- बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने इंग्लैंड के खिलाफ फेंकी थी बॉल ऑफ द टूर्नामेंट
- इंग्लैंड के सेंटर फॉर हेल्थ एंड ह्यूमन परफॉर्मेंस के डॉक्टर डेविड बार्टलेट ने मिचेल स्टार्क की गेंदबाजी का अध्ययन किया
Dainik Bhaskar
Jun 27, 2019, 07:43 AM IST
टिम विगमोर, टेलीग्राफ. ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप-2019 के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है। इसमें बड़ा हाथ है बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क का। पंजों के बल उछलता हुआ धीमा रनअप, क्रीज पर लैंडिंग ऐसी की मानो कोई जोर ही नहीं लगाया हो और पिच पर गेंद पटकी तो रफ्तार निकली 140, 145, कभी-कभी तो 150 किमी प्रतिघंटा। गेंद का एंगल ऐसा कि बल्लेबाज के हाथ से बल्ला छटक जाए। जैसा मंगलवार को इंग्लैंड के बेन स्टोक्स के साथ हुआ। स्टार्क इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 19 विकेट ले चुके हैं।
इंग्लैंड के सेंटर फॉर हेल्थ एंड ह्यूमन परफॉर्मेंस के डॉक्टर डेविड बार्टलेट ने मिचेल स्टार्क की गेंदबाजी का अध्ययन किया। इससे 5 वजहें निकल कर आईं, जिनसे मिचेल स्टार्क को बेहद आसानी से जबरदस्त पेस और बल्लेबाज के लिए सटीक एंगल मिलता है।
ये 5 कारण स्टार्क की गेंदबाजी में मददगार रहते हैं
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आर्म रोटेशन: रनअप पूरा करते वक्त स्टार्क के हाथ बाकी गेंदबाजों की तुलना में काफी नीचे रहते हैं। इसलिए वे बाकी गेंदबाजों की तुलना में ज्यादा तेजी से आर्म रोटेशन पूरा कर गेंद फेंकते हैं। इससे भी अतिरिक्त पेस मिलता है, जिसका अंदाजा स्टार्क के धीमे रनअप को देखकर नहीं लगाया जा सकता।
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शरीर से दूर कोहनी: बाएं हाथ से गेंद रिलीज करते वक्त स्टार्क के दाएं हाथ की कोहनी शरीर से काफी दूर रहती है। तभी शरीर बाहर की ओर मुड़ता है और गेंद को बाकी गेंदबाजों की तुलना में एक अलग एंगल मिलता है, जो बल्लेबाजों को परेशान करता है। इनस्विंगिंग यॉर्कर भी इसी वजह से आसानी से फेंक पाते हैं।
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कमर पर जोर: स्प्रिंटर लैंडिंग का असर है कि एक्शन लेते ही स्टार्क का फोर्स ऑटोमेटिक तरीके से कमर और कंधे पर लगता है। जब बायां हाथ पीछे से आगे आता है, तो जोर कमर पर। इससे बॉडी स्थिर होती है। जब हाथ गेंद फेंकने के लिए आगे आता, तो जोर कंधे पर। जिससे रफ्तार और उछाल मिलता है।
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लंबाई और बनावट: स्टार्क की लंबाई 6 फीट 5 इंच है। उनके कंधे चौड़े और हाथ सामान्य से काफी लंबे हैं। अच्छा तेज गेंदबाज बनने की ये खूबियां उन्हें जेनेटिक तौर पर मिली हैं। हालांकि लैंडिंग के वक्त पैर पटकने की वजह से कई बार उन्हें इंजरी भी हुई है।
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फ्रंट लेग: क्रीज पर लैंडिंग के वक्त स्टार्क का फ्रंट लेग किसी स्प्रिंटर (रनर) की तरह लैंड होता है। यानी एड़ी के बल। इस तरह की लैंडिंग से गेंदबाजी की ओर से गेंद पर लगने वाले फोर्स में कमी नहीं आने पाती है। नतीजा- स्टार्क की रफ्तार लगातार 140+, कभी-कभी 150+ भी चली जाती है।
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