Dainik Bhaskar
Sep 05, 2019, 08:17 PM IST
बॉलीवुड डेस्क. मुंबई के गोरेगांव स्थित आरे फॉरेस्ट को बचाने की मुहिम तेज होती जा रही है। श्रद्धा कपूर के बाद लता मंगेशकर ने भी मेट्रो कार डिपो के निर्माण से ग्रीन बेल्ट को होने वाले नुकसान के लिए अपनी चिंता जाहिर की है। इतना ही नहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बीएमसी से इस मामले में 5 दिन में जवाब मांगा है।
मेट्रो शेड के लिए 2700 से अधिक पेड़ों की हत्या करना,आरे के जीव सृष्टि को और सौंदय को हानि पहुँचाना ये बहुत दुःख की बात होगी.मैं इस निर्णय का सख़्त विरोध करती हूँ.मैं सरकार को निवेदन करती हूँ की वो अपने इस निर्णय पर फिर एक बार विचार करे,और आरे के जंगल को बचाए #SaveAareyForest
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) September 4, 2019
तीन भाषाओं में किया ट्वीट : लता जी ने अपने ट्विटर हैंडल पर अंग्रेजी, हिन्दी और मराठी में ट्वीट करते हुए आरे के जंगल को बचाने की अपील की है। उन्होंने लिखा- मेट्रो शेड के लिए 2700 से अधिक पेड़ों की हत्या करना,आरे की जीव सृष्टि को और सौंदर्य को हानि पहुंचाना ये बहुत दुःख की बात होगी। मैं इस निर्णय का सख्त विरोध करती हूं। मैं सरकार से निवेदन करती हूं कि वह अपने इस निर्णय पर फिर एक बार विचार करे और आरे के जंगल को बचाए।
This is really sad news .. what can we helpless citizens do .. we cry over Amazon fires and watch this destruction in our own backyard rather quietly ? What should we do ? @narendramodi @Dev_Fadnavis @HardeepSPuri @PiyushGoyal is there someone listening ? #SaveAareyForest 🙏🏽 https://t.co/KQsmuELoGj
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) August 29, 2019
रणदीप हुड्डा ने भी किया विरोध : एक्टर रणदीप हुड्डा ने भी इसके पहले ट्वीट कर आरे फॉरेस्ट को बचाने के लिए अपील की थी। रणदीप ने लिखा था- यह वास्तव में दुखद समाचार है। हम असहाय नागरिक क्या कर सकते हैं। हम अमेजन की आग पर रोते हैं और अपने घर के पीछे हो रहे इस विनाश को चुपचाप देखते हैं? क्या करें?
जवाब के लिए 5 दिन का समय : बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को बीएमसी को मेट्रो-3 के लिए आरे कॉलोनी से 2,646 पेड़ों को हटाने के ट्री अथॉरिटी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब देने के लिए पांच दिन का समय दिया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को जवाब देने के लिए पांच दिन का समय दिया।
बीएमसी ने माना कि हालांकि फैसला हो चुका है, लेकिन पेड़ों को काटने के लिए अनुमति नहीं दी गई थी और न ही कोर्ट ने स्टे दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। ट्री अथॉरिटी ने 29 अगस्त को मेट्रो के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद पर्यावरणविद् ज़ोरू बथेना ने याचिका दायर की थी।
ट्री एक्ट के तहत एक प्रावधान है जिसके तहत कोई भी फैसले के खिलाफ 15 दिनों के भीतर अपील कर सकता है। आदेश की प्रति अभी भी बीएमसी वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई है और बीएमसी ने अदालत में आश्वासन दिया है कि आगे के फैसले तक पेड़ों को नहीं काटा जाएगा।