Chandigarh February 24, 2023
आज दिनांक 24 फरवरी 2023 को पंजाब विश्वविद्यालय के हिन्दी–विभाग में के० के० ग्रोवर सद्भावना भाषण और ए० सी० बाली स्मारक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | कार्यक्रम का आरम्भ पंजाब विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुआ | तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना हुई | भाषण प्रतियोगिता के विषय के अंतर्गत कृष्ण किशोर ग्रोवर सद्भावना भाषण प्रतियोगिता के विषय इस प्रकार रहे– 1. भारतीय संस्कृति और युवा2. वैश्वीकरण के युग में भाषा का प्रश्न 3. जहाँ चाह वहाँ राह 4. अनुशासन ही देश को महान बनाता है 5. नारी सशक्तिकरण एवं ए० सी० बाली स्मारक भाषण प्रतियोगिता के विषय रहे– 1. राष्ट्रीय युवा दिवस और विवेकानंद 2. एक भारत श्रेष्ठ भारत 3. हमारे कर्त्तव्य और अधिकार 4. देश की सुरक्षा 5. भ्रष्टाचार उन्मूलन की आवश्यकता | कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ | प्रथम सत्र के अंतर्गत कुल 9 प्रतिभागियों ने एवं द्वितीय सत्र में कुल 7 प्रतिभागियों ने भाग लिया | प्रथम सत्र के मुख्यातिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव वाई० पी० वर्मा एवं अध्यक्षता प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद ने की | द्वितीय सत्र के मुख्यातिथि प्रोफ़ेसर संजय कौशिक एवं अध्यक्षता प्रोफ़ेसर अशोक कुमार ने की | निर्णायक मंडल के सदस्यों में प्रथम सत्र के अंतर्गत दर्शनशास्त्र विभाग से डॉ० पंकज श्रीवास्तव, असिस्टेंट लाइब्रेरियन डॉ० मृत्युंजय कुमार एवं पंचवर्षीय विधि विभाग से डॉ० भारत शर्मा एवं द्वितीय सत्र में विधि विभाग से डॉ० दिनेश कुमार यू० एस० ओ० एल० के पंजाबी विभाग से डॉ० हरमेल सिंह एवं इतिहास विभाग से डॉ० जसबीर सिंह शामिल हुए | कार्यक्रम के आरम्भ में ही विभागाध्यक्ष ने भाषण प्रतियोगिता का इतिहास साझा करते हुए बताया की ये भाषण प्रतियोगिताएँ विभाजन पूर्व लाहौर में स्थित विश्वविद्यालय में मनाना आरम्भ हुई | इसका उद्देश्य स्वतंत्रता, नैतिक आचरण और नारी सम्मान था | तत्पश्चात विभागाध्यक्ष ने नियमावली का वाचन किया | इस प्रतियोगिता का महत्त्व यह है कि इसमें प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में पुरस्कार प्रदान किया जाता है | प्रतिभागियों ने चयनित विषय पर अपना भाषण किया | प्रथम सत्र के मुख्यातिथि एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव वाई० पी० वर्मा ने के० के ग्रोवर और ए० सी० बाली का विशेष सन्दर्भ देते हुए कहा कि जीवन में ऐसा कार्य करना चाहिए कि अगली पीढ़ी उसका अनुसरण कर सके और चरित्र एवं विचारों की शुद्धता के महत्त्व को रेखांकित किया | साथ– ही– साथ हिंदी विभाग के द्वारा इस परम्परा को बनाए रखने के लिए उनकी सराहना की| अध्यक्षीय टिपण्णी के रूप में प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद ने कहा कि प्रतिभागियों द्वारा विषय चयन एवं सामग्री संकलन व्यापक एवं बहुपक्षीय होना चाहिए | भाषण की शैली संतुलित और स्वाभाविक होनी चाहिए | अध्यक्ष प्रोफ़ेसर बैजनाथ ने इस तथ्य से भी अवगत करवाया कि दिवंगत राजनीतिज्ञ सुषमा स्वराज ने तीन साल इस प्रतियोगिता में