Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

GST: 29 चीजों और 53 सर्विसेज पर घटेगा टैक्स, ITR फाइल करना भी हो सकता है आसान

0
241

बजट से ठीक पहले हुई जीएसटी परिषद की बैठक में आम आदमी को राहत मिली है. जीएसटी परिषद ने गुरुवार को हुई बैठक में 29 चीजों और 53 सेवाओं पर जीएसटी को घटाकर 0 फीसदी कर दिया है. जिन उत्पादों पर जीएसटी कम किया गया है, उनमें ज्यादा हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल हैं. इसके साथ ही परिषद ने 39 चीजों पर जीएसटी कम करके 5 फीसदी और 12 फीसदी कर दिया  है.
व्यापारियों के लिए जल्द आएगी राहत
फिलहाल जीएसटी रिटर्न भरने के लिए फॉर्म का सरलीकरण करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. इसके बारे में 10 दिन बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से फिर से बैठक होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि बैठक में रिटर्न फाइल को सरल करने पर चर्चा हुई और नंदन नीलेकणि और सुशील मोदी ने इस पर विस्तृत प्रस्तुति भी दी है.
यह हुए अहम फैसले
गुरुवार को जीएसटी परिषद की बैठक में 29 सामान और 53 सेवाएं पर से स्वीकार किया गया. बोतलबंद पानी पर जीएसटी 18 से 12 फीसदी कर दी गई है. इसके अलावा 40 हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं की कीमत तय की जाएगी. जिन वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी में राहत दी गई है, उनके नए रेट 25 जनवरी से जीएसटी के नए रेट लागू हो जाएंगे. इसके अलावा 1 फरवरी से ई-वे बिल भी लागू हो जाएगा.
पेट्रोलियम पदार्थों पर होगा फैसला
बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि गुरुवार की बैठक में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में लाने पर बात नहीं हो सकी. हालांकि, उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली मीटिंग में पेट्रोलियम पदार्थों के साथ ही दूसरे पदार्थों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. इन्हें जीएसटी के दायरे में लाने पर बात की जाएगी. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पेट्रोल की कीमत फिर 80 रुपये के करीब पहुंच गई है. वहीं, कई राज्यों में डीजल 65 का आंकड़ा पार कर चुका है.
आम लोगों के लिए एक और राहत संभव
इसके अलावा रियल इस्टेट को जीएसटी के तहत लाने पर भी कोई फैसला इस बैठक में नहीं हो सका. हालांकि इस पर चर्चा जरूर हुई है. रियल इस्टेट के जीएसटी के दायरे में आने से आम लोगों को स्टांप ड्यूटी समेत कई चीजों पर होने वाले खर्च  से निजात मिल सकती है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बैठक में जीएसटी परिषद रियल इस्टेट को जीएसटी के दायरे में ला सकती है. इसकी वजह यह थी कि समय-समय पर वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत सरकार के कई नेता रियल इस्टेट को जीएसटी के तहत लाने की बात कई बार कह चुके हैं.
व्यापारियों की यह है मांग
कारोबारी लंबे समय से मांग कर रहे थे कि जीएसटीआर रिटर्न भरना आसान किया जाए. उम्मीद थी कि सरकार जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 जैसे कई फॉर्म  भरने से निजात दिला सकती है. कई फॉर्म्स  की जगह एक ही फॉर्म लाने का फैसला भी इस मीटिंग में ले सकती है, लेक‍िन ऐसा नहीं हो सका है. हालांकि फिलहाल जीएसटी रिटर्न भरने के लिए फॉर्म का सरलीकरण करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. इसके बारे में 10 दिन बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से फिर से बैठक होगी.