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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

काउंसलर्स की राय में पिछड़े कालिया, कहा- न बनाया जाए मेयर कैंडिडेट

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चंडीगढ़.चंडीगढ़ भाजपा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन और सांसद किरण खेर के एकसाथ आ जाने के बाद भी राजेश कालिया मेयर कैंडिडेट नहीं बन सके। सांसद गुट का एक भी काउंसलर कालिया के पक्ष में नहीं गया। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं चंडीगढ़ प्रभारी प्रभात झा ने एक-एक करके काउंसलर की राय जानी तो सतीश कैंथ के पक्ष में 7 काउंसलर, भरत के पक्ष में 5, कालिया के पक्ष में 4 और फरमिला के पक्ष में 4 काउंसलर ने सिफारिश की।

काउंसलर्स की राय जानने के बाद झा ने मेयर कैंडिडेट, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के नाम की घोषणा नहीं की। बीजेपी पंजाब एवं चंडीगढ़ प्रभारी प्रभात झा ने क्लियर कर दिया कि काउंसलर्स की रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल के समक्ष रखेंगे। वहीं से मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के नाम फाइनल होंगे।

सोमवार सुबह 11 बजे चंडीगढ़-पंजाब के संगठन मंत्री दिनेश कुमार को अवगत करवाया जाएगा। दिनेश कुमार ही सभी पदों के नामों की घोषणा करेंगे और इसके बाद 3 बजे सभी अपने अपने नामांकन करेंगे। इस बार भी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन ने मेयर कैंडिडेट के नाम को लेकर काउंसलर्स को बुलाकर एक-एक करके राय नहीं जानी। न ही कोर कमेटी की मीटिंग बुलाई। कोर कमेटी के मेंबर्स में सांसद किरण खेर, पूर्व सांसद सत्य पाल जैन, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन, मेयर देवेश मोदगिल, संगठन मंत्री दिनेश कुमार, जनरल सेक्रेटरी प्रेम कौशिक और चंद्रशेखर शामिल हैं।

मीटिंग में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के नामों पर चर्चा होती है। प्रभारी द्वारा काउंसलर्स की राय जानने के बाद मेयर कैंडीडेट फाइनल किया जाता रहा है। प्रभारी ने काउंसलर की एक-एक करके राय ली। लेकिन प्रदेशाध्यक्ष और सांसद मेयर जिसे कैंडीडेट बनाना चाहते थे, वह काउंसलर्स की राय पर खरा नहीं उतरा। इसलिए प्रभारी ने पिछले साल की तरह मौके पर फैसला नहीं सुनाया। मामला हाईकमान के पास भेज दिया।

पूर्व सांसद को मीटिंग में नहीं बुलाया :रविवार को मीटिंग में पूर्व सांसद सत्यपाल जैन को नहीं बुलाया गया। टंडन और खेर के एक होने पर भी राजेश कालिया मेयर कैंडिडेट नहीं बन सके। बल्कि अपने गुट के काउंसलर को प्रदेशाध्यक्ष कालिया के पक्ष में कर सके। उनके गुट के काउंसलर भी मेयर कैंडीडेट के पक्ष में राय को लेकर दो गुट में बंट गए।

भरत के पक्ष में ज्यादा काउंसलर रहे, जबकि कालिया के पक्ष में कम। वहीं सांसद खेर के कालिया के पक्ष में चले जाने के बाद भी उनके गुट के काउंसलर में से किसी एक ने कालिया का पक्ष नहीं लिया। वे अपने ही गुट के दो काउंसलर सतीश कैंथ और फरमिला के पक्ष में राय देते दिखे। मीटिंग में प्रभारी प्रभात झा, सांसद किरण खेर, संगठन मंत्री दिनेश कुमार और प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन थे।

सीनियर डिप्टी मेयर के नाम को लेकर रही चर्चा :
सीनियर डिप्टी मेयर के पद पर टंडन ने प्रभारी के समक्ष रविकांत शर्मा का नाम रखा। इसके बाद चंद्रावती शुक्ला की ओर से दबाव आया। इसी बीच चर्चा चली कि शिअद बादल के अध्यक्ष एवं पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल की ओर से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को फोन करके अपनी पार्टी के काउंसलर हरदीप सिंह के लिए सीनियर डिप्टी मेयर की पद मांग लिया गया। भाजपा-शिअद बादल का काफी सालों से चंडीगढ़ और पंजाब में समझौता चला आया है। इसके तहत सीनियर डिप्टी मेयर उनकी पार्टी के काउंसलर को दिया जाए।

बीजेपी पंजाब एवं चंडीगढ़ प्रभारी प्रभात झा ने दिन में सभी काउंसलर की दूसरी बार मीटिंग ली। मीटिंग में पंजाब-चंडीगढ़ के संगठन मंत्री दिनेश कुमार और प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन भी थे। झा ने सभी काउंसलर को एकजुट रहने की सलाह दे डाली। चेतावनी भी दे दी कि हाईकमान ने जिसे मेयर कैंडिडेट घोषित किया, उसके पक्ष में वोटिंग करनी होगी। कोई भी बगावती तेवर नहीं दिखाएगा। अगर किसी भी काउंसलर ने पिछले साल की तरह विरोध जताने की कोशिश की तो पार्टी उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

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