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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

इंडियन इकोनॉमी ने छुए चार ट्रिलियन के आंकड़े पीएफटीआई ने जताई खुशी

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इंडियन इकोनॉमी ने छुए चार ट्रिलियन के आंकड़े पीएफटीआई ने जताई खुशी

– उद्योगों से संबंधित समस्याओं का समाधान कर समय से पहले प्राप्त किया जा सकता है पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य

– दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा ही नहीं देश भर के औद्योगिक क्षेत्रों की सेहत सुधारने की जरूरत

 

गुरुग्राम: देश की अर्थव्यवस्था ने चार ट्रिलियन के आंकड़े को छू लिया है। इस पर प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन दीपक मैनी ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के अत्यंत निकट पहुंच गया है। इसे देश की अर्थव्यस्था के पांच ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने में बड़ी मदद मिलेगी। जर्मनी जीडीपी के मामले में अभी चौथे स्थान पर है उम्मीद है कि जल्द ही भारत इसे पछाड़ कर यह मुकाम हासिल कर लेगा। दीपक मैनी ने कहा कि इंडस्ट्री और ट्रेड को अधिक से अधिक सुविधाएं देकर प्रोत्साहित करने की दिशा में तेजी से कदम उठाया जाएं तो देश की अर्थव्यवस्था का विकास तीव्र गति से होगा। मैन्यूफैक्चिरिंग से संबंधित माइक्रो, स्माल एंड मीडियम (एमएसएमई) को अभी कई प्रकार की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। इसकी राह आसान बना कर पांच ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

पीएफटीआई चेयरमैन दीपक मैनी का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में हर साल वायु प्रदूषण के नाम पर इंडस्ट्री को बड़ी आर्थिक चोट पड़ती है। जबकि सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण की समस्या से इंडस्ट्री का कुछ भी सीधे लेना-देना नहीं है। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए उसके ठोस कारणों के निदान की जरूरत है। इस संबंध में पीएफटीआई की ओर से लगातार सुझाव दिए जा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में स्थित औद्योगिक इकाइयों की ओर से विदेशी बाजारों में गारमेंट्स, आटोमोबाइल एवं इससे संबंधित उपकरणों, इंजीनियरिंग, गुड्स, एग्रो प्रोडक्ट्स और आईटी से संबंधित निर्यात किए जाते हैं। जब वायु प्रदूषण के दिनों में इंडस्ट्री पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो इनकी कार्य करने की क्षमता और उत्पादन प्रभावित होता है। यदि इस समस्या का समाधान किया जाए तो प्रदेश सहित एनसीआर क्षेत्र में आने वाले उद्योगों द्वारा देश के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान दिया जा सकता है। यही नहीं इससे औद्योगिक विकास, विस्तार और निवेश की राह में भी बढ़त मिलेगी।
देश की अर्थव्यवस्था को तीव्रगामी बनाने के लिए सिर्फ दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में ही नहीं देश के सभी राज्यों में जहां भी औद्योगिक क्षेत्र हैं उन सभी स्थानों पर 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति होनी चाहिए। औद्योगिक क्षेत्रों के दायरे में झुग्गियों-झोपड़ियों की समस्या को दूर करना चाहिए। वहीं सड़कों पर रेहड़ी और खोमचों के अतिक्रमण की समस्या औद्योगिक क्षेत्रों में अधिक दिखती है, इन्हें हटाने ही जरूर है। वहीं अक्सर यह देखने में आता है कि लोकल अथॉरिटी द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में उचित रखरखाव (सीवरेज, ड्रेनेज और सफाई) की व्यवस्था नहीं है। जब भी औद्योगिक क्षेत्रों में विदेशी ग्राहक (बायर्स) आते हैं तो औद्योकिग क्षेत्रों की खराब हालत के कारण एक्सपोर्टर उन्हें लुभा नहीं पाते हैं। इससे विदेशी बाजार में पकड़ बनाने में एक्सपोर्टरों को भारी परेशानी होती है। यदि इन समस्याओं का समाधान कर दिया जाए तो भारत समय से पहले विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
पीएफटीआई चेयरमैन ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लक्ष्य रखा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2027 तक पांच ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंचा दिया जाएगा। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत की जीडीपी का साइज पांच ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को भी पार कर जाएगा। इस लक्ष्य को पाने के लिए औद्योगिक विकास की ओर विशेष ध्यान देने और छोटे उद्योगों की राह को आसान बनाने का काम करना होगा।