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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

इंडस्ट्री के दो बड़े पुलिस किरदारों पर बोले अजय- सिंघम लोगों को स्ट्रॉन्ग लगता है पर चुलबुल करता है’

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Dainik Bhaskar

Dec 30, 2019, 09:20 AM IST

बॉलीवुड डेस्क. अजय देवगन ने अपने कॅरिअर में पुलिस ऑफिसर के किरदारों को अलग-अलग अंदाज में पेश किया है। 2003 में ‘गंगाजल’ और फिर 2011 में आई ‘सिंघम’ में उनके पुलिसिया अंदाज को लोगों ने बखूबी पसंद किया है। सिंघम के किरदार को तो इतना प्यार मिला कि इस पर बाकायदा फ्रेंचाइजी बना दी गई। दैनिक भास्कर से हुई एक खास बातचीत में अजय ने खुद अपने कॉप किरदारों और इंडस्ट्री के बाकी कॉप किरदारों में फर्क बताया। 

अपने किरदार सिंघम और सलमान खान स्टारर फिल्म ‘दबंग’ के कैरेक्टर ‘चुलबुल पांडे’ में फर्क बताते हुए अजय कहते हैं- “सिंघम ने लोगों के दिमाग में बसा कॉप किरदारों का परसेप्शन बदला है। वह रॉबिनहुड कॉप तो नहीं है पर स्ट्रॉन्ग कैरेक्टर है। वहीं चुलबुल पांडे में एंटरटनेमेंट वैल्यू ज्यादा है। ऑडियंस वैसे कॉप कैरेक्टर्स को ज्यादा पसंद करती है, जो उन्हें ज्यादा एंटरटेन करे। इस फंडे पर चुलबुल पांडे फिट है। ‘गंगाजल’ का पुलिस अफसर अमित तो कतई एंटरटेनिंग नहीं है, क्योंकि वह कुछ ज्यादा ही स्ट्रेट फॉरवर्ड है। इस तरह की फिल्में चलेंगी भी, लोग अमित की तारीफ भी करेंगे लेकिन वह अमित जैसा बनना नहीं चाहेंगे। यह एक बड़ा फर्क है इन तीनों किरदारों में। सिंघम लोगों को  स्ट्रांग कैरेक्टर लगता है वहीं चुलबुल उन्हें बहुत एंटरटेन करता है।’

कैरेक्टर के हिसाब से रिएक्ट करता हूं: अपने कैरेक्टर्स को अप्रोच करने के तरीके के बारे में अजय बोले, ‘बहुत पहले मैं अपने कैरेक्टर्स को अप्रोच नहीं करता था पर अब करने लगा हूं। मेरा तरीका बहुत सिंपल होता है कि मैं कैरेक्टर के हिसाब से सोचने लग जाता हूं। पर्टिकुलर सिचुएशन में वह कैसे रिएक्ट करेगा, उस हिसाब से मैं सेट पर एक्ट और रिएक्ट करता रहता हूं। मिसाल के तौर पर ‘जख्म’ में मैंने भट्ट साहब को बता दिया था कि मुझे अपने कैरेक्टर के हिसाब से कैमरे के सामने रिएक्ट करने दें। अगर कैरेक्टर के चेहरे पर तकलीफ दिख गई तो बढ़िया, वरना बैड लक। संयोग से उनकी हरी झंडी मिली और फिर लोगों को भी वह फिल्म और कैरेक्टर दोनों पसंद आए। सिंघम भी अगर किसी खास सिचुएशन में फंसा होगा तो वह किस तरह से रिएक्ट करेगा या फिर तान्हाजी अपनी डिग्निटी के साथ क्या सोचेगा, उस वक्त वह कैसे रिएक्ट करेगा बस वही मैं सोचता रहता हूं। वह मेरा कैरेक्टर को खोजने का तरीका होता है। मैं किरदार निभाते समय यह सोचना बंद कर देता हूं कि अजय देवगन कैसे रिएक्ट करेगा। सेम अप्रोच के साथ मैंने ‘खाकी’ और ‘दीवानगी’ के नेगेटिव रोल भी किए।’