Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

राहुल का मोदी पर तंज- गुजरात की बहनों से किया सिर्फ वादा, पूरा करने का नहीं इरादा

0
222

गुजरात विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी रोज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक सवाल पूछ रहे हैं. इस कड़ी में राहुल ने रविवार को ट्विटर पर 5वां सवाल करते हुए गुजरात में महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य का मामला उठाया है. राहुल ने पीएम मोदी से सवाल करते हुए 22 साल तक गुजरात में सत्ता संभालने वाली बीजेपी को निशाने पर लिया है.
राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण, महिलाओं को मिला तो सिर्फ़ शोषण, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा, सबको दी बस निराशा, गुजरात की बहनों से किया सिर्फ़ वादा, पूरा करने का कभी नहीं था इरादा’. ने इस सवाल के साथ राहुल ने हैशटेग गुजरात मांगे जवाब भी लिखा है.
महिलाओं पर अपराध का जिक्र
प्रधानमंत्री से किए गए सवाल के साथ राहुल ने एक फोटो भी शेयर की है जो उनकी ओर से किए गए सवालों से संबंधित कुछ आंकड़े दिखाती है. फोटो में दावा किया गया है कि गुजरात में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलो में सिर्फ 3 फीसद आरोपियों पर ही दोषी तय हो पाते हैं. साथ ही पूछा गया है कि सूरत और अहमदाबाद जैसे बड़े शहर महिलाओं के खिलाफ अपराध की  की लिस्ट में टॉप पर आते हैं.
इसके अलावा ट्वीट में गुजरात में बच्चियों की शिक्षा पर सवाल उठाए गए हैं. पूछा गया है कि लड़कियों की शिक्षा के मामले में गुजरात टॉप-20 से भी बाहर क्यों है. महिला साक्षरता में 2001-11 के बीच 13 फीसद की गिरावट क्यों आई है.
राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात में महिला स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी निशाने पर लिया है. उन्होंने पीएम से पूछा है कि नवजात को जन्म देने वाली 67 फीसद महिलाओं को सरकारी एंबुलेंस की सुविधा क्यों नहीं दी जाती है. साथ ही राहुल गांधी ने पूछा है कि राज्य की 55 फीसद महिलाएं एनीमिया की शिकार क्यों हैं.  
मनमोहन के हवाले से निशाना
राहुल ने इसके अलावा एक अन्य ट्वीट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान का जिक्र किया है जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधा था. मनमोहन सिंह ने शनिवार को सूरत में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद उसके असर का मूल्यांकन करने में सरकार जल्दबाजी कर रही है.