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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतना केंद्र सरकार और हर राज्य के लिए जरूरी: प्रकाश सिंह बादल

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Dainik Bhaskar

Mar 02, 2020, 09:26 AM IST

बठिंडा/ चंडीगढ़. शिअद की रविवार को बठिंडा में हुई रोष रैली में पूर्व मुख्यमंत्री व शिअद संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय का विश्वास जीतना हर सरकार के लिए जरूरी है फिर चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार। क्योंकि धर्मनिरपेक्षता और सर्वनिरपेक्षता ही इस देश की ताकत रही है। इसे बनाए रखना बेहद जरूरी है। गुरुओं ने भी अपनी बाणी में ही कहा है कि मानस की जात सभै एक पहचानबो। 

बादल ने यह बात दिल्ली दंगों पर दुख जाहिर करते कही। उन्होंने कहा कि 84 दंगे भी धर्म आधारित थे जिसमें एक कम्युनिटी के लोगों को मारा गया। उनके घरों की पहचान कांग्रेसियों ने करवाई और फिर दंगाईयों ने मारा। दंगों के शिकार हुए परिवारों की आज वहां एक बस्ती है, जिसे विधवाओं की बस्ती कहते हैं। मगर दिल्ली दंगों ने उन हालात की याद दिलवा दी। देश में जो मौजूदा हालात हैं उस पर चिंता जताते बादल ने सर्वधर्म एकजुटता पर जोर दिया। कुल मिलाकर बादल ने नाम लिए बिना केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
 

बागियों को नसीहत, कैप्टन पर भी निशाना

प्रकाश सिंह बादल ने पार्टी से बागियों को भी नसीहत दी। उन्होंने शिअद प्रधान रहे मास्टर तारा सिंह के कथन को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि सिख कौम के जो लोग विरोधी पार्टियों में हैं, सियासी दल उनका इस्तेमाल कौम को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं। सुखदेव सिंह ढींढसा पार्टी प्रधान सुखबीर बादल का विरोध करते हैं, जबकि वह खुद उनकी प्रधानगी में 10 साल सियासत का लुत्फ उठा चुके हैं। बादल ने मंच पर बैठे पार्टी नेताओं को भी एक दूसरे की टांग न खींचकर एकजुट रहने को कहा। उन्होंने कहा कि पार्टी से बढ़कर न मेरे लिए कुछ है और न आपके लिए होना चाहिए। कैप्टन पर निशाना साधते बादल ने कहा कि आजादी से पहले भी और बाद में भी नेहरू और गांधी ने जो कहा उससे पलट गए। अब कैप्टन भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चलकर कथनी और करनी में अंतर कर रहे हैं।

इधर, कैप्टन के 3 मंत्री बोले- बादल भाजपा पर बरसने की बजाय हरसिमरत कौर से इस्तीफा दिलाएं

भाजपा को निशाने पर लेते ही पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरप्रीत सिंह कांगड़ और भारत भूषण आशू ने बड़े बादल को दिल्ली हिंसा पर मोदी सरकार पर बरसने की बजाय ठोस कदम उठाने के लिए चुनौती दी। कांग्रेसी मंत्रियों ने कहा, यदि बड़े बादल अल्पसंख्यकों के प्रति चिंतित हैं तो वह पहले हरसिमरत बादल से इस्तीफा दिलाएं नहीं तो बयानबाजी करके मगरमच्छ के आंसू बहाने वाला काम न करें। बठिंडा रैली में दिए बयान पर कहा कि दिल्ली दंगे मामले में अकाली दल भी भाजपा जितना ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में सहयोगी अकाली दल ने पहले सीएए के मुद्दे पर संसद में वोट डाला और उसके बाद दिल्ली में अल्पसंख्यकों पर हुए दमन पर कोई बयान या निंदा नहीं की गई।