ में कुचलने से हुई

0
282

अमृतसर. ट्रैक के पास नीरज की लाश पड़ी थी। उसका पिता सभी को दूर हटने के लिए कह रहा था। उसके शब्द थे, ‘‘कोई ध्यान दो, इसे उठाकर ले चलो, यह मेरा बेटा है।’’ फिर वहदहाड़मारकर रो पड़ा। यह मंजर था जोड़ा फाटक का, जहां रावण दहन देख रहे 250 से ज्यादा लोग दो ट्रेनों की चपेट में आ गए। इस हादसे में 70 की मौत हो गई और 142 लोग घायल हो गए। मारेगए बच्चों में ज्यादातर की मौत भगदड़ के दौरान पैरों के नीचे कुचलने की वजह से हुई।शनिवार सुबह रेलवे बोर्डके चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने मौके का दौरा कर हालात का जायजा लिया। वहीं, पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अस्पताल जाकर लोगों का हाल जाना।

नीरज के पिता ने कहा, ‘‘काश मैं रोक लेता। आज वह दशहरा देखने के लिए अकेला ही घर से निकल गया था। मुझे तो कुछ भी पता नहीं, किसी ने बताया कि घटना हुई और मैं मौके पर पहुंच गया। बेटे को ढूंढ रहा था और उसकी लाश मिली। क्या बोलूंगा घर जाकर। एक ही बेटा था वह भी छोड़कर चला गया।’’

चश्मदीदों ने बताया कि इस हादसे के बाद पटरियों के दोनों ओर खून से सनी लाशें पड़ीं थीं। बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनकी तलाश में जुटे थे। चारों तरफ चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। किसी के हाथ कटे हुए थे तो किसी के पैर। लोग लाशों में अपनों के जिंदा होने की तलाश कर रहे थे।

amritsar train accident

पहचानना भी मुश्किल :ट्रेन की चपेट आने से कई लोगों के सिर बुरी तरह कुचल गए। चेहरा पहचानना भी मुश्किल था। कोई बहन का नाम लेकर चिल्ला रहा था, तो कोई बच्चों को खोज रहा था। एक पीड़ित ने बताया, ‘‘मैं अपने बच्चे को खिलौने और मिठाइयां दिलवाने की बात कहकर घर से लाया था। सोचा था कि वह रावण दहन देखने के बाद खुश होगा, लेकिन कुछ सेकंड में ही सब कुछ तबाह हो गया। मैं तो बच गया, लेकिन मेरी जिंदगी उजड़ गई।’’

amritsar train accident

स्थानीय लोगों ने कंबल लाकर दिए : मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सबसे पहले पुलिस पहुंची। घटनास्थल के आसपास रह रहे लोग भी मदद के लिए आगे आए। उन्होंने लाशों को ढकने और उठाने के लिए घरों से चादरें और कंबल लाकर दिए। शरीरों के कई टुकड़े हो गए थे। एक पुलिसवाले ने बताया कि लाशें उठाते वक्त समझ नहीं आ रहा था कि किसका पैर है और किसका हाथ है।

amritsar train accident

बेटे को ढूंढते हुए पहुंचा, ट्रैक पर मिली लाश

  • एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा- रेलवे ट्रैक के आसपास कोई बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। हादसे के मंजर को देखा नहीं जा सकता। ट्रैक के आसपास खून से लथपथ लाशें बिखरीं हैं।
  • एक चश्मदीद ने यह भी बताया कि पटरियों से महज 200 फीट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था। कार्यक्रम बिना इजाजत हो रहा था।
  • एक और चश्मदीद ने कहा कि हर तरफ से लोगों के रोने-बिलखने की आवाज आ रही थी। इस हादसे के बाद लोग अपने परिजनों को तलाश रहे थे।
  • एक चश्मदीद ने कहा- 7 बजकर 10 मिनट पर पुतलों का दहन किया गया। अगर समय रहते यह सब हुआ होता तो हादसा बच सकता था। एक तो रोशनी होती और दूसरा उस वक्त ट्रेन का टाइम भी नहीं था।
  • एक ने कहा- बेटा दशहरा देखने आया था। ढूंढते हुए यहां पहुंचा तो ट्रैक पर उसकी लाश पड़ी थी।
  • उधर, लोको पायलट का कहना है कि रावण का पुतला दहन होने की वजह से आसपास इतना धुआं था कि उसे ट्रैक पर खड़ी भीड़ नजर ही नहीं आई।

लुधियाना समेत 5 जिलों में ट्रैक ही दशहरा ग्राउंड

  • लुधियाना : यहां के धूरी रेलवे लाइन पर हर साल दशहरा मनाया जाता है। यहां रावण दहन को देखने 10 हजार लोग पहुंचते हैं। कई बार ऐसा हादसा होने से बचा, लेकिन प्रशासन ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया। शुक्रवार को जब रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों को जलाया जाना था उसी दौरान ट्रैक से ट्रेन निकल रही थी। शुक्र है कि रावण दहन से पहले ट्रेन निकल गई,नहीं तो अमृतसर के जोड़ा फाटक जैसा दर्दनाक हादसा यहां भी हो सकता था। इसी तरह सूबे के अन्य जिलों में भी लोगों की जान से खेलकर ऐसे ही कई पर्व मनाए जाते हैं।

amritsar train accident

  • संगरूर : संगरूर में भी शुक्रवार को रेलवे लाइन से 50 मीटर की दूरी पर रावण का पुतला जलाया गया।
  • मानसा : मानसा शहर में दशहरे पर रावण दहन रेलवे ट्रैक के किनारे सालों से होता आ रहा है। शुक्रवार को भी रावण दहन यहीं किया गया।
  • मोगा : मोगा नगर निगम के स्टेडियम में रावण दहन होता है, जो रेलवे लाइन के बगल में है। जब स्टेडियम में भीड़ बढ़ जाती है तो लोग रेलवे लाइन पर भी खड़े हो जाते हैं।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

इस हादसे में नीरज नाम के युवक की मौत हो गई। उसके शव के पास बैठे पिता ने कहा, मैं उसे रोक लेता तो बेटे की जान बच जाती।
पुलिसकर्मियों ने लोगों के शव चादर और कंबल में उठाए।
हादसे के बाद कई लोग मदद के लिए आगे आए। उन्होंने अपनी गाडियों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
लोग अपने परिजनों के लिए परेशान दिखे।
इस हादसे में 142 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
घायलों को नजदीक के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
कई लोग अपने घायल परिजनों को खुद ही अस्पताल लेकर पहुंचे।
अस्पताल के बाहर अफरा-तफरी का माहौल रहा।
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar
Ground report after rail accident in Amritsar